वृश्चिक में बुध‑मंगल का संगम कब?
अक्टूबर 2025 में ज्योतिष के अनुसार बुध और मंगल दोनों ही जल राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। मंगल का प्रवास 27 अक्टूबर को शुरू होगा और वह 12वें भाव से निकलकर अपनी ही राशि में आएगा, जो उसके लिए सुखद स्थिति मानी जाती है। उसी समय से बुध, संवाद और विचार का ग्रह, भी इस water sign में शामिल हो जाएगा, और दोनों ग्रह 27 अक्टूबर से 23 नवम्बर तक एक साथ रहेंगे।
इस दो माह की अवधि को विशेषज्ञ "रूपांतरकारी ऊर्जा का खजाना" कह रहे हैं। बुध‑मंगल का मेल हमें अधिक स्पष्ट बोलने, इच्छाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने और गहरी लगन के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ने की शक्ति देता है।

क्या असर होंगे? प्रमुख बिंदु
इस समय के दौरान कई पहलुओं पर असर पड़ेगा:
- बुध के कारण सोचने‑समझने की क्षमता तेज़ होगी, लेकिन साथ ही तेज़बाज़ी में शब्दों का चयन न करो, क्योंकि बुरे शब्दों से रिश्तों में दरार पड़ सकती है।
- मंगल की ऊर्जा से दृढ़ संकल्प और साहस में वृद्धि होगी, जिससे आप अपने लक्ष्य पर टिके रहेंगे और कठिन परिस्थितियों को पार कर पाएँगे।
- वृश्चिक जातकों को विशेष लाभ मिलेगा, क्योंकि उनका स्वामी ग्रह मंगल अब अपनी ही राशि में है। यह स्वास्थ्य, विशेषकर दिल, छाती और श्वास प्रणाली के लिए ऊर्जा का नया स्रोत बन सकता है।
- नवंबर 10 को बुध का retrograde (प्रतिगमन) शुरू होगा, और यह बुध‑मंगल के बहुत करीब रहेगा। इस दौरान जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचें; तथ्य देर से बदल सकते हैं, इसलिए सोच‑विचार के लिए समय निकालना फायदेमंद रहेगा।
- नवंबर 13 के आसपास अनुशंसित है कि आप आवेगपूर्ण खरीद या अचानक किए गए वादे से बचें। यह समय आपके वित्तीय योजना को बाधित कर सकता है।
इन प्रभावों को समझते हुए आप इस अवधि को अपने लिए सकारात्मक बना सकते हैं। यदि आप अपने विचारों को स्पष्ट रूप से पेश करेंगे और ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ेंगे, तो यह समय व्यक्तिगत विकास का अनुकूल अवसर बन जाएगा।
ध्यान रखें कि बृहस्पति‑शनि जैसी अन्य ग्रहों के भी इस समय पर कुछ प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए दैनिक फलित या आध्यात्मिक अभ्यास से आप अपनी भावनाओं को संतुलित रख सकते हैं और अप्रत्याशित उतार‑चढ़ाव से बच सकते हैं।