जब Tata Capital Limited ने अपना ₹15,511.87 crore का IPO 6 अक्टूबर 2025 को लॉन्च किया, तो निवेशकों की आँखें तुरंत इस बड़े‑पैमाने के ऑफ़र पर टिकी। इस अंक में 21 करोड़ 0 लाख इक्विटी शेयर (नया जारी) और 26.58 करोड़ 24,280 शेयरों की ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS) शामिल है, और कीमत ₹310‑₹326 प्रति शेयर तय की गई। यह कदम न केवल Tata Group की पूँजी संरचना को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय NBFC‑सेक्टर्स में प्रतिस्पर्धा को भी नया मोड़ देगा।
IPO का मुख्य विवरण और मूलभूत आंकड़े
एक नई इश्यू के रूप में 21 करोड़ 0 लाख शेयर, जिसका कुल मूल्य लगभग ₹6,846 crore है, जारी किए गये। साथ ही, Tata Sons ने 23 करोड़ शेयर और International Finance Corporation ने 3.58 करोड़ शेयर बेचने का इरादा जताया। कुल मिलाकर ऑफ़र की साइज ₹15,511.87 crore बनती है, जिससे यह भारत का चौथा सबसे बड़ा IPO बनता है, जिसके पीछे LIC, Paytm और Hyundai Motor India हैं।
न्यूनतम लॉट साइज 46 शेयर निर्धारित है, यानी ₹14,996 न्यूनतम निवेश; अधिकतम 598 शेयर (13 लॉट) तक रिटेल निवेशकों को अनुमति है, जो कुल ₹1,94,948 तक का निवेश बनता है। दाता के रूप में MUFG Intime India Pvt. Ltd. नियुक्त किया गया है, और शेयरों की लिस्टिंग Bombay Stock Exchange (BSE) और National Stock Exchange (NSE) पर 13 अक्टूबर 2025 को होगी।
प्रमुख शेयरधारक और ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS)
OFS सेक्शन में Tata Sons अपने पास रखे लगभग 23 करोड़ शेयर बेच रहा है, जिससे समूह के पास मौजूद शेयरों का 30 % से अधिक हिस्सा बाजार में आएगा। IFC की हिस्सेदारी भी 3.58 करोड़ शेयरों की रही, जो इस ऑफ़र में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा दर्शाती है। इस दौरान RBI की 30 सितंबर 2025 की समय‑सीमा को ध्यान में रखते हुए, Tata Capital ने अगस्त‑सितंबर में कई रोडशो आयोजित किए, जिससे संस्थागत निवेशकों को आकर्षित किया गया।
रिटेल निवेशकों के बीच भी उत्साह साफ़ दिख रहा है; ग्रे‑मार्केट प्रीमियम (GMP) 5 रुपये तक पहुँच गया, जिसका मतलब है कि लिस्टिंग पर शेयर ₹331 तक ट्रेड हो सकते हैं, यानी लगभग 2 % का संभावित लाभ।
बाजार की प्रतिक्रिया और मूल्यांकन
प्रीकूचिंग मार्केट में शेयरों की कीमत ₹750‑₹775 के बीच ट्रेड हो रही थी, जो पिछले हफ्ते के ₹1,100 के शिखर से 30 % अधिक गिरावट दर्शाती है। एनालिस्ट्स ने IPO वैल्यूएशन पर कड़ी नज़र रखी है; Macquarie Research ने ROE 12 % और ROA 1.7 % को उद्योग‑समान Bajaj Finance (ROE 19.2 %, ROA 4.6 %) से कम बताया। P/B रेशियो 6.4x पर स्थिर है, जो कई NBFCs की तुलना में थोड़ा ऊँचा माना जाता है।
फिर भी, कंपनी का 2025‑FY AUM ₹2.3 लाख crore, 73 लाख ग्राहक, और 1,500‑से‑अधिक शाखाएँ पूरे भारत में, इसे एक भरोसेमंद विकल्प बनाते हैं। 80 % लोन सिक्योर होते हैं, NPA रेशियो 1 % से नीचे, और डिजिटल ऑन‑बोर्डिंग 98 % तक पहुँच चुका है – ये सभी आँकड़े निवेशकों को भरोसा दिलाते हैं।
प्रोजेक्टेड उपयोग और विकास योजना
