Gujarat Board SSC 2025 रिजल्ट घोषित: 83.08% पास, नए सुरक्षा इंतज़ामों के साथ परीक्षा

GSEB SSC 2025 रिजल्ट: रिकॉर्ड संख्या में छात्रों की सफलता

गुजरात सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड (GSEB) ने 7 मई 2025 को अपनी 10वीं कक्षा की परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। इस बार कुल GSEB SSC 2025 परीक्षा में 7,62,485 रेगुलर उम्मीदवार रजिस्टर हुए थे, जिनमें से 7,46,892 छात्रों ने परीक्षा दी और 6,20,532 छात्रों ने सफलता हासिल की। पास प्रतिशत 83.08% रिकॉर्ड किया गया है, जो बीते साल के मुकाबले हल्का सुधार है—2024 में यह आंकड़ा 82.56% था।

करीब 1.5 लाख छात्र ऐसे रहे जो इस बार परीक्षा में सफल नहीं हो सके, लेकिन इस बार छात्रों के प्रदर्शन में लगातार अच्छा रुझान देखा गया है।

  • परीक्षा तारीखें: 27 फरवरी से 10 मार्च, 2025
  • परीक्षा केंद्र: 989, 87 ज़ोन में
  • डिजिटल हॉल टिकट और पेपर बॉक्स ट्रैकिंग से सुरक्षा
  • रिजल्ट चेक करने के लिए छात्रों को गूजरात बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा और सीट नंबर के जरिए रिजल्ट देखा जा सकता है।

नई सुरक्षा व्यवस्था और रीपीटर छात्रों के लिए आंकड़े

इस बार बोर्ड ने परीक्षा की पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर कई बड़े कदम उठाए। सबसे अहम रहा डिजिटल हॉल टिकट सिस्टम, जिससे फर्जीवाड़ा लगभग नामुमकिन हो गया। साथ ही, बोर्ड ने पेपर बॉक्स ऑथेंटिकेशन एंड ट्रैकिंग एप्लिकेशन इस्तेमाल की, जिससे पेपर की गिनती और ट्रैकिंग डिजिटल ढंग से हो पाई। 989 परीक्षा केंद्र और 87 अलग-अलग ज़ोन में यह तकनीक लागू की गई।

रेगुलर छात्रों के मुकाबले रीपीटरों का प्रदर्शन इस बार खास अच्छा नहीं रहा। रीपीटर के लिए पास प्रतिशत 32.26% रहा, जबकि गुजरात स्टेट ओपन स्कूल (GSOS) के 18,553 परीक्षार्थी थे, जिनमें सिर्फ 27.18% ही पास हो पाए। यह दोनों आंकड़े रेगुलर विद्यार्थियों के मुकाबले काफी कम हैं और यह दिखाता है कि लगातार पढ़ाई में जुड़े रहना कितना जरूरी है।

रिजल्ट को लेकर छात्रों में भारी उत्सुकता थी, और सुबह से ही ऑफिशियल वेबसाइट पर छात्रों की भीड़ देखी गई। गड़बड़ी से बचने के लिए वेबसर्वर को भी मजबूत किया गया था। अभिभावकों और स्कूलों के लिए डिजिटल रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किए गए हैं, जिससे भर्ती या आगे की पढ़ाई के समय डॉक्यूमेंटेशन आसान हो जाए।

गुजरात बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों की सुविधा और परीक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की ये कोशिशें भविष्य में और भी मजबूत होती दिखेंगी।

akhila jogineedi

akhila jogineedi

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (13)

wave
  • Aryan Pawar

    Aryan Pawar

    मई 9, 2025 AT 18:53 अपराह्न

    वाह भाई इस साल पास प्रतिशत बढ़ा है मस्त काम किया बोर्ड ने सबको बधाई

  • Shritam Mohanty

    Shritam Mohanty

    मई 10, 2025 AT 00:26 पूर्वाह्न

    डिजिटल हॉल टिकट का एलाबदा नहीं भई ये सिर्फ दिखावा है पुरानी गद्दी वाले लोग बेकाबू हो रहे हैं

  • Anuj Panchal

    Anuj Panchal

    मई 10, 2025 AT 06:00 पूर्वाह्न

    सही कहा गया है कि नई डिजिटल हॉल टिकट प्रणाली ने पेपर बॉक्स ट्रैकिंग को सशक्त बनाया है। इस पहल से नकल‑छल के जोखिम में उल्लेखनीय कमी आती है। हालांकि, साइबर‑सिक्योरिटी उपायों की गहराई अभी भी चर्चा का विषय बनी रहती है। बोर्ड ने सर्वर को मजबूत किया है लेकिन अति‑लोड के मामले में बैक‑अप प्लान स्पष्ट नहीं है। कुल मिलाकर, तकनीकी इन्नोवेशन ने परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बना दिया है।

