एलन मस्क की पीएम मोदी से मुलाकात: भारत में स्टारलिंक और टेस्ला के विस्तार की चर्चा

भारत में स्टारलिंक और टेस्ला का भविष्य

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान 14 फरवरी, 2025 को एलन मस्क से मुलाकात की। यह बैठक व्हाइट हाउस में हुई, जिसका उद्देश्य भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाना था। इस मुलाकात में विशेष रूप से स्टारलिंक उपग्रह इंटरनेट और टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहनों के भारत में विस्तार पर चर्चा की गई।

भारत में स्टारलिंक की लॉन्चिंग काफी समय से लंबित है। इसका मुख्य कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएँ और घरेलू कंपनियों से मुकाबला है। रिलायंस जियो जैसे बड़े खिलाड़ी भारत के टेलीकॉम बाजार में मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। मस्क ने भारत की स्पेक्ट्रम नीलामी नीति पर आलोचना की, जिसके बाद इसे बदलने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। हालांकि, सुरक्षा मानकों का अनुपालन अभी भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।

टेस्ला के लिए भारत में अवसर

टेस्ला की भारत में एंट्री भी चुनौतियों से भरी है। भारत में उच्च आयात शुल्क और इलेक्ट्रिक वाहनों की कम मांग टेस्ला के विस्तार में रुकावटें पैदा कर रही हैं। भारत सरकार की 2030 तक 30% वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने की योजना का मुकाबला करते हुए, मौजूदा समय में केवल 2% कारों की बिक्री ही इलेक्ट्रिक वाहनों की है।

बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने मस्क के बच्चों को रवींद्रनाथ टैगोर और आर.के. नारायण की किताबें भी भेंट कीं। यह मुलाकात ट्रंप के व्यापक उद्देश्य जो भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने के लिए तैयार की गई योजनाओं का हिस्सा है, जिसमें व्यापार शुल्क और आव्रजन मुद्दों का समाधान शामिल है।

akhila jogineedi

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मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (16)

wave
  • JAYESH DHUMAK

    JAYESH DHUMAK

    फ़र॰ 14, 2025 AT 18:33 अपराह्न

    भारतीय टेलीकॉम नियमन में हाल ही में हुए बदलावों को समझना अत्यंत आवश्यक है। सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने की घोषणा की है। यह कदम मस्क द्वारा उठाए गए नोटिस के बाद आया, जहाँ उन्होंने सुरक्षा मानकों की कठोरता पर सवाल उठाए थे। नई नीति में उपग्रह संचार के लिए 3.5 GHz और 28 GHz बैंड को अधिक प्रतिस्पर्धी रूप से आवंटित करने की योजना है। इससे स्टारलिंक जैसी कंपनियों को भारत में प्रवेश करने के लिए आवश्यक लाइसेंस सहजता से मिल सकेंगे। साथ ही, कल्याणकारी पहल के रूप में कुछ दूरदराज़ क्षेत्रों को विशेष लाभ देने की बात कही गई है। यह लाभ ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और डिजिटल गैप को कम करेगा। दूसरी ओर, भारतीय टेलीकॉम कंपनियों को भी इस खुली प्रतिस्पर्धा से लाभ उठाने के लिए तकनीकी उन्नति पर ध्यान देना होगा। जियो, एअरटेल और वोडाफोन जैसे प्रमुख ऑपरेटरों को अपने नेटवर्क को अधिक लचीला बनाना पड़ेगा। टेस्ला के भारतीय बाजार में प्रवेश की बात करें तो, सरकार ने आयात शुल्क को कुछ सीमा तक घटाने की संभावित योजना की ओर इशारा किया है। विद्यमान 100% शुल्‍क को घटाकर 60% करने की योजना को विचाराधीन रखा गया है। इसके अलावा, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कुछ विशेष कर रियायतें भी प्रस्तावित हैं। इन उपायों से टेस्ला को भारतीय कार बाजार में प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उत्पाद पेश करने में मदद मिल सकती है। यह ध्यान देने योग्य है कि भारत की 2030 इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्य 30% तक पहुंचाने के लिए बैटरियों की स्थानीय आपूर्ति भी अनिवार्य होगी। वर्तमान में बैटरियों के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए नई प्रक्रियाएँ तैयार की जा रही हैं। कुल मिलाकर, यह मुलाकात भारत-यू.एस. तकनीकी सहयोग के नए युग की शुरुआत का संकेत देती है।
    इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अगले पाँच वर्षों में स्टारलिंक और टेस्ला दोनों के लिए भारत में काफी अवसर पैदा होंगे।