नए इश्यू की रकम का मुख्य उपयोग Tier‑1 कैपिटल बढ़ाने और लेंडिंग पावर को तेज़ करने के लिए होगा। कंपनी ने अपने प्रमुख 2025‑FY के बाद “राइट्स इश्यू” में ₹1,751.85 crore जुटाने की घोषणा की थी, जो 5,10,74,292 शेयरों को ₹343 प्रति शेयर पर जारी किया गया। इस क्रम में कुल पूँजी बढ़ोतरी लगभग ₹17,400 crore तक पहुँच जाएगी, जिससे Tata Capital एशिया‑पैसिफिक में शीर्ष‑फ़ाइव NBFCs में शामिल होने का लक्ष्य रख रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पूँजी बूस्ट मौजूदा लोन पोर्टफ़ोलियो में डिजिटल‑लेन‑देन को 15 % तक बढ़ा सकता है, और विशेष रूप से माइक्रो‑फाइनेंस और कंज्यूमर लोन सेक्टर में तेज़ी लाएगा।
भविष्य की संभावनाएँ और नियामक दायरे
RBI ने NBFCs पर सख़्त नियम लागू किए हैं; इसी कारण Tata Capital ने IPO की योजना को 30 सितंबर की RBI की समय‑सीमा से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा। Reserve Bank of India की यह सीमा पूरे बाजार में परिसंचरण को नियंत्रित करने के लिए है, और Tata Capital को इस दिशा में अग्रिम कदम उठाना पड़ा।
भविष्य में, कंपनी को उम्मीद है कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ग्राहकों की सहभागिता 2027 तक 120 % तक बढ़ेगी, और फिर से 2028 में 30 % का अतिरिक्त क्रेडिट उधारी वृद्धि होगी। इस तरह, इस IPO का प्रभाव केवल एक वित्तीय लेन‑देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारतीय वित्तीय इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव का संकेत भी देगा।
- 6 Oct 2025 – IPO लॉन्च
- 8 Oct 2025 – सब्सक्रिप्शन बंद
- 9 Oct 2025 – अलोटमेंट आधार
- 10 Oct 2025 – रिफंड शुरू
- 13 Oct 2025 – BSE/NSE पर लिस्टिंग
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Tata Capital IPO में न्यूनतम निवेश कितना है?
रिटेल निवेशकों को कम से कम 46 शेयर (एक लॉट) खरीदना होगा, जो कुल ₹14,996 बनता है। अधिकतम 598 शेयर (13 लॉट) तक की अनुमति है, जिससे अधिकतम निवेश ₹1,94,948 तक हो सकता है।
ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS) में कौन‑कौन से संस्थान हिस्सा ले रहे हैं?
OFS में मुख्य शेयरधारक Tata Sons और International Finance Corporation हैं, जो क्रमशः 23 करोड़ और 3.58 करोड़ शेयर बेचेंगे। यह हिस्सेदारी कुल इश्यू का लगभग 30 % बनाती है।
IPO के बाद Tata Capital किन क्षेत्रों में विस्तार करेगा?
उठाए गए पूँजी को Tier‑1 कैपिटल बढ़ाने और लेंडिंग पोर्टफ़ोलियो का विस्तार करने में लगा किया जाएगा, विशेष रूप से डिजिटल‑लेन‑देन, माइक्रो‑फाइनेंस और कंज्यूमर लोन सेक्टर में। कंपनी का लक्ष्य 2027 तक डिजिटल ग्राहकों की संख्या 120 % बढ़ाना है।
इस IPO की कीमत और ग्रे‑मार्केट प्रीमियम क्या संकेत देते हैं?
₹310‑₹326 की कीमत बैंड को 5 रुपये ग्रे‑मार्केट प्रीमियम (GMP) मिला है, जिससे लिस्टिंग पर कीमत करीब ₹331 तक पहुँच सकती है। इसका मतलब लगभग 2 % का शुरुआती लाभ है, जबकि कुल ऑफ़र आकार बड़ा होने के कारण प्रीमियम सीमित रहा।
क्या RBI की समय‑सीमा इस IPO को प्रभावित करेगी?
हां। Reserve Bank of India ने NBFC‑इश्यू के लिए 30 सितंबर 2025 की अंतिम तिथि तय की है। Tata Capital ने इस सीमा से पहले सब्सक्रिप्शन पूरा कर लिया है, जिससे नियामक जोखिम कम हुआ है।
Tanvi Shrivastav
अक्तू॰ 14, 2025 AT 00:09 पूर्वाह्नओह वाओ, Tata Capital का mega IPO, बस यही चाहिए था हमारी आर्थिक बौद्धिकता को झकझोरने के लिये 😊