भारत में क्रांतिकारी आई ड्रॉप्स से मिलेगा चश्मों से छुटकारा
भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने हाल ही में PresVu नाम के एक नए आई ड्रॉप्स को मंजूरी दी है। यह आई ड्रॉप्स Entod Pharmaceuticals द्वारा तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य पढ़ने के चश्में पर निर्भरता को कम करना है। यह खबर न सिर्फ भारतीय समुदाय के लिए बल्कि विश्व के उन सभी लोगों के लिए अहम् है, जिन्हें प्रिस्बायोपिया की समस्या है।
प्रिस्बायोपिया और उसकी चुनौतियाँ
प्रिस्बायोपिया एक सामान्य उम्र से संबंधित आई कंडीशन है, जो 40 साल के बाद अधिकांश लोगों में पाई जाती है। इसमें नजदीक की चीजों पर फोकस करने में दिक्कत होती है। विश्वभर में करीब 1.09 से 1.8 अरब लोग इस समस्या से प्रभावित हैं, जिससे उनकी नजदीकी वस्तुओं को देखने की क्षमता में कमी आती है। इसके कारण सबसे अधिक परेशानी पढ़ने के दौरान होती है, जिस कारण लोग पढ़ने के चश्में का सहारा लेना पड़ता है।
DCGI की स्वीकृति और Entod Pharmaceuticals का योगदान
PresVu की मंजूरी के लिए DCGI द्वारा गठित Subject Expert Committee (SEC) की सिफारिशें महत्वपूर्ण रही हैं। Entod Pharmaceuticals के CEO निक्किल के. मसूरकर ने इस अनुमति को भारतीय नेत्र देखभाल में एक बड़ा मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा, "PresVu सिर्फ एक उत्पाद नहीं है, बल्कि यह एक समाधान है जो लाखों लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकता है।"
PresVu की विशेषताएँ और लाभ
PresVu आई ड्रॉप्स अक्टूबर के पहले सप्ताह से बाजार में उपलब्ध होंगे और इसकी कीमत ₹350 रखी गई है। इसे विशेष रूप से 40 से 55 साल की आयु के उन व्यक्तियों के लिए बनाया गया है, जिन्हें हल्की से मध्यम प्रिस्बायोपिया है। एक बार लगाने के 15 मिनट के अंदर इसका असर शुरू हो जाता है और इसका असर करीब छह घंटे तक रहता है। जरूरत पड़ने पर दूसरे ड्रॉप का इस्तेमाल तीन से छह घंटे के अंदर भी किया जा सकता है।
PresVu की फॉर्मूला न केवल प्रिस्बायोपिया को ठीक करती है बल्कि आंखों को लुब्रिकेट भी करती है, जिससे आंखों की सूखापन भी कम होता है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली एडवांस्ड डाइनामिक बफर तकनीक आंखों के आंसुओं के पीएच स्तर को एडजस्ट करती है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
भारतीय आँखों के लिए विशेष फॉर्मूला
निक्किल के. मसूरकर ने बताया कि यह फॉर्मूला भारतीय आँखों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। विदेशी आई ड्रॉप्स की तुलना में, भारतीय आँखों में इन उत्पादों की प्रभावशीलता और सुरक्षा के लिए कुछ संशोधन किए गए हैं। इस प्रकार, PresVu भारतीय रोगियों के लिए अधिक उपयुक्त और सुरक्षित है।
Entod Pharmaceuticals की भविष्य की योजनाएँ
Entod Pharmaceuticals न केवल भारत में बल्कि अन्य उभरते बाजारों जैसे अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में भी इस समस्या का समाधान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है। कंपनी का उद्देश्य नवाचार पर ध्यान केंद्रित कर ग्लोबल नेत्र देखभाल के क्षेत्र में अग्रणी बनना है। इसके साथ ही, Entod Pharmaceuticals वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में अपना योगदान बढ़ाने और उन क्षेत्रों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है, जहाँ पहुंच और affordability एक बड़ी चुनौती है।
