अजिंक्य रहाणे ने सिर्फ एक ट्वीट से भारतीय क्रिकेट के एक युग का अंत घोषित कर दिया। अजिंक्य रहाणे ने 21 अगस्त 2024 को मुंबई क्रिकेट टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया — एक ऐसा फैसला जिसने देशभर के प्रशंसकों को हैरान कर दिया। ये सिर्फ एक कप्तानी बदलाव नहीं, बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी के करियर के अंतिम चरण की शुरुआत है, जिसने 17 साल तक मुंबई के लिए गर्व का प्रतीक बना रहा। उनके बाद कौन आएगा? और क्या यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का पहला संकेत है? ये सवाल अब हर क्रिकेट बातचीत का केंद्र बन गए हैं।
17 साल का सफर, एक ट्वीट में समाप्त
रहाणे ने सितंबर 2007 में प्रथमश्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। उस दिन से लेकर आज तक, उन्होंने मुंबई के लिए 300 से अधिक मैच खेले — टेस्ट, वनडे, टी20 का कोई फर्क नहीं। उन्होंने तीन बार रणजी ट्रॉफी जीती, दो बार विजय हजारे ट्रॉफी, और अक्सर टीम को बचाने के लिए दोनों पारियों में बल्लेबाजी की। लेकिन अब, उन्होंने लिखा: "एक नए कप्तान को तैयार करने का यह सही समय है।" सादगी से लिखा गया ये संदेश, एक दिन भर में 8 लाख बार शेयर हुआ।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंतिम चिंगारी
रहाणे ने भारत के लिए 85 टेस्ट मैच खेले — 5077 रन, 12 शतक, 16 अर्धशतक। उनकी औसत 38.46 है, जो उनकी जिद्द और अडिगता को दर्शाती है। उनका आखिरी टेस्ट मैच जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ था। उसके बाद से वह टीम में नहीं दिखे। लेकिन यहां एक अजीब बात है: उन्होंने कभी संन्यास नहीं लिया। न तो बीसीसीआई ने उन्हें बाहर किया, न ही उन्होंने खुद जाने का फैसला किया। बस... धीरे-धीरे दरवाजा बंद हो गया।
स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं अभी भी टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं।" ये बात सुनकर दिल दहल गया। क्योंकि ये नहीं कह रहे थे कि "मैं खेलना चाहता हूं" — बल्कि "मैं खेलना चाहता हूं"। अंतर छोटा है, लेकिन असर बड़ा।
पुजारा के संन्यास ने बदल दिया माहौल
24 अगस्त 2025 को चेतेश्वर पुजारा ने सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। उनके बाद रहाणे ने ट्वीट किया: "पुज्जी, आपके शानदार करियर के लिए बधाई।" उनकी ये बात बस एक शुभकामना नहीं थी — ये एक अलविदा थी। दोनों ने मिलकर टेस्ट क्रिकेट के उस युग को जीवित रखा था, जब बल्लेबाजी का मतलब था — घंटों बल्ला चलाना, गेंदबाजों को बोर करना, और टीम को बचाना।
रोहित शर्मा के टेस्ट संन्यास के बाद रहाणे ने एनडीटीवी को बताया कि वे "हैरान" थे। लेकिन अब वह खुद उसी जगह पर हैं। और अब बात ये है: क्या अब वह भी चले जाएंगे?
बीसीसीआई का शांत, लेकिन निर्मम नियम
बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, जिन खिलाड़ियों ने 75 से अधिक टेस्ट खेले हैं, उन्हें संन्यास के बाद हर महीने 70,000 रुपये की पेंशन मिलती है। रहाणे इस श्रेणी में आते हैं। लेकिन पेंशन का मतलब सिर्फ पैसा नहीं है — ये एक आधिकारिक समाप्ति है। जब एक खिलाड़ी इस नियम का हिस्सा बनता है, तो उसका नाम टीम इंडिया के रिकॉर्ड में अंतिम रूप से दर्ज हो जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बीसीसीआई के सेलेक्टर्स ने पहले ही रहाणे को अपने भविष्य के योजनाबद्ध खिलाड़ियों की सूची से हटा दिया है। युवा बल्लेबाज जैसे श्रेयस अय्यर, शुभमन गिल और रिषभ पंत को प्राथमिकता दी जा रही है। रहाणे के लिए वापसी का रास्ता अब इतना बंद है कि एक चोट भी उन्हें वापस नहीं ला सकती।
अगला कदम: क्या अब टेस्ट से विदा?
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन अगर रहाणे अगले रणजी सीजन में भी नहीं खेलते हैं — तो ये अंतरराष्ट्रीय संन्यास का अगला संकेत होगा। उनके साथ भुवनेश्वर कुमार, इशांत शर्मा और उमेश यादव भी इसी रास्ते पर चल सकते हैं। ये वो निशान हैं जो भारतीय क्रिकेट के एक युग के अंत को दर्शाते हैं।
रहाणे ने अपने खेल में दिखाया कि शतक बनाने से ज्यादा अहम बात है — टीम के लिए लड़ना। उनके बल्ले से निकले रन नहीं, बल्कि उनकी लगन ने नई पीढ़ी को प्रेरित किया। अब वह चाहते हैं कि नए लोग उनकी जगह लें। लेकिन क्या कोई उनकी जगह ले पाएगा? ये सवाल अभी भी खुला है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या अजिंक्य रहाणे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं?
