आई ड्रॉप्स — क्या, कब और कैसे इस्तेमाल करें
क्या आप जानते हैं कि आँखों में दर्द या खारिश पर हर ड्रॉप जरूरी नहीं होता? आई ड्रॉप्स अलग-अलग वजहों से बनते हैं — सूखापन, संक्रमण, एलर्जी या ग्लूकोमा जैसी गंभीर स्थिति। इसलिए सही ड्रॉप चुनना और उसे ठीक तरह से प्रयोग करना बहुत जरूरी है।
आई ड्रॉप्स के मुख्य प्रकार
लुब्रिकेंट (आँख की नमी के लिए): रोज़मर्रा की सूखी आँखों के लिए, जैसे समय बदलने पर या स्क्रीन के आगे ज्यादा बैठने पर।
एंटीबायोटिक ड्रॉप्स: बैक्टीरियल संक्रमण के लिए डॉक्टर लिखते हैं। बिना सलाह के न लें।
एंटीहिस्टामिन/एंटी-एलर्जिक ड्रॉप्स: पॉल्लन, धूल या किसी रसायन से होने वाली खुजली और लालपन में काम आते हैं।
स्टेरॉयड ड्रॉप्स: गंभीर सूजन में दिए जाते हैं लेकिन साइड-इफेक्ट के कारण समय और डोज़ डॉक्टर तय करते हैं।
एंटी-ग्लूकोमा ड्रॉप्स: आई प्रेशर कम करने के लिए नियमित लगानी होती हैं। ये लंबी अवधि तक चल सकती हैं और डॉक्टर की निगरानी चाहिए।
कैसे सही तरीके से आई ड्रॉप्स डालें
1) हाथ अच्छी तरह धोएं। गंदे हाथ से ड्रॉप डालना संक्रमण का कारण बन सकता है।
2) सिर थोड़ा पीछे झुकाएँ या बिस्तर पर लेट जाएँ। नीचे वाली पलक को हल्का खींच कर पॉकेट बनाएं।
3) ड्रॉपर की नोक आँख या पलक से संपर्क न होने दें। 1 ड्रॉप पर्याप्त होता है; ज्यादा दबाने से बाहर बह जाएगा।
4) ड्रॉप डालने के बाद 1–2 मिनट तक अपनी आँख बंद रखें और ड्रॉपर की नोक को सतह से दूर रखें।
5) अगर दोनों आँखों में ड्रॉप लगाना हो तो हर आँख के लिए नई सफाई या अलग समय दें।
6) कई बार कई तरह की दवाइयां इस्तेमाल कर रहे हों तो डॉक्टर से पूरक अंतराल (आम तौर पर 5 मिनट) पूछें ताकि दवा ठीक से काम करे।
7) कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो किस ड्रॉप में लेंस हटाने की सलाह है, यह पढ़ें। कुछ ड्रॉप्स लेंस पर असर डालते हैं।
8) स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक ड्रॉप्स डॉक्टर के बताए समय और अवधि तक ही लें—समय पहले ही तय होता है।
नोट: ड्रॉप खोलने के बाद एक्सपायरी डेट और स्टोरेज निर्देश देखें। उbalated ड्रॉप या संदिग्ध बदबू वाले ड्रॉप का उपयोग न करें।
सुरक्षा संकेत: आंख में जलन, तेज दर्द, देखने में धुंधलापन या बढ़ता लालपन हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। अगर घरेलू लुब्रिकेंट से आराम न मिले या विज़न प्रभावित हो तो डॉक्टर दिखाना जरूरी है।
छोटी-सी आदतें बड़ी सुरक्षा देती हैं: ड्रॉपर को साझा न करें, बच्चों के हाथों से दूर रखें और दवा के साथ आने वाली निर्देशिका ध्यान से पढ़ें।
अगर आप चाहें तो अपनी खास स्थिति (गर्भावस्था, डायबिटीज, कोई आंख की सर्जरी) बताकर डॉक्टर से ड्रॉप्स का सही विकल्प और दवा-अनुरोध लें।
आई ड्रॉप्स सरल लेकिन असरदार होते हैं—पर सही चुनाव और इस्तेमाल से ही फायदे करते हैं। आवश्यकता हो तो विशेषज्ञ की सलाह लेना मत भूलिए।
DCGI ने दी नज़र सुधारने वाले आई ड्रॉप्स को मंजूरी, अगले महीने से होगी बिक्री शुरू
भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने एक नए आई ड्रॉप PresVu को मंजूरी दी है, जो पढ़ने के चश्मों पर निर्भरता कम करने के लिए बनाया गया है। इन आई ड्रॉप्स को मुंबई की Entod Pharmaceuticals ने विकसित किया है। PresVu खासकर प्रिस्बायोपिया के इलाज के लिए है, जो विशेषतः 40 साल से अधिक उम्र के लोगों में होती है। PresVu की बिक्री अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू होगी।