100वां टेस्ट शतक: क्रिकेट में ऐतिहासिक मील का पत्थर
एक 100वां टेस्ट शतक, एक बल्लेबाज द्वारा टेस्ट क्रिकेट में अपना दसवां शतक पूरा करना सिर्फ रनों का जमाव नहीं होता — ये एक जीवन भर की मेहनत, दबाव और लगन का परिणाम होता है। इसे पूरा करने वाला खिलाड़ी सिर्फ बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक अद्वितीय इतिहास का हिस्सा बन जाता है। भारत के लिए ये रिकॉर्ड खास है, क्योंकि हमारे बल्लेबाजों ने इसे बार-बार तोड़ा है, और हर बार ये एक नई पीढ़ी को प्रेरित करता है।
केएल राहुल, भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख बल्लेबाज और टेस्ट शतकों के रिकॉर्डधारक ने 9 साल बाद अहमदाबाद में अपना 100वां शतक बनाया, जिससे वो दुनिया के कुछ ही खिलाड़ियों में शामिल हो गए। इसके बाद सरफराज खान, मुंबई के बल्लेबाज जिन्होंने बुची बाबु टूर्नामेंट में लगातार दो शतक लगाए ने भी अपना दबाव बढ़ाया — उनके दो शतकों ने टेस्ट टीम के चयन पर सवाल खड़े कर दिए। ये दोनों खिलाड़ी अलग-अलग रास्तों से आए, लेकिन एक ही लक्ष्य के लिए लड़ रहे हैं: टेस्ट क्रिकेट की ऊँचाइयों पर बने रहना।
एक 100वां टेस्ट शतक सिर्फ बल्लेबाज के लिए नहीं, बल्कि पूरी टीम के लिए एक जीत होती है। ये रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ी अक्सर दबाव में खेलते हैं — आंकड़े देख रहे होते हैं, लोग उम्मीद कर रहे होते हैं, और एक गलती में पूरा करियर खतरे में पड़ सकता है। इसलिए जब कोई बल्लेबाज 100वां शतक बनाता है, तो वो सिर्फ रन नहीं बना रहा होता, बल्कि अपने आप को इतिहास में दर्ज कर रहा होता है।
इस लिस्ट में आपको ऐसे ही कई ऐतिहासिक पल मिलेंगे — जहां बल्लेबाजों ने अपनी जीत को शतकों के जरिए दर्ज किया, जहां टीम के लिए ये रन बड़े निर्णयों का आधार बने, और जहां एक शतक ने पूरी टीम की दिशा बदल दी।
मुशफिकुर रहीम बने बांग्लादेश के पहले 100 टेस्ट खिलाड़ी और मील का पत्थर मैच में शतक लगाया
मुशफिकुर रहीम बांग्लादेश के पहले 100 टेस्ट खिलाड़ी बने और शेरे-बंगला स्टेडियम में आयरलैंड के खिलाफ 106 रनों का शतक लगाकर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 11वें खिलाड़ी बने।