देवी दुर्गा: शक्ति की माँ, जीवन में कैसे लाएँ उनका आशीर्वाद

भारत में माँ दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। जब भी कठिनाइयाँ आती हैं, लोग उनके नाम से साहस पाते हैं। इस लेख में हम दुर्गा की कहानी, उनका इतिहास और रोज़मर्रा की जिंदगी में आसान पूजा‑विधि बताएँगे। पढ़ते‑पढ़ते आप खुद को भी उनके अद्भुत लहू‑सिह पर भरोसा करते पाएँगे।

देवी दुर्गा की कहानी और महत्त्व

लगभग दो हज़ार साल पहले, जहाँ पर दुष्ट राक्षस महिषासुर ने पृथ्वी पर आतंक फेलाया, माँ दुर्गा ने दस हाथों से उसके किले को तोड़ दिया। वह शक्ति, धैर्य और माँ‑भक्ति का मिश्रण थी। इस जीत को हर साल नौमास में मनाया जाता है, जो सर्दियों में शुरू होकर बसंत तक चलता है। नौ महीने में हर एक सोमवार को विशेष फेस्बुक पोस्ट, कथा‑सत्र और दान‑का आयोजन होता है, जिससे लोग धीरे‑धीरे अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत करते हैं।

नौमास के दौरान, माँ दुर्गा की विभिन्न रूपों – शैलपुत्री, काली, कंद्रा आदि को याद किया जाता है। हर रूप का अपना विशेष अर्थ है: शैलपुत्री धैर्य, काली उन्नति की राह, कंद्रा प्रेम की शक्ति। इन रूपों के बारे में जानने से आपका आध्यात्मिक सफर आसान हो जाता है।

दुर्गा पूजा कैसे मनाएँ: आसान कदम

अगर आप पहले बार दुर्गा पूजा करने जा रहे हैं, तो सबसे पहले एक साफ‑सुथरा कोना चुनें। इस जगह पर एक छोटी‑सी पाटी पर कुमकुम, सफेद चन्दन और एक छोटी दीपक रखें। फिर माँ दुर्गा की चित्र या आकृति रखें।

बाद में, दो‑तीन मिनट तक नज़रें बंद करके गहरी साँस लें और मन में दुर्गा माँ का नाम दोहराएँ – ‘ओं दुर्गे नमः’। यह सरल मंत्र तनाव को कम करता है और मन को स्थिर करता है। फिर 108 बार ‘ॐ दुर्गे नमोस्तु’ जपें। यदि समय कम है, तो 27 या 54 बार भी चल सकता है।

पूजा के बाद कच्चा फल, मिठाई या नारियल चढ़ाएँ। यह आपके घर में सुख‑शांति लाता है। साथ ही, गरीबों को भोजन या कपड़े देकर दान‑धर्म भी निभाएँ – यही माँ दुर्गा का असली संदेश है।

हर सोमवार को छोटा प्रसाद बनाना न भूलें। भुने चना, फूलकंद और नारियल का मिश्रण बनाकर माँ को अर्पण करें। यह छोटा परम्परा पूरे महाल को ऊर्जा से भर देता है।

अंत में, अगर आप अधिक आध्यात्मिक अनुभव चाहते हैं, तो नौमास के बीच में किसी स्थानीय मंदिर में जाकर विशेष कथा‑सत्र सुन सकते हैं। अक्सर वेद, पुराण और श्लोकों को गाया जाता है, जिससे मन में शांति आती है।

तो अभी से ही इस साल की नौमास की तैयारी शुरू करें। माँ दुर्गा के आशीर्वाद से आपका मन, शरीर और जीवन सभी दिशा‑में मजबूत हो जाएगा। जल्द ही आप देखेंगे कि कठिनाइयाँ भी छोटी‑छोटी लगने लगेंगी, और हर रोज़ का काम आसान हो जाएगा।

नवरात्रि 2022 में इन नौ रंगों को पहनें, मनाएँ देवी दुर्गा के नौ स्वरूप

नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन का विशेष रंग और उससे जुड़ी देवी का वर्णन। रंगों का इतिहास, सामाजिक प्रभाव और शरद‑वसंत उत्सव में इन परिधानों का महत्व बताया गया है। पहनावे के साथ उपवास, गरबा‑डांडिया और विशेष व्यंजन भी इस परम्परा को जीवंत बनाते हैं।