नहीं, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। रहाणे ने सिर्फ मुंबई की कप्तानी छोड़ी है। लेकिन उनके आखिरी टेस्ट मैच के बाद से वे टीम इंडिया में शामिल नहीं हुए हैं, और बीसीसीआई के सेलेक्शन कमेटी ने उन्हें अपनी योजनाओं में शामिल नहीं किया है। अगर वे अगले रणजी सीजन में भी नहीं खेलते हैं, तो संन्यास की अटकलें और बढ़ जाएंगी।
रहाणे को संन्यास के बाद कितनी पेंशन मिलेगी?
बीसीसीआई के नियमानुसार, 75 से अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को हर महीने 70,000 रुपये की पेंशन मिलती है। रहाणे ने 85 टेस्ट, 90 वनडे और 20 टी20 मैच खेले हैं, इसलिए वे इस योग्यता के पात्र हैं। यह पेंशन उनके संन्यास के बाद शुरू होगी, और इसका अर्थ है कि वे अब भारतीय क्रिकेट टीम के सक्रिय सदस्य नहीं रहे।
मुंबई टीम के लिए अगला कप्तान कौन हो सकता है?
श्रेयस अय्यर और दिनेश कार्तिक को मुंबई की कप्तानी के लिए मुख्य उम्मीदवार माना जा रहा है। अय्यर ने पिछले दो सीजन में टीम को सफलता दिलाई है, और वह एक शांत नेता हैं। दिनेश कार्तिक की अनुभवी बल्लेबाजी और लीडरशिप क्षमता भी उन्हें एक मजबूत विकल्प बनाती है। रहाणे के निकास के बाद टीम को नई दिशा चाहिए, और ये दोनों खिलाड़ी उस भूमिका को निभा सकते हैं।
रहाणे के संन्यास का भारतीय क्रिकेट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
रहाणे का संन्यास एक युग के अंत का संकेत है — जिसमें टेस्ट क्रिकेट के लिए जिद्द, धैर्य और टीम के लिए लड़ने की भावना थी। उनके बाद टीम इंडिया का टेस्ट बल्लेबाजी क्रम अब बहुत युवा हो जाएगा। अगर युवा खिलाड़ी इस दबाव को नहीं संभाल पाते हैं, तो भारत का टेस्ट क्रिकेट एक नए अस्तित्व की ओर बढ़ सकता है — जिसमें आक्रामकता ज्यादा होगी, लेकिन गहराई कम।
क्या रहाणे को कोचिंग या टीम मैनेजमेंट में भूमिका मिल सकती है?
बेशक। रहाणे की टेक्निकल जानकारी, टेस्ट क्रिकेट के प्रति लगन और युवा खिलाड़ियों के साथ उनका व्यवहार उन्हें एक बेहतरीन कोच बनाता है। उन्हें बीसीसीआई के नेशनल एकेडमी या रणजी टीम के कोचिंग स्टाफ में शामिल किया जा सकता है। अगर वे टीम इंडिया के टेस्ट टीम के बल्लेबाजी कोच बन जाएं, तो ये उनके करियर का सबसे बड़ा योगदान होगा — न केवल खुद के लिए, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए।
Narayana Murthy Dasara
नव॰ 28, 2025 AT 18:13 अपराह्नरहाणे ने जो किया वो कोई बड़ा ड्रामा नहीं था, बस एक शांत अलविदा। लेकिन इस शांतता में ही तो उनकी बड़ी बात है। आजकल सब कुछ ट्वीट करके बता देते हैं, पर उन्होंने बस एक लाइन लिखी और सब कुछ समझ गए।
lakshmi shyam
नव॰ 30, 2025 AT 02:11 पूर्वाह्नअब तो बस इतना ही बचा है कि लोग उनकी यादों में रोएं। जब तक रहाणे खेल रहे थे, तब तक टेस्ट क्रिकेट का दिल धड़क रहा था। अब ये दिल बंद हो गया।
Sabir Malik
नव॰ 30, 2025 AT 18:13 अपराह्नमैंने रहाणे को 2008 में देखा था, जब उन्होंने ब्रिस्बेन में दो घंटे बल्ला चलाया था और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को बोर कर दिया था। आज के युवा बल्लेबाज उस तरह की बल्लेबाजी को नहीं समझते। वो बस छक्के मारना चाहते हैं। रहाणे ने बताया कि क्रिकेट सिर्फ रन नहीं, बल्कि धैर्य है। अब जब वो नहीं हैं, तो ये धैर्य भी गायब हो रहा है।
Debsmita Santra
