जमानत (Bail) क्या है और आपको तुरंत क्या करना चाहिए

क्या आप या आपका कोई परिचित गिरफ्तार हुआ है? पहले साफ बात: जमानत केस को जल्द ठीक से संभालने से ही मुश्किलें कम होती हैं। जमानत का मतलब है अदालत की मंज़ूरी ताकि आरोपी अस्थायी रूप से रिहा हो सके, बशर्ते वह कोर्ट की शर्तें पूरी करे। नीचे मैं आसान भाषा में बताता/बताती हूँ कि किस तरह आगे बढ़ें और किन बातों का ध्यान रखें।

जमानत के प्रकार

सबसे पहले समझ लें कि दो बड़े प्रकार होते हैं — अग्रिम जमानत (anticipatory bail) और नियमित जमानत (regular bail)। अग्रिम जमानत Section 438 CrPC के तहत मांगी जाती है जब आपको डर हो कि गिरफ्तारी हो सकती है। नियमित जमानत Section 437/439 CrPC के तहत तब मिलती है जब आप पहले ही गिरफ्तार हो चुके हों और अदालत से रिहाई माँगनी हो। कुछ अपराध गैर-बेलेबल होते हैं; उन मामलों में जमानत मिलना मुश्किल होता है।

जमानत के लिए जरूरी कदम — स्टेप बाय स्टेप

1) तुरंत वकील से बात करें। फोन पर कम-से-कम जानकारी दे दें ताकि वकील अगला कदम बता सके।

2) गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुलिस रिमांड और हिरासत की फाइलें देखें। FIR की कॉपी, गिरफ्तारी का समय, और गिरफ्तारी रिकार्ड (arrest memo) लेना ज़रूरी है।

3) दस्तावेज तैयार रखें: ID (आधार/पैन/पासपोर्ट), पता प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो, FIR कॉपी और किसी गवाह या जमानतदार का पहचान-पत्र। वकील जमानत बॉन्ड और अफ़िडेविट बनाएगा।

4) अदालत में जमानत आवेदन डालें। Magistrate कोर्ट या Sessions Court में मामला और आरोप के अनुसार आवेदन होगा। अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट भी जा सकते हैं।

5) शर्तों का पालन करें। अदालत अक्सर जांच में सहयोग, कचोटे (surety) और कभी-कभी सीमित हरकतों की शर्त रखती है — पालन न करने से जमानत रद्द हो सकती है।

अगर जमानत न मिली तो क्या करें? सीधे हाई कोर्ट में रिव्यू या अपील कर सकते हैं, या नई जानकारी/सबूत के साथ पुनर्विचार के लिए आवेदन कर सकते हैं। कभी-कभार पुलिस जांच पूरी होने या सबूत कमज़ोर होने पर जमानत मिलती है।

कुछ उपयोगी सलाह: गिरफ्तारी पर शांत रहें, घटना का बयान देने से पहले वकील से बात कर लें, सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट न करें जो केस को प्रभावित करे, और अगर शर्तों में हाजिरी या रिपोर्टिंग का नियम है तो समय पर पालन करें।

अंत में — हर केस अलग होता है। इसलिये तुरंत किसी अनुभवी क्रिमिनल वकील से सलाह लें, और जरूरी दस्तावेज व जानकारी तुरंत इकट्ठा कर लें। सही कदम समय पर उठाने से जमानत मिलने की संभावना बढ़ती है और समस्या छोटी रह सकती है।

नोट: ऊपर दी गयी जानकारी सामान्य मार्गदर्शन है। कानूनी सलाह के लिए अपने मामले की विशेष जानकारी के साथ वकील से संपर्क करें।

दिल्ली शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में जमानत दे दी है। यह फैसला 13 सितंबर 2024 को सुनाया गया। कोर्ट ने कहा कि लंबी हिरासत से स्वतंत्रता का अनावश्यक हनन होता है।