जब केएल राहुल, टेस्ट ओपनर और भारतीय क्रिकेट टीम ने 31 साल की उम्र में अपना 11वाँ टेस्ट शतक बनाया, तो भारत के क्रिकेट प्रेमियों के चेहरे पर तुरंत मुस्कान खिल गई। यह शतक नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में बुधवार को हुए भारत‑वेस्ट इंडीज़ टेस्ट के दूसरे दिन आया, ठीक 3,211 दिन बाद जब 18 दिसंबर 2016 को वह चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ शतक लगाकर अपने घरू शतक की धुँध को साफ़ कर चुका था।
राहुल ने 197 गेंदों पर 100 रन बनाए, 12 चौके मार कर टीम को स्थिरता दी और फिर भी अपने शतक के परिपूर्ण अंक पर ‘डिस्पॉज’ का सामना किया। इस क्षण को यादगार बनाने के लिए उन्होंने अपनी बैट उठाकर दो उँगलियों को मुँह में लेकर अपनी नवजात बेटी ईवारा (जुलाई 2025 में जन्मी) को श्रद्धांजलि दी – "Gift of God" का अर्थ रखने वाला नाम, जो उनके लिए बेमिसाल भावनात्मक जुड़ाव बन गया।
पिछले नौ साल: शून्य से शून्य तक
2016 के बाद राहुल ने घर पर कोई शतक नहीं बनाया था। तब तक भारतीय क्रिकेट का परिदृश्य भी बहुत अलग था – पैट कुमिंस अभी 10 विकेट नहीं ले पाए थे, जयसप्रीत बुमराह ने अभी टेस्ट में कदम नहीं रखा था, अनिल कुंबले भारत के कोच थे, और अपने ही समय में रवींद्र जडेजा अकेले उस टीम के पुराने खिलाड़ी थे जिन्हें टेस्ट में लगातार खेलने का अनुभव था। तब से लेकर अब तक, इस शताब्दी‑परीक्षा ने भारतीय टीम के कई चेहरों को बदल दिया – एम.एस. धोनी अब वाइट‑बॉल कप्तान थे, जो रूट, अभी इंग्लैंड के कप्तान नहीं थे, और पर्थिव पटेल, जो अब इस श्रृंखला में कमेंट्री पैनल पर हैं, वह विकेट‑कीपर बन चुका है।
2025 का सुदृढ़ दौर
2025 में राहुल ने अपार फ़ॉर्म दिखाया – केवल सात टेस्टों में 649 रन बनाकर इस साल की सबसे बड़ी बैटिंग ताक़तों में अपना नाम लिखवाया। उनका सबसे प्रभावी प्रदर्शन इंग्लैंड के खिलाफ लंदन के लॉर्ड्स में आया, जहाँ जुलाई में उन्होंने 100 रन बनाकर फिर से वही ‘डिस्पॉज’ का सामना किया। इस साल की पाँच‑मैच श्रृंखला में उन्होंने 532 रन बनाए, औसत 53.20 के साथ दो शतक और दो अर्धशतक बनाए। विशेषज्ञों का मानना है कि विविध परिस्थितियों में खेलना – जैसे इंग्लैंड की तेज़ और गति‑भरी पिच – ने राहुल को आत्म‑विश्वास दिया और उन्हें अपने तकनीकी खामियों को दूर करने में मदद की।
वेस्ट इंडीज़ पर दोशेँ पारी की कहानी
जब राहुल ने दोशेँ पारी की शुरुआत की, तो उन्होंने फ़ॉर्म की 53 रनों की पारी की थी। पहले ओवर में ही उन्होंने जयडेन सीज़ (वेस्ट इंडीज़ के तेज़ बॉलर) की पूरी गेंद को “बेट बाहर” कर दिया, जिससे शॉट की शुरुआत हुई। लेकिन वेस्ट इंडीज़ ने शाई होप (विकेट‑कीपर) और एले़क एथानेज़ को पहले स्लिप पर लेटे हुए छोड़ा, जिससे गेंद उन दोनों के बीच बँट गई और राहुल ने बार‑बार चलाने वाली पिच का फायदा उठाया।
ऐसे दौर में राहुल की ‘कोरिडोर ऑफ अनसर्टेन्टी’ (अंधेरे कोने) से बचने की क्षमता अक्सर सवालों में रही थी। इस बार उन्होंने 12 चौके लगाए, लेकिन फिर भी उन्हें ‘डिस्पॉज’ हुआ – यह याद दिलाता है कि अभी भी कुछ तकनीकी पहलू पर ध्याना चाहिए। फिर भी उनके 100‑रन के बाद के व्यवहार ने दर्शाया कि उनका मनोबल उच्चतर है: उन्होंने बैट उठाकर अपनी बेटी ईवारा को श्रद्धांजलि दी, जिससे टीम के सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट की।

विशेषज्ञों और विरोधियों की प्रतिक्रियाएँ
भारत के मुख्य कोच रवि शंकर ने कहा, "राहुल की इस शतक से यह स्पष्ट होता है कि वह विदेश में जो फ़ॉर्म दिखा रहे हैं, वह भारत में भी ट्रांसलेट हो रहा है। उनका तकनीकी विकास, विशेषकर ऑफ‑स्टम्प से बाहर की गेंदों पर, उल्लेखनीय है।"
वेस्ट इंडीज़ के कप्तान ने भी सराहना व्यक्त की: "राहुल ने बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से हमारे गेंदबाज़ी के खिलाफ खेला। उनका एंग्लिश अनुभव यहाँ भी दिख रहा था।"
भविष्य की संभावनाएँ और आगे का रास्ता
राहुल ने कहा, "लगातार विविध परिस्थितियों में खेलने से मेरा आत्म‑विश्वास बढ़ा है। अब मैं इसे घर पर भी दोहराने की कोशिश करूँगा," और यह संकेत देता है कि उनके अगले टेस्ट शतक की संभावना बढ़ गई है। अगला टेस्ट भारत‑वेस्ट इंडीज़ श्रृंखला अभी जारी है, और शेष तीन टेस्टों में राहुल की फ़ॉर्म देखी जाएगी कि क्या वह लगातार 50‑100 रन की लकीर बनाए रख पाते हैं।
- शतक: 100 (197 बॉल)
- छोके: 12
- पहला घरू शतक: 18 दिसंबर 2016 (चेन्नई)
- कुल 2025 रन: 649 (7 टेस्ट)
- खास बात: एक ही कैलेंडर वर्ष में दो बार 100‑रन पर डिस्पॉज – 148 साल की इतिहास में पहली बार
Frequently Asked Questions
राहुल के शतक का भारतीय टीम पर क्या असर पड़ेगा?