दिस॰ 1, 2025 AT 17:00 अपराह्नरहाणे के निकलने से टेस्ट क्रिकेट का एक आध्यात्मिक तत्व खत्म हो गया है जो केवल टेक्निकल एक्सपर्टिज से नहीं बल्कि एक अनुभवी खिलाड़ी की आत्मा से आता था। बीसीसीआई के सेलेक्शन कमेटी का फोकस अब बस डेटा और एनालिटिक्स पर है न कि लीडरशिप क्वालिटीज या टीम की आत्मा को बनाए रखने की क्षमता पर। ये एक बड़ी गलती है।
Vasudha Kamra
दिस॰ 2, 2025 AT 16:03 अपराह्नअजिंक्य रहाणे के इस्तीफे के बाद मुंबई टीम के लिए श्रेयस अय्यर एक बेहतरीन विकल्प हैं। वे शांत, विचारशील और टेक्निकली सुदृढ़ हैं। उनकी बल्लेबाजी में रहाणे की तरह धैर्य और रणनीति दोनों हैं। ये टीम के लिए एक सुरक्षित और समझदारी भरा अगला कदम है।
Abhinav Rawat
दिस॰ 3, 2025 AT 05:43 पूर्वाह्नअगर एक खिलाड़ी कभी संन्यास नहीं लेता, तो क्या वह असली तौर पर खेलना बंद कर देता है? या फिर वह बस एक नए रूप में जी रहा होता है? रहाणे ने जो किया, वो एक खिलाड़ी का अंत नहीं, बल्कि एक आदमी का नया अध्याय है। शायद अब वो बल्ला नहीं, बल्कि बातचीत कर रहे हैं।
Shashi Singh
दिस॰ 4, 2025 AT 18:03 अपराह्नये सब एक बड़ा षड्यंत्र है!!! बीसीसीआई ने रहाणे को बहिष्कृत कर दिया है!!! उन्होंने उन्हें टीम से हटाया, फिर उनके ट्वीट का फायदा उठाकर ये बता रहे हैं कि "वो खुद चले गए"!!! और फिर ये पेंशन का झूठ भी चल रहा है!!! ये नियम तो बस बाहरी लोगों को शांत करने के लिए बनाया गया है!!! रहाणे ने अभी तक एक भी शब्द नहीं कहा!!! ये बात बहुत डरावनी है!!!
Surbhi Kanda
दिस॰ 5, 2025 AT 06:29 पूर्वाह्नरहाणे का इस्तीफा एक आधिकारिक निर्णय नहीं है, लेकिन इसका अर्थ अब उनके लिए टीम इंडिया में वापसी का रास्ता बंद है। यह एक नियमित प्रक्रिया है। युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता देना आवश्यक है। यह खेल के भविष्य के लिए जिम्मेदारी है।
Sandhiya Ravi
दिस॰ 5, 2025 AT 14:53 अपराह्नरहाणे को देखकर लगता है कि वो अभी भी खेलना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने अपने टीम के लिए अपने खुद के अहंकार को छोड़ दिया। इस तरह की निस्वार्थता आज बहुत कम मिलती है। वो एक असली नेता हैं।
Ambika Dhal
दिस॰ 5, 2025 AT 17:49 अपराह्नरहाणे ने अपना युग बर्बाद कर दिया। वो टेस्ट क्रिकेट के लिए बने थे, लेकिन उन्होंने अपने आप को बहुत धीमा बना लिया। अब ये अंतरराष्ट्रीय संन्यास की बात कर रहे हैं? ये तो बस एक बहाना है। अगर वो वाकई चाहते होते तो अपनी फिटनेस बनाए रखते।
Vaneet Goyal
दिस॰ 7, 2025 AT 11:13 पूर्वाह्नउनके इस्तीफे के बाद मुंबई टीम के लिए श्रेयस अय्यर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उनकी बल्लेबाजी की शैली और नेतृत्व क्षमता दोनों रहाणे की तरह हैं। यह एक स्मार्ट और संतुलित चयन है।
Amita Sinha
दिस॰ 7, 2025 AT 19:12 अपराह्नरहाणे ने जो किया वो बहुत रोमांचक है 😭💔 अब तो मैं रो रही हूँ… ये तो जैसे अपने पापा को छोड़ देना जैसा है… वो तो बस एक बल्लेबाज नहीं थे… वो तो भावनाएँ थे 😭🏏
Bhavesh Makwana
दिस॰ 8, 2025 AT 22:13 अपराह्नरहाणे ने खेल को बदल दिया। अब जो लोग उनकी जगह लेंगे, उन्हें बस याद रखना होगा कि क्रिकेट सिर्फ रन नहीं, बल्कि दिल से खेलना है। उनकी लगन अभी भी हमारे साथ है। बस अब वो बल्ले के बजाय दिमाग से खेल रहे हैं।
Vidushi Wahal
दिस॰ 9, 2025 AT 07:51 पूर्वाह्नरहाणे के इस्तीफे के बाद अब बीसीसीआई को अपने युवा खिलाड़ियों को असली टेस्ट टीम के लिए तैयार करना होगा। न सिर्फ टी20 में नाम कमाना, बल्कि तीन दिन के मैच में जीतने की रणनीति सिखानी होगी।