अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) — सरल और काम की जानकारी
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन, जिसे आमतौर पर ISS कहा जाता है, पृथ्वी के ऊपर लगभग 400 किलोमीटर की कक्षा में घूमता एक बड़ा प्रयोगशाला मंच है। यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि कई देशों का साझा विज्ञान और तकनीक का केंद्र है जहाँ भारी सटीक प्रयोग, जीवन-समर्थन सिस्टम और अंतरिक्ष तकनीक पर काम होता है।
अगर आपको जल्दी में पता चाहिए — ISS पर अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं, पृथ्वी की निगरानी होती है और नए अंतरिक्ष उपकरणों का टेस्ट होता है। यह 90 मिनट में एक पूरा चक्कर लगाता है, इसलिए हर 45 मिनट पर दिन और रात बदलने जैसा होता है।
ISS कैसे काम करता है?
ISS में कई मॉड्यूल जुड़े होते हैं — प्रयोगशाला, आवास, सोलर पैनल और डॉकिंग पोर्ट। ऊर्जा के लिए सौर पैनल और जीवन-रखरखाव के लिए री-साइक्लिंग सिस्टम होते हैं जो पानी और हवा वापस बनाते हैं। अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के कारण इसके संचालन, आपूर्ति और मिशन पर NASA, ESA, Roscosmos, JAXA और CSA जैसे एजेंसियाँ मिलकर काम करती हैं।
स्टेशन माइक्रोगरैविटी का माहौल देता है, जिससे बुनियादी विज्ञान, दवा विकास, सामग्री विज्ञान और जैविक अनुसंधान में नए खोज के मौके मिलते हैं। छोटे-छोटे प्रयोगों का असर रोजमर्रा की जिंदगी में धीरे-धीरे दिखता है — दवाओं की बेहतर डिलीवरी, नए मटीरियल और बेहतर टेक्नोलॉजी।
लाइव कैसे देखें और ट्रैक करें?
क्या आप ISS को लाइव देखना चाहते हैं? आसान है। NASA की वेबसाइट और ISS Live Stream पर अक्सर कैमरा फीड होता है। इसके अलावा Spot the Station (NASA) और कई मोबाइल ऐप्स से आप यह जान सकते हैं कब और कहाँ आकाश में ISS दिखेगा। सामान्य तौर पर, साफ रात में और सूरज ढलने के बाद यह तेज चमक की तरह दिखाई देता है।
भारत से भी आप लाइव वीडियो और ट्रैकिंग देख सकते हैं — NASA TV, ESA चैनल और कुछ निजी वेबसाइट्स पर नियमित अपडेट होते हैं। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ISS के आधिकारिक हैंडल पर तस्वीरें और कार्यों की जानकारी मिलती रहती है।
ISS से जुड़े सवाल अक्सर होते हैं: क्या वहां खाना कैसे बनता है? (पैक्ड और गरम करके), बाथरूम कैसे होता है? (वैक्यूम सिस्टम), और स्वास्थ्य पर क्या असर होता है? (हड्डियों व मांसपेशियों के लिए एक्सरसाइज़ जरूरी)।
भारत का रोल: सीधे तौर पर ISS पर भारत की स्पेस एजेंसी ISRO का कोई मॉड्यूल नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक सहयोग, डाटा विनिमय और तकनीकी साझेदारी के मौके बढ़ रहे हैं। भविष्य में और भी मिशन में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता की उम्मीद है।
यदि आप ISS संबंधित समाचार, मिशन अपडेट या वैज्ञानिक रिपोर्ट पढ़ना चाहते हैं तो भरोसेमंद स्रोत चुनें — NASA, ESA और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियाँ। हमारी साइट पर भी ISS से जुड़ी ताज़ा खबरें और विश्लेषण समय-समय पर मिलेंगे।
कुछ आसान टिप्स: अगली बार जब आप बाहर निकलें, Spot the Station वेबसाइट पर अपना शहर डालकर देख लें कि कब ISS दिखाई देगी। एक साधारण स्मार्टफोन कैमरा और टिकाऊ धैर्य से आप इसे कैद भी कर सकते हैं।
खुशखबरी: ISS अभी भी सक्रिय है और नई प्रयोगशालाएँ व तकनीक जोड़ने का काम जारी है — यानी रुचि रखने वालों के लिए सीखने और देखने के कई मौके आते रहेंगे।
सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर 2025 में आएंगे वापस: नासा ने वीडियो दावों को किया खारिज
नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के तकनीकी मुद्दों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर फंस गए हैं। उन्हें 2025 की शुरुआत में स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से पृथ्वी पर लौटाया जाएगा। नासा ने दावा किया है कि वह एक वायरस वीडियो झूठा है जो उनकी तात्कालिक वापसी का दावा करता है।