केरल में निपाह वायरस से मौत: क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
केरल के एक 14 वर्षीय लड़के की हाल ही में निपाह वायरस के संक्रमण से मृत्यु हो गई है। रविवार को लड़के ने अंतिम सांस ली, जो पिछले कुछ दिनों से गंभीर हालत में था। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था और उसके लक्षणों में तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम के संकेत शामिल थे। जिसमें तेज बुखार और मस्तिष्क में सूजन जैसी स्थितियां थीं।
केन्द्र सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए 'वन हेल्थ' नामक एक विशेष प्रकोप प्रतिक्रिया टीम को केरल भेजा है। इस टीम का उद्देश्य मामले की व्यापक जांच करना और राज्य सरकार को तकनीकी समर्थन प्रदान करना है। टीम के सदस्यों का कार्य संपर्कों का पता लगाना और सभी संभावित संक्रमण धारकों को अलग-थलग करना है। लड़के के पिछले 12 दिनों के सभी संपर्कों को खोजकर कवारंटाइन पर रखने के लिए कहा गया है।
प्रयोगशाला परीक्षण और एंटीबॉडी की सहायता
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कड़े कवारंटाइन और अलगाव उपायों की सलाह दी है। नमूनों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा गया है ताकि संक्रमण की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने राज्य को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भेजे हैं जो निपाह वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं। हालांकि, लड़के की गंभीर हालत के कारण इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जा सका।
इसके साथ ही, एक मोबाइल बीएलएस-3 प्रयोगशाला भी राज्य में भेजी गई है। यह प्रयोगशाला परीक्षण करने में सहायक होगी और वैज्ञानिकों को तेज गति से परिणाम प्राप्त करने में मदद करेगी।
निपाह वायरस और उसकी सुरक्षा के उपाय
निपाह वायरस एक विषाणु है जो जानवरों जैसे चमगादड़, सूअर, कुत्ते और घोड़ों को प्रभावित करता है और संक्रमित जानवरों या संदूषित खाद्य पदार्थ के संपर्क में आने से मनुष्यों में भी फैल सकता है। हालांकि, निपाह वायरस के मामले भारत में आम नहीं हैं, लेकिन पड़ोसी देश बांग्लादेश में यह अधिक सामान्य हैं।
निपाह वायरस से सुरक्षित रहने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं। संक्रमित व्यक्तियों के पारिवारिक सदस्यों और संपर्कों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए। फलों को धोकर और छीलकर खाना चाहिए, विशेषकर जिन्हें चमगादड़ के काटने के निशान दिखाई दें, उन्हें तुरंत फेंक देना चाहिए। ताड़ी या किसी अन्य पेय को पीने से पहले अच्छी तरह उबाल लेना चाहिए।
निपाह वायरस के बारे में अधिक जानकारी
निपाह वायरस का प्रकोप न केवल केरल बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। इस तरह की विषाणुओं के फैलाव को रोकने के लिए न केवल सरकार बल्कि आम जनता को भी जागरूक और सतर्क रहना अतिआवश्यक है। स्वास्थ्य उपायों का सख्ती से पालन और समय पर रिपोर्टिंग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देखते रहिये कि आने वाले समय में इस वायरस के खिलाफ और क्या कदम उठाए जाते हैं।