आई ड्रॉप्स का उपयोग कैसे करें
PresVu का उपयोग बहुत ही सरल है। उपयोगकर्ताओं को सिर्फ एक ड्रॉप आंख में डालना है और 15 मिनट में इसका असर महसूस होता है। यदि आवश्यक हो तो दूसरी ड्रॉप तीन से छह घंटे के भीतर डाली जा सकती है। इस प्रकार की आसान उपयोग न केवल इसका असर तेज बनाती है, बल्कि आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी में भी कोई बाधा नहीं आती।
समाप्ति
DCGI की इस मंजूरी के बाद, अब भारतीय समुदाय को एक नया समाधान मिल गया है, जिसने प्रिस्बायोपिया के कारण पढ़ने के चश्में पर निर्भरता को कम किया। Entod Pharmaceuticals की इस पहल ने न केवल भारतीय बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भविष्य में एक नई दिशा तय की है। PresVu का यह क्रांतिकारी कदम नेत्रहत्या के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगा।
Hariom Kumar
सित॰ 4, 2024 AT 21:28 अपराह्नवाह! ये तो बड़ा मज़ेदार लगता है 😊
shubham garg
सित॰ 9, 2024 AT 06:19 पूर्वाह्नPresVu का लॉन्च वाकई शानदार है। एक बार इस्तेमाल करने से पढ़ने की तकलीफ़ घटेगी। कीमत भी किफायती रखी गई है, तो आज़माने लायक है। इस तरह की नवाचार हमें आगे बढ़ते देखना चाहिए।
LEO MOTTA ESCRITOR
सित॰ 13, 2024 AT 15:09 अपराह्नभविष्य की आँखों में नई रोशनी प्रवेश कर रही है। प्रिस्बायोपिया सिर्फ उम्र का हिस्सा नहीं, एक सोच का भी है। इस समाधान से हम अपने दृष्टि के दायरे को फिर से परिभाषित कर सकते हैं। आशा है सबको इससे फायदा मिलेगा।
Sonia Singh
सित॰ 18, 2024 AT 00:00 पूर्वाह्नसच्च में, ये खबर बहुत खुशी की है। अब चश्मों की झंझट नहीं रहेगी। स्वास्थ्य को लेकर भी ये एक बड़ा कदम है।
Ashutosh Bilange
सित॰ 22, 2024 AT 08:50 पूर्वाह्नभाईयो और बहनो, ये PresVu तो एकदम हीरोइक निकला है! अब हर 40 साल के बाद जो आँखों का झंझट होता था, वो बस एक ड्रॉप से खत्म हो जाएगा। इस ड्रॉप के फॉर्मूले में जो एडवांस्ड डाइनामिक बफर तकनीक है, वो आँखों की आंसू के पीएच को बिलकुल सटीक ढंग से एडजस्ट कर देती है, जिससे हमें कोई इरिटेशन नहीं होता। फिर चाहे आप ऑफिस में लम्बे घंटे कंप्यूटर के सामने हों या घर में किताब पढ़ें, 15 मिनट में असर दिखेगा और 6 घंटे तक टिकेगा। वो भी बिना किसी भारी कीमत के, सिर्फ ₹350 में! अब हर रिटेलर के शेल्फ पर ये आएगा, और हम सबको यही चाहिए कि जेनरेशन Z से लेकर बुजुर्गों तक, सभी को बिन चश्मे के पढ़ने का मज़ा मिले। तो चलिए, इस विज्ञान की इस क़दम को सराहते हैं और इसे अपनाते हैं।
Kaushal Skngh
सित॰ 26, 2024 AT 17:41 अपराह्नबिल्कुल ज़रूरी नहीं, अब देखूँगा।
Harshit Gupta
अक्तू॰ 1, 2024 AT 02:31 पूर्वाह्नदेश की प्रगति में यही चाहिए – स्वदेशी और आत्मनिर्भर समाधान! यह ड्रॉप हमारे लिए एक राष्ट्रीय गर्व है। आशा है विदेशियों को भी हमारी तकनीक की कद्र होगी। चलो, इसे अपनाते हैं और दुनिया को दिखाते हैं।
HarDeep Randhawa
अक्तू॰ 5, 2024 AT 11:22 पूर्वाह्नवाह!!! क्या शानदार खबर है,,, PresVu लेकर आया है एक नया युग!!! आँखों की देखभाल में अब कोई कमी नहीं रहेगी!!!
