शरद पवार: कौन हैं और क्या कहते हैं?

अगर आप भारत की राजनीति में रूचि रखते हैं तो ‘शरद पवार’ नाम सुनते ही दिमाग में बीड, बीजेपी और कई बार संसद की बातें आती हैं। शरद पवार 1965 में महाराष्ट्र में जन्मे, लेकिन उनका राजनीतिक मैनिंग महाराष्ट्र से ज्यादा महाराष्ट्र के बीड जिले में चमकीला रहा। उन्होंने स्थानीय स्तर से शुरुआत की, फिर 1990 के दशक में राष्ट्रीय मंच पर कदम रखा।

वर्तमान में वे बीजेपी के सक्रिय सदस्य हैं और बीड (महिला) संसद क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। उनके भाषण अक्सर सीधा‑सादा और मुद्दा‑केन्द्रित होते हैं, इसलिए जनता में उनका भरोसा बना रहता है।

राजनीतिक सफर

शरद पवार ने पहले महाराष्ट्र विधानसभा में पद संभाला, फिर 1999 में पहली बार लोकसभा में प्रवेश किया। बीड सीट पर उनके पास लगातार दो‑तीन टर्म रहे, जो बताता है कि लोग उनके काम पर भरोसा करते हैं। उन्होंने किसान‑संकट, जल‑संकट और ग्रामीण विकास जैसे बुनियादी मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाई।

केंद्र स्तर पर उन्होंने कई बार महिला सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रस्ताव पेश किए। अपनी पार्टी के भीतर उन्हें गठबंधन शक्ति माना जाता है, क्योंकि वह विभिन्न वर्गों के बीच समझौते आसान बना लेते हैं।

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शरद पवार के बारे में सबसे ताज़ा खबरें यहाँ ‘क्या चल रहा है भारत’ पर मिलेंगी। चाहे वह बीड में नया जल प्रोजेक्ट हो या संसद में दिव्यांग अधिकारों पर चर्चा, हम हर अपडेट आपके सामने लाते हैं। आप हमारी टॉप‑न्यूज़ सेक्शन में शरद पवार टैग वाले लेखों को एक क्लिक में देख सकते हैं।

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शरद पवार की राजनीति में भूमिका को समझना उतना ही आसान है जितना उनका आह्वान‑शैली। उनकी बातों में अक्सर लोकल समस्याओं का समाधान निकलता है, इसलिए जब भी आप बीड या महाराष्ट्र की खबरें पढ़ें, तो उनके नाम पर नज़र रखें। इस तरह आप न केवल एक नेता की प्रोफ़ाइल समझेंगे, बल्कि अपने क्षेत्र के विकास में भी हिस्सा बनेंगे।

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मराठा आरक्षण पर शरद पवार बनाम देवेंद्र फडणवीस: संविधान संशोधन, 50% सीमा और सियासी दांव

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर शरद पवार ने संविधान संशोधन की मांग उठाई, जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया। तमिलनाडु के 50% से अधिक आरक्षण मॉडल का उदाहरण दोहराया जा रहा है। हैदराबाद निज़ाम कालीन रिकॉर्ड पर आधारित जीआर से ओबीसी, एससी-एसटी समूहों में चिंता बढ़ी। राजनीतिक बयानबाज़ी तेज है और समाधान की गेंद केंद्र और राज्य दोनों के पाले में है।