  • Prakashchander Bhatt

    Prakashchander Bhatt

    मई 10, 2025 AT 11:33 पूर्वाह्न

    सच में बहुत अच्छा कदम है बोर्ड का, उम्मीद है भविष्य में और भी सुधार होंगे।

  • Mala Strahle

    Mala Strahle

    मई 10, 2025 AT 17:06 अपराह्न

    इस साल का GSEB SSC रिजल्ट न केवल आँकड़ों में चमक रहा है, बल्कि सामाजिक प्रभाव में भी गहरी छाप छोड़ रहा है।
    83.08% पास प्रतिशत दर्शाता है कि छात्रों ने लगातार मेहनत और निरंतर सीखने की आदत अपनाई है।
    जिन 1.5 लाख छात्रों ने पास नहीं किया, उनके लिए यह एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है कि फिर से प्रयास करना कितना आवश्यक है।
    डिजिटल हॉल टिकट और पेपर बॉक्स ट्रैकिंग प्रणाली ने परीक्षा की पारदर्शिता को एक नई ऊंचाई पर पहुँचा दिया है।
    सबसे बड़ी बात यह है कि इस तकनीकी कदम से धोखाधड़ी की संभावनाओं को न्यूनतम किया गया है।
    फिर भी, तकनीकी असुरक्षाओं को पूरी तरह समाप्त करना आसान नहीं है, इसलिए निरंतर अपडेट आवश्यक है।
    रीपीटरों के पास प्रतिशत 32.26% पर गिरना यह बताता है कि निरंतर अध्ययन के बिना दोहराव परीक्षा कठिन हो सकता है।
    GSOS के छात्रों की 27.18% सफलता दर से यह स्पष्ट होता है कि खुली शिक्षा प्रणाली में भी सुधार की गुंजाइश है।
    यह आंकड़े न केवल बोर्ड को बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी ज़िम्मेदारी की ओर इंगित करते हैं।
    भविष्य में यदि बोर्ड अधिक इंटरैक्टिव लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म शामिल करे तो परिणाम और भी बेहतर हो सकते हैं।
    डिजिटल रिपोर्ट कार्ड की उपलब्धता अभिभावकों को छात्रों की प्रगति पर त्वरित नज़र रखने की सुविधा देती है।
    ऐसे समय में, जहाँ ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव बढ़ रहा है, यह कदम अत्यंत समयोचित है।
    आधुनिक तकनीक और पारंपरिक शिक्षा के समन्वय से हम एक ठोस आधार बना सकते हैं।
    राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक समर्थन भी छात्रों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    इसलिए, बोर्ड को न केवल तकनीकी उपायों पर, बल्कि मनोवैज्ञानिक समर्थन पर भी ध्यान देना चाहिए।
    अंत में, हम सभी को इस उपलब्धि पर गर्व है और आशा है कि अगली बार भी इसमें सुधार की दिशा में कदम बढ़ेंगे।

  • Ramesh Modi

    Ramesh Modi

    मई 10, 2025 AT 22:40 अपराह्न

    वाह! क्या गहरी समझ है, इतने सारे पहलुओं को आपने समेटा है, सच में दिमाग हिलाने वाला विश्लेषण!!! हम सबको इस बात का एहसास होना चाहिए कि शिक्षा मात्र अंक नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का इंजन है!!!

  • Ghanshyam Shinde

    Ghanshyam Shinde

    मई 11, 2025 AT 04:13 पूर्वाह्न

    हूँ, इतना लंबा लिखना कोई छोटा काम नहीं... बस कर दिया आपने।

  • SAI JENA

    SAI JENA

    मई 11, 2025 AT 09:46 पूर्वाह्न

    बोर्ड की इस पहल को प्रशंसा के साथ देखना चाहिए, आशा है कि भविष्य में भी इस तरह के कदम जारी रहेंगे।

  • Hariom Kumar

    Hariom Kumar

    मई 11, 2025 AT 15:20 अपराह्न

    बहुत बढ़िया लगा ये बदलाव 😊 सभी छात्रों के लिए शुभकामनाएँ!

  • shubham garg

    shubham garg

    मई 11, 2025 AT 20:53 अपराह्न

    शाबाश सबको!

  • LEO MOTTA ESCRITOR

    LEO MOTTA ESCRITOR

    मई 12, 2025 AT 02:26 पूर्वाह्न

    जैसे इस परीक्षा ने दिखाया, निरंतर प्रयास ही सफलता की नींव रखता है, इसलिए आगे भी दृढ़ रहना चाहिए।

  • Sonia Singh

    Sonia Singh

    मई 12, 2025 AT 08:00 पूर्वाह्न

    मेरे भी भाई ने इस साल बहुत मेहनत की थी, अब देखो सबका उत्सव चल रहा है, शानदार है ना?

  • Ashutosh Bilange

    Ashutosh Bilange

    मई 12, 2025 AT 13:33 अपराह्न

    ऐस्से तो कभी नहीं देखा, बोर्ड ने जो धमाल मचा दिया है, सबकी जुबान पर बस "वाव" ही बचा है!!!

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