तिरुपति लड्डू विवाद: पवन कल्याण ने कार्थी की टिप्पणी की आलोचना की, अभिनेता ने मांगी माफी

कार्थी के मज़ाक से उठा विवाद

हाल ही में, आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने अभिनेता कार्थी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। यह टिप्पणी कार्थी ने अपने फिल्म के प्री-रिलीज़ इवेंट के दौरान की थी, जो तिरुपति लड्डू विवाद से जुड़ी थी। कार्थी ने हल्के-फुल्के मूड में कहा, 'अभी लड्डुओं की बात न करें। यह एक संवेदनशील मुद्दा है।'

कार्थी का यह बयान उस समय आया, जब तिरुपति लड्डू में मिलावट के संदर्भ में एक बड़ा विवाद चल रहा है। आरोप हैं कि लड्डुओं में जानवर की चर्बी मिलाई गई है, जो हाल ही में हुए लैब रिपोर्ट्स के बाद पुष्टि हुई है।

पवन कल्याण, जिन्होंने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है, फिलहाल 11 दिनों की एक दीक्षा पर हैं, जिसमें वे 'प्रायश्चित' कर रहे हैं।

पवन कल्याण की नाराज़गी

इस विवाद के बीच, पवन कल्याण ने फिल्म उद्योग के कलाकारों से अपील की है कि वे तिरुपति के लड्डुओं पर हल्के-फुल्के मजाक न करें। उन्होंने कहा कि यह केवल एक खाद्य पदार्थ नहीं है, बल्कि लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक भी है।

उन्होंने हिंदू हस्तियों से आग्रह किया कि वे सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों पर हल्के शब्दों में टिप्पणी करने से बचें। पवन का मानना है कि यह हमारे धर्म और संस्कृति का अनादर है और इससे हमारी परंपराओं को ठेस पहुंचती है।

प्रकाश राज पर भी साधा निशाना

इसके अलावा, पवन कल्याण ने अभिनेता प्रकाश राज पर भी निशाना साधा। प्रकाश राज ने पवन कल्याण को सलाह दी थी कि वे इस मुद्दे को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर न पेश करें और साम्प्रदायिक तनाव न पैदा करें।

पवन कल्याण ने प्रकाश राज की इस टिप्पणी को गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि तिरुपति लड्डू विवाद लाखों भक्तों की आस्था से जुड़ा मुद्दा है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

कार्थी ने मांगी माफी

इस विवाद के बाद कार्थी ने सोशल मीडिया पर पवन कल्याण से माफी मांगी। कार्थी ने अपनी माफी में कहा कि उनका मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था और वह हमेशा से ही हिंदू परंपराओं का सम्मान करते रहे हैं।

कार्थी के इस कदम से यह सिद्ध होता है कि वे अपने बयान को लेकर गंभीर हैं और उन्होंने तिरुपति लड्डू की महत्ता को समझा है।

तिरुपति लड्डू विवाद का आरंभ

तिरुपति लड्डू विवाद की शुरुआत 19 सितंबर को हुई, जब एक प्रयोगशाला रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई कि लड्डू की तैयारी में इस्तेमाल किए गए घी में मिलावट पाई गई है। इस मिलावट के आरोपों ने लाखों भक्तों की आस्थाओं को झकझोर दिया है, जो तिरुपति लड्डू को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

यह मामला राज्य सरकार और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के लिए भी चुनौतीपूर्ण बन गया है, क्योंकि उन्हें अपनी प्रतिष्ठा बचाने और भक्तों की आस्थाओं को बरकरार रखने के लिए उचित कदम उठाने पड़ रहे हैं।

भक्तों की प्रतिक्रिया

तिरुपति लड्डू के विवाद ने भक्तों के बीच भी रोष पैदा कर दिया है। उनके लिए यह केवल एक मिठाई नहीं है बल्कि भगवान वेंकटेश्वर का प्रसाद है, जिसे वे अत्यधिक श्रद्धा के साथ ग्रहण करते हैं।

भक्तों का मानना है कि तिरुपति लड्डू में मिलावट की खबर से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और यह उनके आस्था पर सीधा हमला है।

क्या कदम उठाए गए हैं?

राज्य सरकार और TTD ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति सभी संबंधित पहलुओं की जांच कर रही है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की जा रही है।

इसके साथ ही, भक्तों को आश्वस्त किया जा रहा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। TTD ने यह भी कहा है कि वे लड्डू की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं और किसी भी प्रकार की मिलावट को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं।

उद्योग और समाज की भूमिका

फिल्म उद्योग और समाज को भी इस प्रकार के मुद्दों पर जागरूक होना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। पवन कल्याण ने सही कहा है कि हमें अपनी धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं का सम्मान करना चाहिए और हल्के-फुल्के तौर पर किए गए किसी भी मजाक से बचना चाहिए जो साम्प्रदायिक धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।

यह विवाद एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि चाहे वह फिल्म जगत हो या आम समाज, हमें एक संवेदनशील और जागरूक नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और किसी भी प्रकार की ऐसी गतिविधि से बचना चाहिए जो धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचा सकता है।

अवनि बिश्वास

अवनि बिश्वास

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

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