फिल्म 'स्टार' का केंद्रीय पात्र कलाई है, जिसे अभिनेता कविन ने निभाया है। कलाई की भूमिका एक युवा अभिनेता की है जिसका सपना तमिल सिनेमा में एक स्टार बनने का है। लेकिन यह महज एक साधारण फिल्मी कहानी नहीं है; इसमें परिवार, संघर्ष और प्रेम के विभिन्न आयाम समाहित हैं।
फिल्म का निर्देशन एलान ने किया है, और इसमें आदिति पोहनकर, प्रीति मुखंधन और गीता कैलासम ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। काव्यात्मक और भावनात्मक तत्वों के साथ-साथ इस फिल्म में सामाजिक संदेश भी तलाशे जा सकते हैं।
कलाई का किरदार और उसकी यात्रा
कलाई के किरदार को कविन ने बहुत ही सजीव और प्रभावशाली तरीके से चित्रित किया है। वह जिस जुनून और दृढ़ संकल्प के साथ अपने सपनों का पीछा करता है, वह दर्शकों को न केवल प्रेरित करता है, बल्कि उन्हें कलाई के संघर्ष से भी जोड़ता है। फिल्म की कहानी में कलाई के पिता की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जिसे मलयालम अभिनेता लाल ने निभाया है। उनका किरदार अत्यधिक काल्पनिक लेकिन प्रेरणादायक है।
Ghanshyam Shinde
मई 11, 2024 AT 02:45 पूर्वाह्नक्या काविन की चमक से फिल्म बची या बस उसकी एक्टिंग ने ही रेटिंग को ठीक किया?
SAI JENA
मई 13, 2024 AT 10:19 पूर्वाह्नफिल्म में प्रस्तुत संघर्ष और परोपकार के तत्व वास्तव में युवा कलाकारों को प्रेरित कर सकते हैं। इस तरह के सामाजिक संदेश इंस्टैंटली दर्शकों के दिल को छूते हैं। साथ ही, कहानी में परिवार की जड़ें दृढ़ता का प्रतीक बनती हैं, जो इसे एक मूल्यवान काल्पनिक सहायता बनाती हैं।
Hariom Kumar
मई 15, 2024 AT 17:52 अपराह्नकविन की परफॉर्मेंस सच में दिल छू लेने वाली है 😊। वह कलाई के सपनों को ऐसे बयां करता है जैसे खुद का सपना हो। हर इशारे में उसकी ऊर्जा झलकती है, जिससे दर्शक जूड़े रहते हैं। कहानी में परिवार का समर्थन बहुत ही वास्तविक दिखता है, और यह युवा कलाकारों के लिए एक मॉडल है।
फिल्म की सामाजिक संदेश भी स्पष्ट है, जो आज के समय में बहुत जरूरी है।
रिलेशनशिप की जटिलताओं को ना सिर्फ़ दिखाया गया है, बल्कि समझाने की कोशिश भी की गई है।
एक्स्ट्रा सीन में दिखाए गए संघर्ष कई लोगों की ज़िन्दगी से जुड़ते हैं, जिससे जुड़ाव और गहरा होता है।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर ने भावना को और प्रबल किया है।
संभव है कि कुछ भाग थोड़े खिंचे हुए लगें, पर समग्र रूप से यह एक ठोस पॉप कॉर्न जैसा है।
मैं इस फिल्म को कई बार देखूँगा, क्योंकि यह प्रेरणा के कई स्रोत देता है।
हमें ऐसे फ़िल्मों की जरूरत है जो सपनों को साकार होते देखाने की शक्ति रखें।
आशा करता हूँ कि कविन आगे भी ऐसे ही भूमिकाएँ निभाए।
सभी को इस फिल्म को देखने की सलाह देता हूँ, खासकर जो अपने सपनों का पीछा कर रहे हैं।
अंत में, यह एक ऐसा प्रयोगात्मक फ़िल्म है जो दिल को छू जाता है 👍।
shubham garg
मई 18, 2024 AT 01:25 पूर्वाह्नभाई, तेरे उत्साह से तो मैं खुद भी फिल्म देखना चाहता हूँ! चलो कुछ पॉपकॉर्न ले लेते हैं।
LEO MOTTA ESCRITOR
मई 20, 2024 AT 08:59 पूर्वाह्नहम सब अपने सपनों की राह में कई मोड़ से गुजरते हैं, लेकिन महत्व यह है कि हम रुकें नहीं। हर गिरावट हमें नया सीख देती है और आगे बढ़ने का नया रास्ता दिखाती है।
Sonia Singh
मई 22, 2024 AT 16:32 अपराह्नसही कहा, ऐसे ही छोटे-छोटे विचार हमें आगे बढ़ाते हैं। इस चर्चा से मैं भी प्रेरित हूँ।
Ashutosh Bilange
मई 25, 2024 AT 00:05 पूर्वाह्नयार, ये फिल्म तो बड़ाई नहीं, एकदम बिन बम वाला पॉपकॉर्न जैसा है! समझ नहीं आता क्यों इतना शोर मचाया गया।
Kaushal Skngh
मई 27, 2024 AT 07:39 पूर्वाह्नमतलब, औसत से नीचे ही रहेगी।