राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (पोस्टग्रेजुएट) 2024 यानी NEET PG 2024 के उम्मीदवार इन दिनों भारी असंतोष का सामना कर रहे हैं। कारण है तकनीकी समस्याएं, जो कि आधिकारिक वेबसाइट पर उत्पन्न हो रही समस्याओं में से एक है। उम्मीदवारों को अपने पसंदीदा परीक्षा शहर चुनने में मुश्किल हो रही है, क्योंकि वेबसाइट बार-बार क्रैश हो रही है और लॉगिन सम्बंधित समस्याएं भी आ रही हैं।
राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) ने 19 जुलाई को परीक्षा शहर चयन सुविधा शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के कारण इसमें देर हुई है। उम्मीदवारों को 21 जुलाई तक चार पसंदीदा परीक्षा शहर चुनने होंगे, लेकिन कई ने परीक्षा शहर आवंटन की स्पष्टता की कमी की शिकायत की है।
सामाजिक मीडिया पर कई उम्मीदवारों ने अपनी नाराजगी ज़ाहिर की है और 'रैंडम' टेस्ट सिटी अलॉटमेंट पर प्रश्न उठाए हैं। उनके अनुसार, यह समझ में नहीं आता कि चयनित विकल्पों में से एक शहर अलॉट क्यों नहीं हो रहा है, और यह सांयोगिक अलॉटमेंट उन्हें दूर स्थित परीक्षा केंद्रों पर जाने को मजबूर कर रहा है।
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) ने घोषणा की है कि NEET PG 2024 की परीक्षा 11 अगस्त को देश भर के 185 शहरों में आयोजित की जाएगी। इस बीच, उम्मीदवार तकनीकी समस्याओं और तलाश-तलाश पर उठने वाले प्रश्नों के कारण मानसिक दबाव महसूस कर रहे हैं।
इस तकनीकी बाधा ने कई उम्मीदवारों को अपने तैयारियों में रुकावट का सामना करना पड़ा है, और उन्हें लगता है कि परीक्षा तैयारियों के दौरान इस प्रकार की समस्याएं उन्हें परेशान कर सकती हैं। मेडिकल छात्रों के लिए यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण परीक्षा होती है, और उनके केयरियर की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उम्मीदवारों का कहना है कि ऐसे तकनीकी गड़बड़ियों के कारण उन्हें मानसिक तनाव हो रहा है। उन्हें यह संदेह है कि यह समस्याएं परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं। परीक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्याओं से बचा जा सके और उम्मीदवारों को बेहतर अनुभव प्राप्त हो।
इस बीच, NBEMS ने यह स्पष्ट किया है कि वे सभी समस्याओं को सुलझाने के प्रयास कर रहे हैं और उम्मीदवारों को आश्वासन दिया है कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही, NBEMS ने छात्रों को ध्यान रखने को कहा है कि वे अपने असली परीक्षा केंद्र के बारे में सुनिश्चित रहें और उसी अनुसार अपनी यात्रा की तैयारियां करें।
इस प्रकार, NEET PG 2024 के उम्मीदवारों को वर्तमान तकनीकी समस्याओं से अपने मनोबल को नहीं गिरने देना चाहिए और पूरी ताकत के साथ अपनी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए। उम्मीद है कि बहुत जल्द ही इन सभी मुद्दों का समाधान निकाला जाएगा और उम्मीदवार बिना किसी परेशानी के अपनी परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे।
Vrushali Prabhu
