निपाह वायरस: क्या होता है और कैसे तय करें
निपाह वायरस एक गंभीर संक्रामक वायरस है जिसे चमगादड़ (fruit bats) मुख्य स्रोत माना जाता है। यह मनुष्यों और कुछ जानवरों में तेज बुखार, सांस की तकलीफ और दिमागी सूजन (encephalitis) कर सकता है। कुछ मामलों में हालत जल्दी बिगड़ जाती है, इसलिए शुरुआती पहचान और तुरंत कदम जरूरी है।
लक्षण और संक्रमण का तरीका
निपाह के आम लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, उल्टी और अगले कुछ दिनों में भ्रम या बेहोशी शामिल हो सकते हैं। कुछ मरीजों में खांसी और सांस लेने में दिक्कत भी होती है। लक्षण आमतौर पर संपर्क के 4-14 दिनों के भीतर दिखते हैं।
यह वायरस सीधे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैल सकता है (नाड़ी, खांसी वाली बूंदें), संक्रमित जानवरों से, और उन फलों/रस से जो चमगादड़ या संक्रमित जानवरों ने दूषित कर दी हों — जैसे खट्टे-मीठे फलों का रस। अस्पताल में संक्रमित रोगी के निकट संपर्क से भी फैलने की रिपोर्टें मिली हैं, इसलिए ध्यान रखना ज़रूरी है।
बचाव, परीक्षण और क्या करें अगर आपको संदेह हो
क्या करें अगर किसी में निपाह का शक हो? सबसे पहले उस व्यक्ति को अलग करें और भीड़ से दूर रखें। तुरंत मास्क लगाएँ और हाथ साबुन से 20 सेकंड धोएं। अगर आप देखभाल कर रहे हैं तो दस्ताने और फेस शील्ड/मास्क का इस्तेमाल करें।
डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को सूचित करें। परीक्षण के लिए RT-PCR और एंटीबॉडी टेस्ट उपयोग होते हैं; नमूने में गले की स्वैब, खून और मूत्र शामिल हो सकते हैं। अस्पताल में आवश्यकता पर आईसीयू सपोर्ट, वेंटिलेशन और तरल पदार्थ व दवाओं से सहायक देखभाल दी जाती है। फिलहाल कोई व्यापक रूप से मान्य वसीला (specific cure) नहीं है; कुछ एंटीवायरल और इम्यून थेरेपी पर शोध चल रहा है।
व्यक्तिगत तौर पर बचाव के ठोस कदम: हाथ नियमित धोएं, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र और संक्रमित जानवरों से दूरी रखें, फल और जले-बुने खाद्य पदार्थ अच्छे से धोकर या पका कर खाएं, अनजान स्रोत का कच्चा रस न पिएं। घर में बीमारी के संकेत वालों के साथ सीधे संपर्क से बचें।
समाजिक स्तर पर: अगर क्षेत्र में आउटब्रेक होता है तो स्थानीय प्रशासन की गाइड लाइन फॉलो करें — संपर्क ट्रेसिंग, क्वारंटीन और सार्वजनिक जागरूकता बेहद अहम हैं। ध्यान रखें कि शुरुआती पहचान और तेज़ी से कार्रवाई से संक्रमण को रोकना आसान होता है।
अगर आपको संदेह है कि आप या आपका कोई करीबी निपाह से प्रभावित हो सकता है, देरी न करें — नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से सलाह लें और संक्रमण से बचने के उपाय तुरंत अपनाएं।
केरल में निपाह वायरस से मौत: जानें वायरस, लक्षण और उपचार के बारे में
केरल में एक 24 वर्षीय व्यक्ति की निपाह वायरस से मौत की पुष्टि स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने की। निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों और इंसानों के बीच फैल सकता है। इस वायरस के मुख्य होस्ट फ्रूट बैट हैं। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और सांस की समस्याएं शामिल हैं। फिलहाल इस वायरस का कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है, और उपचार में मुख्यतः संपूर्ण देखभाल शामिल है।
केरल में निपाह वायरस से मौत: जानिए किस तरह से फैलाव को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं
केरल के एक 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत हो गई है। केंद्र ने एक 'वन हेल्थ' प्रतिक्रिया टीम भेजी है जो मामले की जांच करेगी और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। लड़के के संपर्कों का पता लगाकर उन्हें कवारंटाइन में रखा जा रहा है। आईसीएमआर ने संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी भेजी हैं और एक मोबाइल बीएलएस-3 प्रयोगशाला भी भेजी गई है।