  • Santosh Sharma

    Santosh Sharma

    फ़र॰ 22, 2025 AT 15:33 अपराह्न

    टेस्ला के लिए भारत में आयात शुल्क की उच्च दर एक प्रमुख बाधा है। वर्तमान 100% शुल्‍क भारतीय उपभोक्ताओं को महँगा बना देता है, जिससे प्रतिस्पर्धा में नुकसान होता है। सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए संभावित शुल्क में कमी की घोषणा की है। इस कदम से टेस्ला को स्थानीय स्तर पर उत्पादन शुरू करने की प्रेरणा मिल सकती है। यदि टेस्ला भारत में कारों का असेंबली प्लांट स्थापित करता है, तो वे लागत को काफी हद तक घटा सकते हैं। साथ ही, स्वदेशीय बैटरी निर्माताओं के साथ सहयोग भी एक कुंजी हो सकता है। इस प्रकार की पहल न केवल टेस्ला को लाभान्वित करेगी, बल्कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को भी तेज़ी से आगे बढ़ाएगी।

  • yatharth chandrakar

    yatharth chandrakar

    मार्च 2, 2025 AT 12:33 अपराह्न

    स्पेक्ट्रम नीलामी के नवीनतम परिणामों के अनुसार, कुल 5 GHz बैंड को दो भागों में विभाजित किया गया है। इससे कुल 2000 MHz स्पेक्ट्रम उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो गया है। इस नई उपलब्धता से स्टारलिंक को 4‑5 GHz बैंड पर कार्य करने की अनुमति मिल सकती है। इस बैंड की उच्च फ़्रीक्वेंसी क्षमता उपग्रह संचार के लिए उपयुक्त है, खासकर ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के संदर्भ में। फिर भी, सुरक्षा एजेंसियों ने अभी भी डेटा एन्क्रिप्शन मानकों की कड़ी जांच की माँग की है। इसलिए, मस्क को तकनीकी प्रोटोकॉल को भारतीय सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित करना चाहिए। इस दिशा में सहयोग दोनों पक्षों के लिए उपयोगी रहेगा।

  • Vrushali Prabhu

    Vrushali Prabhu

    मार्च 10, 2025 AT 09:33 पूर्वाह्न

    स्टारलिंक को भारत में लाँच करनाऐ बहुुुुत सरपेहन ही है (अभी तक एकी भी पायलट नहीं हुआ)। टेलीकॉम रेजाॅन रेक्टर कूदन्ती
    जियो जैसी तेज़ नेटवर्क्स स उसी में टकराव नहि होगा। मस्क को ठीकक संरा लक्ष्‍य ध्यटनै चाहते..

  • parlan caem

    parlan caem

    मार्च 18, 2025 AT 06:33 पूर्वाह्न

    आयात शुल्‍क पर चर्चा में कहा गया कि आयात्य शुल्क घटाने से टेस्ला की कीमत बहुत कम हो सकती है, जिससे भारतीय खरीदारों को आकर्षित किया जा सकेगा। यह पहल दीर्घकालिक में भारत के इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्य को भी साकार करने में मददगार होगी, क्योंकि अधिक लोगों को टेस्ला जैसी प्रीमियम ब्रांड्स तक पहुंच मिलेगी।

  • Mayur Karanjkar

    Mayur Karanjkar

    मार्च 26, 2025 AT 03:33 पूर्वाह्न

    टेस्ला और स्टारलिंक दोनों को मिलाकर सोचें तो भारतीय बाजार में एक नई तकनीकी क्रांति शुरू हो सकती है, जहाँ ऊर्जा और संचार दोनों के क्षेत्रों में अद्वितीय समाधान विकसित हो सकेंगे।