जुल॰ 19, 2024 AT 22:03 अपराह्नसच में, एनी बायोटा की वेबसाइट पर इतनी बार क्रैश आना अजीब लग रहा है, जैसे टाइमिंग सही नहीं है। हमारे जैसे मेडिकल स्टूडेंट्स को घर‑बैठे काउंसिल के फ़ैसलों से परेशान होना नहीं चाहिए। कभी‑कभी ऐसा लगता है कि सिस्टम को टेस्टिंग ही नहीं किया गया। इस बग के कारण कई लोग अपना मनोबल खोते दिखते हैं। मैं बस यही कहूंगी कि NBEMS को जल्दी से जल्दी तकनीकी टीम को बुला कर समस्या ठीक करनी चाहिए। यार, बग ठीक हो जाए तो सबको राहत मिलेगी।
parlan caem
जुल॰ 20, 2024 AT 03:36 पूर्वाह्नभाई लोगो, ये सारा हंगामा तो बस एक सस्ते बहाने की तरह है, कोई असली समाधान नहीं दिख रहा।
Mayur Karanjkar
जुल॰ 20, 2024 AT 09:09 पूर्वाह्नसमस्या के मूल कारण को समझना आवश्यक है; सिस्टम लोड में असंतुलन, सर्वर क्षमता का अधूरा प्रावधान, और संभवतः सॉफ्टवेयर अपडेट का अनुचित समय। इस प्रकार के मुद्दे को सॉल्व करने के लिए डेटा एनालिटिक्स को पुनः देखना चाहिए।
Sara Khan M
जुल॰ 20, 2024 AT 14:43 अपराह्नभई, फिर से साइट धड़ाम से क्रैश हो गई! 😤
shubham ingale
जुल॰ 20, 2024 AT 20:16 अपराह्नचलो, हिम्मत रखो सब लोग! हम सब मिलकर इस तकनीकी दिक्कत को पार करेंगे 😊💪
Ajay Ram
जुल॰ 21, 2024 AT 01:49 पूर्वाह्नजब तक NBEMS अपनी वेबसाइट की बुनियाद को मजबूत नहीं करता, उम्मीदवारों का तनाव बढ़ता रहेगा। यह सिर्फ तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि एक सामाजिक समस्या है, क्योंकि हमारे देश में मेडिकल प्रवेश को लेकर बहुत उत्साह और दबाव रहता है। कई छात्र पूरे साल अपनी पढ़ाई को इस एक दिन के लिए समर्पित करते हैं, फिर भी उन्हें इस तरह की अनपेक्षित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वेबसाइट का बार‑बार क्रैश होना यह दर्शाता है कि सर्वर की क्षमता प्राथमिकता से नहीं ली गई। इसके अलावा लॉगिन त्रुटियां भी यह संकेत देती हैं कि सुरक्षा प्रमाणीकरण में कुछ गड़बड़ है। उम्मीदवारों को अपने पसंदीदा शहर चुनने में असमंजस का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी योजना बिगड़ जाती है। यदि परीक्षा स्थल उनके घर से दूर हो तो यात्रा खर्च और समय दोनों ही बढ़ जाते हैं, जो कई छात्रों के लिए आर्थिक बोझ बनता है। इस स्थिति में मनोवैज्ञानिक तनाव भी बढ़ता है, क्योंकि अनिश्चितता की वजह से विद्यार्थी अपने अध्ययन पर ध्यान नहीं दे पाते। NBEMS को चाहिए कि वह तुरंत एक बैक‑अप सर्वर तैयार करे, जिससे मूल सर्वर फेल होने पर भी प्रक्रिया जारी रह सके। साथ ही, लॉगिन सत्र को रीफ़्रेश करने की सुविधा देनी चाहिए, ताकि उपयोगकर्ता बार‑बार नए सत्र शुरू न करने को मजबूर हों। तकनीकी टीम को 24x7 सपोर्ट उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि किसी भी समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके। उम्मीदवारों को नियमित रूप से अपडेट भी देना चाहिए, जिससे उन्हें पता रहे कि समस्या कब तक हल होगी। अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस तरह की समस्याओं को केवल एक बार के लिए नहीं, बल्कि दीर्घकालिक सुधार के रूप में देखा जाना चाहिए। तभी हम एक निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली का दावा कर सकते हैं।
Dr Nimit Shah
जुल॰ 21, 2024 AT 07:23 पूर्वाह्नदेखिए, हमें इस तकनीकी गड़बड़ी को कभी भी व्यापक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए, आखिर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली का भरोसा ही हम पर है।
