डिपॉजिटरी क्या है और आपके पैसे को कैसे संभालती है
आजकल शेयर या बॉन्ड खरीदते समय 'डिपॉजिटरी' शब्द अक्सर सुनते होंगे। सीधे शब्दों में, डिपॉजिटरी वो संस्था है जो कागजी शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक (डीमैट) फॉर्म में रखती है। इससे कागज गुम होने, चोरी या टूटने का डर नहीं रहता। आपने डीमैट अकाउंट खोला होगा तो आपके सारे शेयर यहीं सुरक्षित रहते हैं।
डिपॉजिटरी कैसे काम करती है?
दो मुख्य डिपॉजिटरी हैं: NSDL और CDSL। ये बिचौलिए की तरह काम करते हैं—आप सीधे इनके साथ अकाउंट नहीं खोलते, बल्कि किसी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के जरिए। जब आप शेयर खरीदते हैं, तो ब्रोकरेज हाउस और एक्सचेंज की सिफारिश पर शेयर आपके डीमैट में क्रैडिट होते हैं। बेचना हो तो वही इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर करके सक्शन पूरा होता है।
डिजिटल सेटेलमेंट टी+2 या टी+1 जैसे नियमों के अनुसार होता है यानी ट्रेड के बाद कुछ दिनों में क्लियर होता है। हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रहता है और आप अपने डीपी पोर्टल या ब्रोकर्स ऐप में रियल-टाइम स्थिति देख सकते हैं।
डीमैट अकाउंट खोलने, फीस और सुरक्षा के आसान टिप्स
डीमैट अकाउंट खोलना साधारण है: एक भरोसेमंद DP चुनिए, KYC फॉर्म भरिए, पहचान और पते के डॉक्यूमेंट दें। अकाउंट खुलने के बाद आपको एक लॉगिन मिलेगा जिससे आप स्टेटमेंट देख सकते हैं।
फीस: अकाउंट ओपनिंग, ट्रांजैक्शन चार्ज और सालाना मेंटेनेंस चार्ज आम होते हैं। अलग- अलग DP की फीस अलग होती है—खोलते समय फीस शेड्यूल जरूर पूछें। छोटे निवेशकों के लिए कुछ ब्रोकर्स बंडल पैक्स देते हैं जो सस्ती पड़ती हैं।
सुरक्षा के लिए ये बातें ध्यान रखें: अपने लॉगिन और डीडीआर पासवर्ड साझा न करें, अनजान ईमेल/ SMS में आए लिंक पर क्लिक न करें, और रजिस्टर्ड मोबाइल/ ईमेल पर ट्रांजैक्शन नोटिफिकेशन चालू रखें। यदि किसी अजीब गतिविधि का पता चले तो तुरंत अपने DP और ब्रोकरेज को बताएं।
क्या आप कागजी शेयर को डीमैट में बदलना चाहते हैं? 'डिमैटरीलाईजेशन' के लिए अपने DP को आवेदन दें, शेयर सर्टिफिकेट और demat request form सब्मिट करें—प्रक्रिया साधारण और तेज़ है।
अंत में, डिपॉजिटरी का मतलब सिर्फ शेयर रखना नहीं है—यह ट्रांजैक्शन को सुरक्षित, पारदर्शी और आसान बनाता है। अगर आप निवेश कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट को समझना जरूरी है। कोई सवाल है? अपने ब्रोकरेज या DP से सीधे पूछिए, या हमारी वेबसाइट पर डीमैट-संबंधी गाइड पढ़ें।
NSDL vs CDSL: डिजिटल निवेश की दुनिया में कौन सा डिपॉजिटरी आपके लिए बेहतर है?
NSDL और CDSL भारत के दो बड़े डिपॉजिटरी हैं और दोनों की सेवाओं और कार्यशैली अलग है। NSDL जहां बड़े निवेशकों को आकर्षित करता है, वहीं CDSL छोटे व खुदरा निवेशकों के बीच लोकप्रिय है। निवेश का चुनाव आपके प्रोफाइल और ब्रोकरेज पर निर्भर करता है।