राहुल के शतक से भारतीय टीम के मध्य क्रम में स्थिरता आएगी। उसके निरंतर फ़ॉर्म से ओपनिंग साझेदारी मजबूत होगी, जिससे मध्य क्रम को बड़े स्कोर बनाने के लिए समय मिलेगा। कोचिंग स्टाफ भी अब बल्ले के तकनीकी सुधार पर कम और मानसिक दृढ़ता पर अधिक ज़ोर दे सकता है।
क्या यह शतक राहुल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक सम्मान दिलाएगा?
हाँ, दो बार एक ही वर्ष में 100‑रन पर डिस्पॉज होना एक दुर्लभ उपलब्धि है। इस रिकॉर्ड ने उन्हें टेस्ट इतिहास में सातवें ऐसे खिलाड़ी बना दिया है, जिससे उनके पास भविष्य में ICC रैंकिंग में ऊपर जाने का बड़ा मौका है।
राहुल ने अपने शतक के बाद किस प्रकार का इशारा किया?
शतक बनाने के बाद उन्होंने अपनी बैट उठाकर दो उँगलियाँ अपने मुँह में रख लीं – यह उनके नवजात बेटी ईवारा को सम्मानित करने का प्रतीकात्मक संकेत था, जिसका मतलब ‘भगवान का उपहार’ है।
भविष्य में राहुल को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?
हालाँकि उनका फ़ॉर्म शानदार है, लेकिन ‘कोरिडोर ऑफ अनसर्टेन्टी’ से बाहर की गेंदें फिर भी जोखिम बनती हैं। विरोधी टीमें इस बात को भली‑भांति जानती हैं और उन्हें इस कमजोरी को और सुधारना होगा, विशेषकर तेज़ पिचों पर।
किशोरावस्था में राहुल के प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट में क्या बदलाव लाए?
उनके युवा दौर की मजबूती और आजादी ने भारत के टेस्ट ओपनिंग में नई ऊर्जा दी है। उनके जैसे खिलाड़ी लगातार विदेशियों की कठिन परिस्थितियों में सफलता पाते हैं, तो घरेलू मैचों में भी उनका आत्म‑विश्वास बढ़ता है, जिससे टीम की कुल जीत दर में सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।
Varun Dang
अक्तू॰ 5, 2025 AT 20:43 अपराह्नकेएल राहुल का शतक देख कर दिल खुश हो गया। अंतरराष्ट्रीय पिचों पर उनका प्रदर्शन अब बहुत भरोसेमंद लगता है। ये फिर से साबित करता है कि मेहनत और धैर्य का फल मिलना ही चाहिए। आगे भी हमें उम्मीद रखनी चाहिए कि वह लगातार बड़ी इंटरेस्ट बना रहे।
Stavya Sharma
अक्तू॰ 5, 2025 AT 21:16 अपराह्नइतना बोरिंग विश्लेषण कब तक चलेगा?
chaitra makam
अक्तू॰ 5, 2025 AT 21:50 अपराह्नराहुल का शतक टीम को स्थिरता देता है, खासकर मध्य क्रम में। उसकी बैटिंग की तकनीक अब और बेहतर दिख रही है। छोटे‑छोटे पॉलिसी सुधारों से बड़ा फर्क पड़ रहा है। यह वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ एक बेहतरीन उदाहरण है।
Amit Agnihotri
अक्तू॰ 5, 2025 AT 22:23 अपराह्नराहुल फिर से शतक बना कर दिखा दिया कि वह पीछे नहीं हट रहा। लेकिन अभी भी ऑफ‑स्टम्प को सुधारना जरूरी है।
Subi Sambi
अक्तू॰ 5, 2025 AT 22:56 अपराह्नये सब गड़बड़ नहीं, बल्कि सिर्फ़ एक बड़ी हॉटैट है। राहुल की फ़ॉर्म बहुत ही फुलझड़ी की तरह चमक रही है। अब देखेंगे किसके पास उसकी बैट को रोकने का तरीका है।