रोमांचक मुकाबले में जोकोविच ने सेरुंदोलो को हराकर क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह

रोमांचक मुकाबले में जोकोविच की जय

रोलाण्ड गैरोस के चौथे दौर के एक बेहद रोमांचक मैच में विश्व प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने अपनी प्रतिभा और दृढ़ता का परिचय देते हुए फ्रांसिस्को सेरुंदोलो को हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की की। यह मुकाबला बिल्कुल आसान नहीं था, क्योंकि कई मोर्चों पर जोकोविच को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। इस मैच में जोकोविच के घुटने में चोट लग गई थी और उन्होंने कई अप्रत्याशित गलतियाँ भी की, जिससे वे तीन सेटों में से दो सेट हार गए थे। लेकिन उन्होंने अपनी अटूट प्रतिज्ञा और खेल के प्रति समर्पण से मैच को अपने पक्ष में कर लिया।

जोकोविच पर सेरुंदोलो की चुनौती

फ्रांसिस्को सेरुंदोलो ने इस मैच में अपने शानदार खेल का प्रदर्शन किया, और उनकी शानदार गाउंडस्ट्रोक्स, विशेषकर भारी टॉपस्पिन फोरहैंड, का सामना जोकोविच को करना पड़ा। सेरुंदोलो के खेल की प्रशंसा सभी ने की और उनकी खेल शैली ने जोकोविच को काफी दबाव में रखा। उन्होंने पहले तीन सेटों में विशेषकर दूसरे और तीसरे सेट में जोकोविच को न सिर्फ पिछाड़ा, बल्कि अपनी जीत की संभावना भी बढ़ाई। सेरुंदोलो ने दूसरा सेट 7-5 और तीसरा सेट 6-3 से जीता, जिससे उन्होंने मैच में 2-1 की बढ़त हासिल की।

जोकोविच की शानदार वापसी

हालांकि, जोकोविच अपनी क्षमताओं को अच्छी तरह से जानते हैं और उन्होंने साबित किया कि क्यों वे टेनिस जगत के महान खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। चौथे सेट में, जोकोविच ने अपनी ऊर्जा और ताकत को इकट्ठा करते हुए 7-5 से सेट जीता और मैच को निर्णायक पांचवें सेट तक ले गए। पांचवें सेट में भी जोकोविच ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए 6-3 से जीत दर्ज की और अंतिम रूप से मैच को अपने नाम कर लिया। इस जीत से जोकोविच ने दिखाया कि कैसे वे विपरीत परिस्थितियों में भी जीत हासिल कर सकते हैं।

अलेक्स डी मिनौर का भी शानदार प्रदर्शन

वहीं दूसरी ओर, एक अन्य महत्वपूर्ण मैच में, अलेक्स डी मिनौर ने अपने करियर का दूसरा ग्रैंड स्लैम क्वार्टर फाइनल अचीव किया। उन्होंने विश्व के एक और शानदार खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव को 4-6, 6-2, 6-1, 6-3 से हराकर इस मुकाम तक पहुंचे। यह मैच भी डी मिनौर के लिए काफी अहम था और उन्होंने अपने खेल का सबसे बेहतरीन रूप दिखाया।

इस तरह, रोलाण्ड गैरोस में प्रशंसकों को कई शानदार मैच और बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिले। नोवाक जोकोविच और अलेक्स डी मिनौर की जीत ने उनके प्रशंसकों को बहुत खुश किया और यही खेल का असली मज़ा है। जब खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता और आत्मविश्वास के साथ खेलते हैं, तो दर्शकों का मनोरंजन भी दोगुना हो जाता है। अब सभी की नजरें नोवाक जोकोविच पर होंगे, यह देखने के लिए कि वे आगे के चरणों में कैसे प्रदर्शन करते हैं और क्या वे खिताब जीत पाते हैं या नहीं।

नोवाक जोकोविच सेरुंदोलो रोलाण्ड गैरोस क्वार्टर फाइनल
akhila jogineedi

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मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (9)

wave
  • pradeep kumar

    pradeep kumar

    जून 4, 2024 AT 18:58 अपराह्न

    जोकोविच ने तो फिर से दिखा दिया कि दबाव में भी वह कूल रह सकता है। लेकिन उसकी घुटने की चोट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

