स्वास्थ्य उपाय — रोज़ की छोटी आदतें जो बड़ा फर्क डालें

स्वास्थ्य सुधारने के लिए जरूरी नहीं कि आप कोई बड़ा बदलाव करें। छोटे, रोज़ के कदम ही ज्यादा असर देते हैं। ये गाइड आपको सीधे, सरल और इस्तेमाल में आसान स्वास्थ्य उपाय बताएगा जिन्हें आप आज से शुरू कर सकते हैं।

रोज़ का सादा रूटीन

पानी: हर दिन कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं। सुबह उठकर एक गिलास पानी पीना, खाने से पहले 20-30 मिनट और बीच-बीच में छोटे घूंट से हाइड्रेशन बनाए रखें।

नींद: 7-8 घंटे की नींद रखें। सोने का समय रोज़ एक जैसा रखें — शरीर की घड़ी ठीक रहती है तो इम्यूनिटी भी मजबूत रहती है।

व्यायाम: हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मध्यम व्यायाम जैसे तेज़ चलना, साइकिल चलाना या योगा करें। रोज़ 30 मिनट चलना भी काफी है।

आहार: हर खाने में सब्ज़ी और फल रखें — रोज़ कम से कम 5 पोर्शन सब्ज़ी/फल मिलाएं। प्रोसेस्ड और अधिक नमक-चीनी कम कर दें। प्रोटीन—दाल, अंडा, पनीर या चिकन—दिन का हिस्सा रखें।

हैज़ीन: हाथ धोना (20 सेकंड साबुन के साथ) खाने से पहले और टॉयलेट के बाद ज़रूरी है। सादी परफॉर्मेंस के साथ साफ-सफाई बीमारियों से बचाती है।

फौरन काम आने वाले घरेलू उपाय और सुरक्षा

खांसी-गले में खराश: शहद-नींबू वाली गर्म पानी की चाय (1 चमच शहद, 1 नींबू) — सिर्फ 1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए।

नाक बंद हो तो भाप लें या नमक पानी से नाक साफ़ करें। साइनस में राहत मिलती है।

पेट खराब होना/डिहाइड्रेशन: घर पर ORS घोल बनाकर दें (1 लीटर पानी + 6 चम्मच चीनी + आधा चम्मच नमक)। तीन से चार बार उल्टी या दस्त हो तो डॉक्टर दिखाएँ।

मांसपेशी दर्द/सूजन: बर्फ की सिकाई 10-15 मिनट और बाद में गर्म सेक 20 मिनट — अगर सूजन तेज़ है या चलने में दिक़्कत है तो डॉक्टर से मिलें।

घाव पर फौरन नल के पानी से धोकर दर्द निवारक क्रीम लगाएँ और साफ पट्टी बांध दें। गहरे कट, लगातार खून बहना या घाव में गंध हो तो टांके या डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।

कब डॉक्टर के पास जाएं? यदि तेज़ बुखार 48–72 घंटे से बंद ना हो, सांस लेने में दिक़्कत, छाती में दर्द, बेहोशी, बार-बार उल्टी या रक्त आना मिले तो तुरंत मेडिकल मदद लें। छोटे-छोटे लक्षणों को अनदेखा न करें।

छोटा टिप: अपने मोबाइल में डॉक्टर का नंबर, नज़दीकी क्लिनिक और आपातकालीन संपर्क सेवाएँ सेव कर लें। समय पर सूचना काफी काम कर देती है।

इन उपायों को अपनी दिनचर्या में धीरे-धीरे जगह दें। हर हफ्ते एक आदत जोड़ें—पानी बढ़ाना, फल शामिल करना, या सोने का समय सेट करना। मामूली बदलाव लंबे समय में बड़ी सेहत बनाते हैं।

केरल में निपाह वायरस से मौत: जानिए किस तरह से फैलाव को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं

केरल के एक 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत हो गई है। केंद्र ने एक 'वन हेल्थ' प्रतिक्रिया टीम भेजी है जो मामले की जांच करेगी और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। लड़के के संपर्कों का पता लगाकर उन्हें कवारंटाइन में रखा जा रहा है। आईसीएमआर ने संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी भेजी हैं और एक मोबाइल बीएलएस-3 प्रयोगशाला भी भेजी गई है।