  • Sara Khan M

    Sara Khan M

    अप्रैल 3, 2025 AT 00:33 पूर्वाह्न

    स्टारलिंक का इंतजार बहुत समय से चल रहा है।

  • shubham ingale

    shubham ingale

    अप्रैल 10, 2025 AT 21:33 अपराह्न

    भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज़ी से विस्तारित करने के लिए हमें सभी संभावित तकनीकों को खुले दिल से अपनाना चाहिए। स्टारलिंक जैसे वैश्विक प्रोजेक्ट्स को स्वागत करने से न केवल कनेक्टिविटी सुधरेगी, बल्कि स्थानीय नवाचार को भी प्रेरणा मिलेगी।

  • Ajay Ram

    Ajay Ram

    अप्रैल 18, 2025 AT 18:33 अपराह्न

    स्पेक्ट्रम नीति में बदलाव का मतलब है कि अब छोटे शहरों और गांवों में भी हाई‑स्पीड इंटरनेट पहुंच सकेगा। इस परिवर्तन से स्थानीय उद्यमियों को नया मंच मिलेगा, जो कि भारत की समग्र आर्थिक वृद्धि में योगदान देगा।

  • Dr Nimit Shah

    Dr Nimit Shah

    अप्रैल 26, 2025 AT 15:33 अपराह्न

    भारत की तकनीकी प्रगति को देखते हुए, हमें गर्व है कि हमारे नेता अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रमुख वैज्ञानिकों से मिल रहे हैं। यह मुलाकात हमारे देश की क्षमताओं को विश्व स्तर पर दिखाने का एक बड़ा अवसर है।

  • Ketan Shah

    Ketan Shah

    मई 4, 2025 AT 12:33 अपराह्न

    स्पेक्ट्रम नीलामी की नई प्रक्रियाओं को अपनाने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। यह कदम भारतीय बाजार को वैश्विक मानकों के साथ संरेखित करेगा।

  • Aryan Pawar

    Aryan Pawar

    मई 12, 2025 AT 09:33 पूर्वाह्न

    यदि हम देखे तो टेस्ला की आयात नीति में कोई पारदर्शिता नहीं है, जिससे संदेह पैदा होता है कि क्या वास्तव में वे भारतीय बाजार में निवेश करने के इच्छुक हैं। इस संदर्भ में हमें सरकार को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।

  • Shritam Mohanty

    Shritam Mohanty

    मई 20, 2025 AT 06:33 पूर्वाह्न

    इन सभी चर्चाओं के पीछे गुप्त एजेंडा हो सकता है, जहाँ विदेशी कंपनियों को भारतीय सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। हमें सतर्क रहना चाहिए और सभी समझौतों की गहन जाँच करनी चाहिए।

  • Anuj Panchal

    Anuj Panchal

    मई 28, 2025 AT 03:33 पूर्वाह्न

    स्टारलिंक की तकनीकी विशिष्टताओं को समझते हुए, यह स्पष्ट है कि इसके एंटीना डिज़ाइन को भारतीय जलवायु के अनुसार अनुकूलित करना आवश्यक होगा। इस दिशा में स्थानीय इंजीनियरों को प्रशिक्षण देना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

  • Prakashchander Bhatt

    Prakashchander Bhatt

    जून 5, 2025 AT 00:33 पूर्वाह्न

    भविष्य में यदि टेस्ला और स्टारलिंक दोनों ही भारत में बड़े पैमाने पर कार्य करेंगे, तो यह हमारे युवाओं को नई नौकरियों और स्टार्ट‑अप अवसरों से भरपूर भविष्य प्रदान करेगा। आशावादी नजरिया रखें, यह सहयोग भारतीय तकनीकी इकोसिस्टम को मजबूती देगा।

  • Mala Strahle

    Mala Strahle

    जून 12, 2025 AT 21:33 अपराह्न

    हमारी धरती पर डिजिटल असमानता को घटाने के लिए ऐसी पहलों की आवश्यकता है जो सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित न रहें। स्टारलिंक का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश एक सामाजिक परिवर्तन का हिस्सा हो सकता है, जहाँ शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसी सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इसे सफल बनाने के लिए स्थानीय सरकारों को बुनियादी विद्युत आपूर्ति और अनुशासनात्मक नीतियों का समर्थन करना होगा। इसके अलावा, डेटा सुरक्षा को लेकर भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए स्पष्ट नियमावली बनानी आवश्यक है। इस प्रकार के समग्र दृष्टिकोण से ही हम एक सतत, समावेशी डिजिटल इंडिया की कल्पना को साकार कर सकते हैं।

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