ज्योतिष – ग्रह‑नक्षत्रों की भाषा के पीछे का विज्ञान

जब आप ज्योतिष, एक प्राचीन विज्ञान है जो ग्रह‑नक्षत्रों की गति से व्यक्तिगत जीवन के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी करता है. Also known as आस्तrologi, it offers insights into करियर, स्वास्थ्य और रिश्तों जैसे क्षेत्रों में। इस टैग पेज पर हम ज्योतिष के बारे में बुनियादी अवधारणाएँ, उसकी विधियाँ और आज के समय में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा करेंगे, जिससे आपको आगे पढ़ने में आसानी होगी।

ज्योतिष का मुख्य आधार राशिचक्र, बारह भागों में विभक्त कब्रिस्तारिक खंड है, जहाँ प्रत्येक राशि एक विशिष्ट ग्रह से जुड़ी होती है है। ग्रह, सौर मंडल के निकाय जिन्होंने सूर्य की परिकेंद्र गति से हमारे जीवन पर प्रभाव डाला है के क्रमिक संचार को पढ़कर राशिचक्र की स्थिति तय की जाती है। इसी प्रक्रिया में कुंडली, व्यक्तिगत जन्म समय, स्थान और तिथि के आधार पर तैयार एक विस्तृत खगोलीय मानचित्र है बनती है, जिससे प्रत्येक व्यक्तियों की विशिष्ट प्रवृत्तियों का पता चलता है। इसके बाद भविष्यवाणी, समय‑समय पर ग्रह‑नक्षत्रों के प्रभाव को पढ़कर संभावित घटनाओं का अनुमान लगाना की जाती है, जो दैनिक निर्णय‑लेने में मार्गदर्शन देती है।

इन चार मुख्य इकाइयों के बीच कई वैज्ञानिक‑सांस्कृतिक संबंध जुड़े हैं: ज्योतिष ग्रहों की चाल को पढ़ता है, जबकि राशिचक्र में बारह संकेत जीवन‑पथ के विभिन्न चरणों को दर्शाते हैं; कुंडली व्यक्तिगत जन्म‑समय से बनती है, इसलिए वही हर व्यक्ति की अनूठी प्रोफ़ाइल बनाती है; भविष्यवाणी दैनिक जीवन में दिशा‑निर्देश देती है, जिससे लोग बेहतर विकल्प चुन पाते हैं। इस टैग पेज पर आप कई लेख पाएँगे जो इन अवधारणाओं को वास्तविक मामलों में कैसे लागू किया जाता है, जैसे कि प्रेम‑संबंध, करियर विकल्प, स्वास्थ्य‑रक्षण और वित्तीय योजना। अब आप नीचे दिए गए संग्रह में विषय‑विशेष लेखों को पढ़कर अपने जीवन‑सफ़र में ज्योतिष की भूमिका को बेहतर समझ सकते हैं।

अक्टूबर 2025 में बुध‑मंगल का वृश्चिक में संगम: राशि‑चक्र पर असर

अक्टूबर 2025 में बुध और मंगल का वृश्चिक में संगम 27 अक्टूबर से 23 नवम्बर तक रहेगा। इस अवधि में मानसिक ऊर्जा, दृढ़ संकल्प और परिवर्तन की शक्ति बढ़ेगी, खासकर वृश्चिक जातकों के लिए। साथ ही तेज़ बोलने, आवेगपूर्ण खरीद और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी होगा।