  • MONA RAMIDI

    MONA RAMIDI

    जून 4, 2024 AT 21:45 अपराह्न

    सेरुंदोलो का खेल फैंसी था, लेकिन जोकोविच ने अंत में जादू कर दिया। पाँचवें सेट में उसकी सर्विस असली हथिया बन गई। थकान दिखती थी पर उत्साह बरकरार रहा। दर्शकों का जोश भी हाई था। ऐसे मैचों से टेनिस का मज़ा दोबता है।

  • Vinay Upadhyay

    Vinay Upadhyay

    जून 5, 2024 AT 00:31 पूर्वाह्न

    हम्म, घुटने की चोट के बाद भी वह इन्स्टिंकटिव रूप से जीत गया? यह थोड़ा लापरवाह लग रहा है। आँकड़े देखो, कभी‑कभी बौद्धिकता पीछे छूटती है।

  • Divyaa Patel

    Divyaa Patel

    जून 5, 2024 AT 03:18 पूर्वाह्न

    टेनिस की इस रोमांचक कथा में, मानव साहस की सीमाओं को फिर से परिभाषित किया गया है।
    जोकोविच ने दर्द को अपने साथी बनाकर, हर बॉल को एक नई कहानी बना दिया।
    सेरुंदोलो की टॉपस्पिन फोरहैंड उस दिन गोल्डन स्विंडल करती थी, पर जोकोविच की रिटर्न्स ने उसे ब्लैकहोल में धकेल दिया।
    पहले दो सेट में उनकी हार ने दर्शकों को हिलाकर रख दिया, लेकिन हर हार में छुपा होता है एक सीखने का खजाना।
    तीसरे सेट में सौंदर्य और शक्ति का मिश्रण देखते हुए, हर शॉट जैसे एक काव्यात्मक नवज्वाल जैसा लग रहा था।
    जब जोकोविच ने चौथे सेट को 7‑5 से जीता, तो ऐसा लगा जैसे समय खुद रुक गया हो।
    पांचवां सेट उसने 6‑3 मारते हुए, अपने भीतर की आग को फिर से जलाया।
    लीग की इस कहानी में, घुटने की चोट को भी एक रूपक बना दिया गया, जो दर्द के बावजूद आगे बढने की प्रेरणा देता है।
    डीन मीनोर की जीत ने भी इस महाकाव्य में एक बंधुता का स्पर्श जोड़ दिया।
    जैसे ही बॉल नेट के ऊपर से गुज़री, दर्शकों के दिलों में धड़कन तेज़ हो गई।
    हर सर्विस और रिटर्न, दोनों ही सटीकता और जुनून का मिश्रण थे।
    ऐसे मैच में, खिलाड़ी की मानसिक शक्ति ही असली विजेता बनती है।
    जोकोविच ने केवल शारीरिक दृढ़ता नहीं, बल्कि एक अद्भुत मानसिक लचीलापन दिखाया।
    समग्र रूप से देखा जाए तो, यह मैच टेनिस इतिहास में एक मील का पत्थर है।
    आगे के चैंपियनशिप में फिर कौन सा नायक उभरेगा, यही कहानी का सबसे बड़ा रहस्य रहेगा।

  • Chirag P

    Chirag P

    जून 5, 2024 AT 06:05 पूर्वाह्न

    आपकी बात से मैं पूरी तरह सहमत हूँ, खेल का जुनून ही दर्शकों को बांधे रखता है। साथ ही, खिलाड़ी का सम्मान भी दर्शकों की जिम्मेदारी है।

  • Prudhvi Raj

    Prudhvi Raj

    जून 5, 2024 AT 08:51 पूर्वाह्न

    सेरुंदोलो ने भी शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन जोकोविच का फॉर्म अटूट रहा।

  • Partho A.

    Partho A.

    जून 5, 2024 AT 11:38 पूर्वाह्न

    इतनी गहरी विश्लेषण ने मुझे मैच की जटिलताओं को समझने में मदद की।

  • Heena Shafique

    Heena Shafique

    जून 5, 2024 AT 14:25 अपराह्न

    आह, जोकोविच की मरम्मत के बाद की जीत अब एक सतही विजय लगती है, मानो दर्द को एक फॉर्मूला में बदल दिया गया हो। फिर भी, इस तरह के प्रदर्शन से प्रतियोगिता का स्तर ऊँचा रहता है।

  • Mohit Singh

    Mohit Singh

    जून 5, 2024 AT 17:11 अपराह्न

    सही कहा, कुछ भी असली नहीं लगता।

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wave