समीक्षा: प्रशांत और सिमरन ने दमदार अभिनय से सजाई तमिल फिल्म 'अंधगन'

तमिल फिल्म 'अंधगन' की समीक्षा

तमिल फिल्म 'अंधगन', जिसे 2018 की हिंदी फिल्म 'अंधाधुन' का रीमेक कहा जा रहा है, ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों के बीच काफी चर्चा बटोरी है। इस फिल्म में प्रमुख भूमिका में प्रशांत और सिमरन ने अद्वितीय अदाओं से सभी का दिल जीत लिया है। फिल्म की कहानी एक अंधे पियानोवादक के इर्द-गिर्द घूमती है जो एक हत्या की गुत्थी में उलझ जाता है। प्रशांत ने इस भूमिका को इतने विश्वास के साथ निभाया है कि उनकी तुलना आयुष्मान खुराना से होने लगी है जिन्होंने मूल फिल्म में यह किरदार निभाया था। प्रशांत ने इनकांमिंग और आउटगॉइंग डायलॉग की भावना को इतनी बखूबी तरीके से पेश किया है कि दर्शक उनकी प्रशंसा किये बिना नहीं रह सकते हैं।

सिमरन ने भी अपनी भूमिका के साथ पूरे न्याय किया है और उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस और अभिनय की अनुभवता इस फिल्म में साफ झलकती है। उनका किरदार एक ऐसी पत्नी का है जो हत्या के रहस्य में फंस जाती है और सिमरन ने इस भूमिका में ऐसा जीवंतता भरा है कि यह किरदार दर्शकों के मन में छा जाता है।

निर्देशक थियागराजन की भूमिका

निर्देशक थियागराजन ने फिल्म की टोन और गति को मूल फिल्म 'अंधाधुन' के समान बनाए रखा है। उन्होंने तमिल दर्शकों के नजरिए से कुछ आवश्यक बदलाव भी किए हैं, जो फिल्म को स्थानीय दर्शकों के अधिक करीब ले जाते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि थियागराजन ने फिल्म की संवेदनशीलता और गंभीरता को सांस्कृतिक रुपांतरण के साथ सामने रखा है, जिससे फिल्म वास्तविकता में काफी जुड़ी हुई प्रतीत होती है।

सहायक कलाकारों की भूमिका

फिल्म में सहायक कलाकारों की भूमिका भी उल्लेखनीय है। कार्तिक और उमा रिया ने फिल्म में अपनी भूमिका के साथ पूर्णता से न्याय किया है और उनकी अदायगी से फिल्म में तनाव और रोमांच की पर्तें और भी गहन हो जाती हैं। उनकी बातचीत और अभिनय से फिल्म की चालकता और बढ़ जाती है, जिससे दर्शक अंत तक बंधे रहते हैं।

छायांकन और संगीत

फिल्म का छायांकन और संगीत भी काफी सराहनीय हैं। छायाकार ने दृश्य संयोजन और प्रकाश संयोजन में काफी परिपक्वता दिखाई है, जिससे फिल्म की दृश्यात्मक आकर्षकता बढ़ जाती है। संगीत भी फिल्म की महत्ता को उभारने में सफल रहा है और फिल्म के विभिन्न भावनात्मक और रहस्यमय पलों को समर्थित करता है। इन सभी तत्वों का संयोजन फिल्म को एक उत्कृष्ट सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, 'अंधगन' एक सफल और प्रभावी रीमेक है जो अपनी स्वतंत्र पहचान बना सकने में भी समर्थ है। फिल्म के मुख्य प्रदर्शक प्रशांत और सिमरन की अदायगी इस रीमेक को जीवंत बनाने में काफी हद तक सफल रही है। थियागराजन ने निर्देशन के माध्यम से मूल फिल्म की आत्मा और सुर को कायम रखते हुए तमिल दर्शकों के लिए एक सम्मोहक और सजीव अनुभव प्रदान किया है। 'अंधगन' एक ऐसी फिल्म है जो रहस्य, तनाव और अदायगी के मिश्रण से आपको अंत तक बांधे रखेगी।

akhila jogineedi

akhila jogineedi

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

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