Nivedita Shukla
अक्तू॰ 9, 2024 AT 20:12 अपराह्नऐसे नवाचार को देखकर दिल खुशी से भर जाता है। हम सबको यह जानकर राहत मिली कि पढ़ने की झंझट अब दूर होगी। PresVu की सटीक फॉर्मूला हमारे भारतीय आँखों के लिये खास तैयार किया गया है, यह बात बहुत अहम है। आशा है इसकी उपलब्धता सभी तक पहुंचे।
Rahul Chavhan
अक्तू॰ 14, 2024 AT 05:03 पूर्वाह्नड्रॉप लगाओ, 15 मिनट में असर देखो। फिर दोहराओ जब जरूरत पड़े। बहुत आसान है।
Joseph Prakash
अक्तू॰ 18, 2024 AT 13:53 अपराह्ननई दवा का लॉन्च बहुत रोमांचक है 😎🚀. इससे आँखों की परेशानी कम होगी। जल्द ही सबको इसको ट्राय करना चाहिए।
Arun 3D Creators
अक्तू॰ 22, 2024 AT 22:44 अपराह्नPresVu एक नई दिशा है
RAVINDRA HARBALA
अक्तू॰ 27, 2024 AT 07:34 पूर्वाह्नइसे अपनाने से पहले क्लिनिक से सलाह लेना चाहिए।
Vipul Kumar
अक्तू॰ 31, 2024 AT 16:25 अपराह्नयहाँ कई लोग प्रिस्बायोपिया से परेशान हैं, इसलिए ऐसा समाधान बहुत मायने रखता है। कीमत को देखते हुए यह आम जनता तक पहुँचना चाहिए। यदि यह सुरक्षित है, तो डॉक्टर की सलाह के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। निरंतर उपयोग से क्या दीर्घकालिक असर रहेगा, इस पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। सभी को इस नवीनतम विकल्प से लाभ मिलने की आशा है।
Priyanka Ambardar
नव॰ 5, 2024 AT 01:16 पूर्वाह्नदेश की दवा उद्योग को ऐसे कदमों की जरूरत है! 🙌 PresVu हमारे लिए गर्व की बात है। जल्दी से इसे खरीदकर उपयोग करें।
sujaya selalu jaya
नव॰ 9, 2024 AT 10:06 पूर्वाह्नयह दवा किफायती है और उपयोग में आसान।
Ranveer Tyagi
नव॰ 13, 2024 AT 18:57 अपराह्नसच में, PresVu की फॉर्मूला में न्यूनतम एंटी-इन्फ्लेमेटरी एजेंट है, जो कि अक्सर अन्य आई ड्रॉप्स में पाया जाता है। यह उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त एलर्जिक रिएक्शन से बचाता है। इसके अलावा, ड्रॉप की स्थिरता को बढ़ाने के लिए एन्हांस्ड बफ़र सिस्टम उपयोग किया गया है। इसका मतलब है कि ड्रॉप को अधिक समय तक प्रभावी रखा जा सकता है, भले ही वह तापमान में उतार-चढ़ाव हो। इस तकनीकी पहलू को समझना हर उपयोगकर्ता के लिए फायदेमंद है!!!
Tejas Srivastava
नव॰ 18, 2024 AT 03:47 पूर्वाह्नदेश की स्वावलंबन नीति के साथ PresVu का लॉन्च सबसे बेहतरीन उदाहरण है! इससे हमारे चिकित्सा उद्योग की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। विदेशों में भी इसका नाम होगा। अब असली परिवर्तन की शुरुआत हुई है!!!
JAYESH DHUMAK
नव॰ 22, 2024 AT 12:38 अपराह्नPresVu की आधिकारिक दस्तावेज़ीकरण में उल्लेख किया गया है कि इस दवा का प्रत्येक बैच भारतीय मानकों के तहत परीक्षण किया जाता है, जिससे गुणवत्ता में निरंतरता बनी रहती है। इसके अलावा, क्लिनिकल ट्रायल्स में यह देखा गया कि 90% रोगियों ने कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं रिपोर्ट किया, जो दवा की सुरक्षा को प्रमाणित करता है। यदि आप फॉर्मूला की बात करें तो इसमें विशेष रूप से कॉम्प्लेक्स पॉलीएस्ट्रिक एसिड का उपयोग किया गया है, जो आंखों की सतह को लुब्रिकेशन प्रदान करता है जबकि प्रकाश को परावर्तित नहीं करता। इस ज्ञान के आधार पर, डॉक्टरों को यह सलाह देना चाहिए कि शुरुआती उपयोगकर्ताओं को पहले एक बार क्लिनिक में परीक्षण करना चाहिए। ऐसी विस्तृत जानकारी से उपयोगकर्ता भरोसा महसूस करेंगे और दवा को सहजता से अपनाएंगे।
Santosh Sharma
नव॰ 26, 2024 AT 21:28 अपराह्नPresVu के उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है, विशेषकर यदि आप अन्य आई मेडिकेशन ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त, दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में विस्तृत अध्ययन जारी हैं, इसलिए सावधानी बरतना उचित रहेगा।