Ketan Shah
जुल॰ 21, 2024 AT 12:56 अपराह्नतकनीकी समाधान के साथ-साथ उपयोगकर्ता अनुभव को भी ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि अंततः यह छात्रों की पढ़ाई का हिस्सा है।
Aryan Pawar
जुल॰ 21, 2024 AT 18:29 अपराह्नसबको हिम्मत रखनी चाहिए हम सब एक साथ मिलके इस समस्या को हल करेंगे आपसी सहयोग से ही सफलता मिलेगी
Shritam Mohanty
जुल॰ 22, 2024 AT 00:03 पूर्वाह्नक्या पता, इस पूरी समस्या के पीछे छिपा है कोई बड़ा षड्यंत्र जो हमारी परीक्षा को नियंत्रित करना चाहता है, हमें जागरूक रहना चाहिए।
Anuj Panchal
जुल॰ 22, 2024 AT 05:36 पूर्वाह्नसभी संभावित बग को डिटेक्ट करने के लिए व्यापक सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और यूज़र फीडबैक लूप लागू करना चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी गिरावट न हो।
Prakashchander Bhatt
जुल॰ 22, 2024 AT 11:09 पूर्वाह्नआशा है कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा, और हम सब अपनी तैयारी में ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
Mala Strahle
जुल॰ 22, 2024 AT 16:43 अपराह्नवास्तव में, जब हम ऐसी तकनीकी समस्याओं को देख रहे हैं, तो यह हमें पेशेवर जीवन में कई पहलुओं की याद दिलाता है। एक ओर जहाँ हम अपने लक्ष्य के प्रति अडिग होते हैं, वहीं दूसरी ओर हमें अनपेक्षित बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थितियों में धैर्य और लचीलापन हमारा सबसे बड़ा सहारा बनते हैं। यदि प्रणाली विश्वसनीय नहीं है, तो यह उम्मीदवारों की मनोवैज्ञानिक स्थिति को गहराई से प्रभावित करता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि परीक्षाकर्ता संस्थाएँ केवल परीक्षा सामग्री के नहीं, बल्कि तकनीकी बुनियादी ढाँचे पर भी समान रूप से ध्यान दें। एक स्थिर प्लेटफ़ॉर्म न केवल लॉगिन समस्याओं को दूर करता है, बल्कि छात्रों को उनके चयनित शहर के बारे में स्पष्ट जानकारी भी प्रदान करता है, जिससे वे अपने यात्रा योजनाओं को व्यवस्थित कर सकें। अंत में, हमें यह समझना चाहिए कि तकनीकी त्रुटियाँ एक बड़ी प्रणाली का हिस्सा हो सकती हैं, पर उनका प्रभाव कम करने के लिए निरंतर सुधार आवश्यक है।
Ramesh Modi
जुल॰ 22, 2024 AT 22:16 अपराह्नभाई, आपका बयान बहुत वाक्य‑जटिल है, लेकिन याद रखिए, जब सिस्टम सुचारु नहीं, तो सभी को सहनशील होना पड़ता है, विशेषकर उन लोगों को जो अत्यधिक तनाव में होते हैं।
Ghanshyam Shinde
जुल॰ 23, 2024 AT 03:49 पूर्वाह्नवाह, यही तो मैं कह रहा था-सिस्टम को नहीं, तो हमारी हँसी भी नहीं आती।
SAI JENA
जुल॰ 23, 2024 AT 09:23 पूर्वाह्ननिष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए, तभी भरोसा बनता है।
Hariom Kumar
जुल॰ 23, 2024 AT 14:56 अपराह्नसही कहा, हम सबको मिलकर इस झंझट को दूर करना है 😊👍
shubham garg
जुल॰ 23, 2024 AT 20:29 अपराह्नचलो यार, सब ठीक हो जाएगा, पॉज़िटिव रहो!
LEO MOTTA ESCRITOR
जुल॰ 24, 2024 AT 02:03 पूर्वाह्नहर चुनौती में सीखने का मौका है, आगे बढ़ते रहो, हम सब साथ हैं।
Sonia Singh
जुल॰ 24, 2024 AT 07:36 पूर्वाह्नसबको यही दुआ है कि तकनीकी समस्याएँ शीघ्र समाप्त हों और हम अपना लक्ष्य बिना बाधा के हासिल करें।