राफेल नडाल ने डेविस कप हार के साथ टेनिस करियर को किया अलविदा

राफेल नडाल, जिसने लगभग दो दशकों तक टेनिस के कोर्ट पर अपनी धाक जमाई, उन्होंने अंततः डेविस कप की हार के साथ अपने लंबे और प्रभावशाली करियर को अलविदा कह दिया। स्पेन के मलागा में पलासियो डे डिपोर्ट्स में खेले गए इस मुकाबले में नडाल ने नीदरलैंड्स के बॉटिक वैन डे जैंडसचल्प के खिलाफ 6-4, 6-4 से हार का सामना किया। इस मैच के दौरान नडाल के परिवार के सदस्य और उनके समर्थक भारी संख्या में उपस्थित थे, जिन्होंने उन्हें गर्मजोशी से विदाई दी। यह मैच नडाल के लिए विशेष था, क्योंकि उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि यह उनका आखिरी पेशेवर मैच होगा।

राफेल नडाल ने 22 ग्रैंड स्लैम जीते हैं, जो कई खिलाड़ियों के लिए केवल एक सपना होता है। 38 वर्षीय इस दिग्गज खिलाड़ी ने ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीते हैं और उनका नाम टेनिस इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अंकित होकर रहेगा। हालांकि, पिछले दो वर्षों में लगी चोटों ने नडाल को खेलने से रोक दिया। 2023 में, उन्होंने कूल्हे की सर्जरी भी करवाई, जिसके कारण वह केवल 23 मैचों में ही खेलने में सक्षम रहे। परन्तु, उनकी तकलीफें कहीं उनके हौसले को तोड़ न सकीं और उन्होंने अपने करियर को बड़े गर्व से समाप्त किया।

नडाल के सुनहरे करियर की बात करें तो उनका डेविस कप रिकॉर्ड भी बेहद शानदार रहा है। इस हार से पहले उन्होंने लगातार 29 मैचों में जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ, नडाल का डेविस कप में यह केवल दूसरा मुकाबला था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनका पहला हार 2004 में हुआ था, जब वह टेनिस में अपने शुरुआती कदम रख रहे थे। एक युग का अंत हुआ, जब राफेल नडाल ने टेनिस कोर्ट को अलविदा कहा, इस दौरान उन्हें एक लंबे खड़े होकर सभी ने विदाई दी।

रोजर फेडरर, राफेल नडाल और नोवाक जोकोविच को टेनिस के 'बिग थ्री' के रूप में जाना जाता है। इन तीनों ने टेनिस की दुनिया को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। फेडरर ने 2022 में संन्यास लिया और अब नडाल के जाने के बाद, नोवाक जोकोविच ही इस प्रतिष्ठित समूह के एकमात्र सदस्य रह गए हैं। डेविस कप में स्पेन और नीदरलैंड के बीच हुए इस मुकाबले को एक बेहद खास मैच के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। मैच के बाद, स्पेन और नीदरलैंड के प्रशंसकों ने भी नडाल के शानदार करियर की सराहना की और उनके लिए तालियों की गड़गड़ाहट से मुकुटबद्ध विदाई दी।

इस मैच में स्पेन के कार्लोस अलकराज ने टैलन ग्रिकसपुर के खिलाफ 7-6(0), 6-3 से जीत दर्ज कर सीरीज को 1-1 की बराबरी पर लाया, लेकिन इस मुकाबले का मुख्य आकर्षण नडाल की विदाई ही रही। नडाल की सफलता और संघर्ष की कहानी हमेशा उनके समर्थकों के दिलों में बसेगी। नडाल, जो अपने पूरे करियर के दौरान कोर्ट पर अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे, ने टेनिस को एक नई पहचान दी और खेल प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनाई।

नडाल का इस प्रकार से जाना, न केवल उनके फैन्स बल्कि पूरे टेनिस जगत के लिए एक भावुक पल था। नडाल ने अपने करियर में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने हर चुनौती को मजबूती से पार किया। उनके संकल्प और मेहनत ने उन्हें टेनिस के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसा कि वह टेनिस को अलविदा कह रहे हैं, नडाल अगले अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन उनका अद्वितीय योगदान अपनी छाप छोड़ चुका है।

राफेल नडाल की विदाई ने टेनिस के प्रशंसकों को एक साथ जोड़ा, उनके संकल्प, दृढ़ता और अडिग रहने की भावना ने लोगों को प्रेरणा दी। वह एक प्रेरणा थे और हमेशा रहेंगे। समय चाहे बदल जाए, लेकिन राफेल नडाल के संघर्ष, हौसले और जीत की कहानियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।

अवनि बिश्वास

अवनि बिश्वास

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

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