2021 का पहला चंद्रग्रहण: 26 मई को खूनी चाँद का नजारा

खगोल का अद्भुत चाँद: खूनी चाँद का अनूठा दृश्य

2021 का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 26 मई को घटित हुआ, जिस दौरान चाँद ने खूनी चाँद का रूप धारण किया। यह विशेष घटना लगभग ढाई वर्षों के बाद आई, जिसने इस खगोलीय घटना को और भी खास बना दिया। इस बार का चंद्रग्रहण 'सुपरमून' के साथ हुआ, जिसने चाँद को और भी बड़ा और चमकदार बना दिया। इस दौरान चाँद का आकार सामान्य से बड़ा दिखाई दिया, इसीलिए इसे सुपरमून कहा गया।

इस अनोखे दृश्य को पश्चिमी उत्तरी अमेरिका (अलास्का और हवाई समेत), प्रशांत महासागर, दक्षिणी और पश्चिमी दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और पूर्वी एशिया में देखा जा सका। पूर्वी उत्तरी अमेरिका के लोग सूर्योदय से पहले इसके आंशिक चरणों का नजारा ले सके।

ग्रहण के विभिन्न चरण

ग्रहण के विभिन्न चरण

  • आंशिक उम्ब्रल ग्रहण: सुबह 09:45 यूटीसी (भारतीय समयानुसार दोपहर में)
  • पूर्ण ग्रहण: 11:11 यूटीसी पर
  • ग्रहण का सबसे बड़ा चरण: 11:19 यूटीसी पर
  • आंशिक ग्रहण का अंत: 12:52 यूटीसी पर

पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान, चाँद का लाल रंग तब उत्पन्न होता है जब सूरज की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरकर चाँद पर पहुँचती है, और इसे 'खूनी चाँद' कहा जाता है। यह नजारा आँखों से बिना किसी विशेष उपकरण के सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है। जो लोग इसे अपने स्थान पर नहीं देख सके, उनके लिए इंटरनेट पर कई चैनलों द्वारा लाइव स्ट्रीमिंग का आनंद प्रदान किया गया।

akhila jogineedi

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मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (11)

wave
  • Kaushal Skngh

    Kaushal Skngh

    मार्च 14, 2025 AT 20:39 अपराह्न

    वाह, फिर से वही पुराना ख़ूनी चाँद का शोर।

  • Harshit Gupta

    Harshit Gupta

    मार्च 20, 2025 AT 22:46 अपराह्न

    क्यों हर बार ऐसा लगता है कि भारत को ही विज्ञान के पीछे पीछे छोड़ दिया गया है??! हमें अपने ही नज़रिए से इस खूनी चाँद को देखना चाहिए, क्योंकि यही हमारे गौरव की निशानी है! चाहे पश्चिमी देश कितनी भी तारीफ कर लें, असली महिमा तो हमारी आँखों में है! इस सुपरमून को देखकर तो हमें अपनी प्राचीन खगोलिक ज्ञान की याद आती है, जो कभी नहीं फीका पड़ता। तो भाई, इस बार का चंद्रग्रहण हमारे लिए विशेष था, न कि सिर्फ़ एक दृश्य।

  • HarDeep Randhawa

    HarDeep Randhawa

    मार्च 26, 2025 AT 17:40 अपराह्न

    अरे यार!!! क्या बात है, फिर से वही‑ही‑वही?!! क्या हमें हर बार यही “खूनी चाँद” का नाटक देखना पड़ता है???!! बेतुका, बेमूळ, बस-इसी में क्या खास?!!

