NTA के प्रमुख सुभोध कुमार सिंह का स्थानांतरण
नीट और नेट परीक्षाओं में हाल ही में हुई अनियमितताओं के आरोपों के चलते राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के प्रमुख सुभोध कुमार सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस संबंध में घोषणा की और बताया कि शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ जांच की जा रही है ताकि इस तरह की गलतियों की पुनरावृत्ति न हो। प्रधान ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य छात्रों के हितों की रक्षा करना है और अनियमितताओं में शामिल व्यक्तियों को कोई राहत नहीं दी जाएगी।
प्रदीप सिंह खरोलाः नए NTA प्रमुख
सुभोध कुमार सिंह की जगह प्रदीप सिंह खरोल ने NTA के नए प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। सरकार ने यह फैसला परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के मकसद से लिया है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि CSIR-UGC नेट के पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया गया है और परीक्षाएं केवल तार्किक कारणों के चलते स्थगित की गईं थी।
नीट पेपर लीक की जांच
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई नीट पेपर लीक के आरोपों की जांच कर रही है, ताकि इस मामले का सही रूप सामने आ सके। पूरी सरकारी मशीनरी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई कर रही है। अन्य राज्यों में भी जांच प्रक्रिया जारी है।
गुजरात में 30 छात्रों का निष्कासन
गुजरात में संगठित नकल के दोषी पाए गए 30 छात्रों को निष्कासित किया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार नकल या किसी अन्य प्रकार के अनियमितता को सहन नहीं करेगी। शिक्षा मंत्री ने यह साफ किया कि ऐसे मामलों में दोषियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
नयी नियमावली और पैनल
शिक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सरकार ने पूर्व ISRO प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय पैनल का गठन किया है। यह पैनल सुनिश्चित करेगा कि NTA द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं दोषरहित और पारदर्शी हों।
कड़ी सजा का प्रावधान
सरकार ने परीक्षा में अनियमितताओं को रोकने के लिए एक सख्त कानून लागू किया है। इस कानून के तहत दोषियों को दस साल की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इस सख्ती का उद्देश्य यह है कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की अनियमितताओं में लिप्त होने का साहस न करे।
इस पूरे मामले ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। यह उम्मीद की जा रही है कि नए प्रमुख और पैनल की सहायता से NTA आने वाले समय में परीक्षाओं को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में सफल होगा।