शेयर बाजार में हलचल, ट्रंप के टैरिफ ऐलान का दिखा असर
अब जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 69 देशों—including India—पर 25% टैरिफ लगाने का अल्टीमेटम दिया, तो बाजार की धड़कनें वैसे ही बढ़ गई थीं। लेकिन 1 अगस्त 2025 की सुबह बाजार खुलते ही पहले हल्की तेजी नज़र आई, मानो निवेशकों को यकीन था कि इतनी जल्दी कुछ नहीं बदलेगा। शायद यही वजह थी कि शुरुआती कारोबार में थोड़ी मजबूती दिखी, लेकिन दोपहर होते-होते जैसे ही ग्लोबल ट्रेड टेंशन और FPI की बिकवाली की खबरें उड़ीं, गिरावट ने रफ्तार पकड़ ली।
BSE सेंसेक्स 586 अंक लुढ़क कर 80,743 पर बंद हुआ—जो करीब 0.72% की गिरावट है। NSE निफ्टी भी 203 अंक यानी 0.82% की गिरावट के साथ 24,565.35 पर आ गया। अब सिर्फ ये इंडेक्स ही नहीं, पूरे बाजार में मायूसी छा गई—खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में, जो क्रमशः 0.96% और 1.19% टूटे।
सबसे ज्यादा नुकसान किन्हें हुआ, किसने दिखाई मजबूती?
अगर सेक्टर्स की बात करें, तो फार्मा सेक्टर को सबसे तगड़ा झटका लगा, जिसमें शेयर बाजार में 3.4% की गिरावट रही। आईटी स्टॉक्स भी 1.54% फिसल गए, क्योंकि ट्रंप के टैरिफ का असर सबसे पहले ग्लोबल सर्विस और फार्मा एक्सपोर्ट्स पर देखा जाता है। Sun Pharma, Tata Steel, और Infosys जैसे दिग्गज लाल निशान में रहे। इनके शेयरों को ट्रेडर्स ने सबसे ज्यादा निकाला।
उधर, FMCG सेक्टर ने थोड़ी राहत दी, जिसमें 0.82% की तेजी देखने को मिली। Asian Paints, Trent, और ITC जैसी कंपनियां ग्रीन जोन में टिकने में कामयाब रहीं। लगातार अनिश्चितता के बावजूद इन स्टॉक्स ने निवेशकों को थोड़ी उम्मीद जगाई।
आनंदित निवेशकों की संख्या जरूर कम रही, लेकिन जो लोग लंबे समय का नजरिया रखते हैं, उनके लिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये गिरावट थोड़े समय के लिए है। मगर, जिनका पैसा छोटे-मध्यम कंपनियों की स्टॉक्स में था, उनके लिए ये झटका ज्यादा बड़ा रहा।
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) की तरफ से 5,588 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली होते ही बाजार में एक नई बेचैनी आ गई। अचानक नकदी निकलने से घरेलू निवेशक भी सतर्क हो गए—और कारावार के आखिरी घंटों में बिकवाली तेज होती दिखाई दी।
- फार्मा और आईटी में सबसे ज्यादा गिरावट
- FMCG ने दिखाई मजबूती
- टॉप लूजर्स: Sun Pharma, Tata Steel, Infosys
- टॉप गेनर्स: Asian Paints, Trent, ITC
- FPI की 5,588 करोड़ की बिकवाली से बाजार में घबराहट
मौजूदा माहौल में बाजार काफी नाजुक है। ग्लोबल ट्रेड वार्स और अमेरिका के राजनीतिक संकेतों के बीच निवेशकों के लिए सतर्क रहना जरूरी है। अगले हफ्ते जब ट्रंप के 25% टैरिफ अमल में आएंगे, तब देखना होगा कि यह उतार-चढ़ाव कितनी दूर तक जाता है।