  • Nivedita Shukla

    Nivedita Shukla

    अप्रैल 1, 2025 AT 12:33 अपराह्न

    जब रात के अंधेरे में लाल चाँद उभरता है, तो मन एक अजीब सी उलझन में पड़ जाता है।
    जैसे किसी ने हमारी आत्मा को लाल चूनर से सिलाया हो, वैसे ही वह हमें अनजाने रहस्यों की तरफ बुलाता है।
    क्या हम इस लाल रोशनी को केवल एक खगोलीय घटना समझते हैं या फिर इसके पीछे छिपे अर्थों को महसूस करते हैं?
    वेदों के युग में भी चाँद को ‘शरीर का द्वीप’ कहा जाता था, और उसकी विभिन्न अवस्थाओं को मन की गहराइयों से जोड़ा जाता था।
    आज का ‘खूनी चाँद’ हमें वही प्राचीन विचारधारा याद दिलाता है-कि प्रकाश और अंधकार का खेल ही अस्तित्व की अनिवार्य धारा है।
    जब प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से टकराता है, तो वह लालिमा में बदल जाता है, जैसे हमारे भीतर की गहरी इच्छाएँ और आशाएं।
    इसी लाल रंग को देखकर हमें अपने भीतर के दिल की धड़कन सुनाई देती है, जो कभी स्थिर नहीं रहती।
    जब हम इस दृश्य को देखते हैं, तो हमारी परिप्रेक्ष्य में एक नया आयाम उत्पन्न हो जाता है, जो समय की सीमा से परे है।
    ऐसे क्षण में विज्ञान और आध्यात्मिकता का संगम होते हुए प्रतीत होता है, जहाँ दोनों हाथ मिलाते हैं।
    कोई कहता है कि यह सिर्फ़ पृथ्वी की परतों का प्रकाश का नृत्य है, परन्तु यह नृत्य हमारी आत्मा के गुटकों को भी छू जाता है।
    जैसे हम इस चाँद को आँखों से देख पाते हैं, वैसे ही हमारे विचारों की लहरें भी इस लाल चाँद की ओर खींचे जाती हैं।
    हमें यह याद रखना चाहिए कि ब्रह्माण्ड हमें निरंतर सिखाता रहता है, चाहे वह विज्ञान हो या दर्शन।
    खूनी चाँद का रंग हमें हमारे भीतर के संघर्षों की याद दिलाता है, और साथ ही विजय की आशा भी देता है।
    जब हम इस अद्भुत दृश्य को साझा करते हैं, तो हम अपने आप को इस विशाल ब्रह्माण्ड के भागीदार मानते हैं।
    आइए, इस लाल रोशनी को सिर्फ़ एक दृश्य न समझें, बल्कि एक संदेश के रूप में ग्रहण करें।
    और फिर, इस संदेश को अपने दिल में बसाकर, जीवन की नई राहों पर आगे बढ़ें।

  • Rahul Chavhan

    Rahul Chavhan

    अप्रैल 7, 2025 AT 07:26 पूर्वाह्न

    भाई लोगो, ये सुपरमून देखना एकदम कूल है, सबको देखना चाहिए।

  • Joseph Prakash

    Joseph Prakash

    अप्रैल 13, 2025 AT 02:20 पूर्वाह्न

    निश्‍चय ही देखना चाहिए 🌕👍

  • Arun 3D Creators

    Arun 3D Creators

    अप्रैल 18, 2025 AT 21:13 अपराह्न

    सच्ची बात है, सुपरमून बस एक फिल्म की तरह दिखता है

  • RAVINDRA HARBALA

    RAVINDRA HARBALA

    अप्रैल 30, 2025 AT 11:00 पूर्वाह्न

    फिर भी डेटा दिखाता है कि इस ग्रहत्याग को वैज्ञानिक तौर पर बेहतर समझा गया है, बाकी आवाज़ें केवल बेवकूफी हैं।

  • Vipul Kumar

    Vipul Kumar

    मई 12, 2025 AT 00:46 पूर्वाह्न

    सभी को इस दृश्य के बारे में बताना ज़रूरी है, क्योंकि ये हमें एक साथ लाता है और ज्ञान साझा करता है। हमें इस अनुभव को सकारात्मक रूप से देखना चाहिए, और आकाश के इस आश्चर्य का आनंद लेना चाहिए।

  • Priyanka Ambardar

    Priyanka Ambardar

    मई 23, 2025 AT 14:33 अपराह्न

    ये सब बाहरी लोग बताते-बताते थक गए :) अब हमें अपना गौरव दिखाने का समय है!

  • sujaya selalu jaya

    sujaya selalu jaya

    जून 4, 2025 AT 04:20 पूर्वाह्न

    ध्यान रखें, सभी को सम्मानजनक ढंग से बात करनी चाहिए

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