इस साल मैनेजमेंट एंट्रेंस की सबसे बड़ी परीक्षा की कमान IIM कोझिकोड के पास है। तारीख तय है—30 नवंबर 2025, और रजिस्ट्रेशन की खिड़की 1 अगस्त से खुल रही है। देश भर के 170+ शहरों में कंप्यूटर-बेस्ड मोड में टेस्ट होगा, तीन शिफ्ट में, सख्त रिपोर्टिंग टाइम के साथ। फीस स्ट्रक्चर साफ है, सीटें सीमित हैं, और गलतियों की गुंजाइश कम। CAT 2025 ही वह फिल्टर है जो 20 IIMs और 100+ टॉप बी-स्कूल्स तक पहुंच बनाता है।
ऑफिशियल टाइमलाइन के मुताबिक रजिस्ट्रेशन 1 अगस्त (सुबह 10 बजे) से 13 सितंबर (शाम 5 बजे) तक चलेगा। एडमिट कार्ड 5 नवंबर से डाउनलोड होंगे और परीक्षा 30 नवंबर को तीन स्लॉट—8:30–10:30, 12:30–2:30 और 4:30–6:30—में आयोजित होगी। रिजल्ट की खिड़की जनवरी 2026 के पहले सप्ताह की मानी जा रही है। जनरल/OBC/EWS के लिए फीस ₹2,600 और SC/ST/PwD के लिए ₹1,300 तय हुई है।
एलिजिबिलिटी वही क्लासिक शर्तें—ग्रेजुएशन में कम से कम 50% (SC/ST/PwD के लिए 45%)। यह न्यूनतम मानदंड है; आखिरकार शॉर्टलिस्ट हर IIM अपने अलग मानकों पर करता है। सरकार की आरक्षण नीति लागू होगी और एक बार कैटेगरी चुन लेने के बाद बदलाव की अनुमति नहीं मिलेगी।
रजिस्ट्रेशन: टाइमलाइन, प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
रजिस्ट्रेशन आखिरी हफ्ते तक टालने की आदत इस परीक्षा में भारी पड़ती है। सर्वर पर लोड बढ़ता है, पेमेंट फेल होते हैं, और छोटी-सी चूक पूरा साल आगे धकेल देती है। सुरक्षित प्लान—पहले ही हफ्ते में प्रोफाइल बनाएं, दूसरे हफ्ते में डिटेल्स फ्रीज करें, तीसरे हफ्ते में पेमेंट और फॉर्म सबमिट करें।
महत्वपूर्ण तारीखें एक नजर में:
- रजिस्ट्रेशन: 1 अगस्त (10:00 AM) से 13 सितंबर (5:00 PM)
- एडमिट कार्ड डाउनलोड: 5 नवंबर से परीक्षा दिवस तक
- एग्जाम: 30 नवंबर 2025 (तीन स्लॉट)
- रिजल्ट: जनवरी 2026 का पहला सप्ताह (टेंटेटिव)
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:
- रजिस्टर करें: अपना नाम, ईमेल और मोबाइल नंबर से लॉगिन आईडी बनाएं। ओटीपी से वेरिफाई करें।
- एप्लिकेशन फॉर्म भरें: पर्सनल डिटेल, एड्रेस, एकेडमिक रिकॉर्ड, वर्क एक्सपीरियंस (अगर है), और कैटेगरी/आरक्षण डिटेल्स ध्यान से भरें।
- टेस्ट सिटी चुनें: प्राथमिकता क्रम में कई शहरों का चयन करें; जिस शहर में स्लॉट मिलता है, वही फाइनल होगा।
- डॉक्यूमेंट अपलोड करें: हालिया पासपोर्ट फोटो, साफ सिग्नेचर, और लागू होने पर कैटेगरी/पीडब्ल्यूडी सर्टिफिकेट की स्कैन कॉपी अपलोड करें। फाइल साइज़/फॉर्मेट के नियम ऑफिशियल साइट पर दिए रहते हैं—उन्हें फॉलो करें।
- फीस पेमेंट: नेट बैंकिंग/डेबिट-क्रेडिट कार्ड/यूपीआई जैसे विकल्प आमतौर पर उपलब्ध रहते हैं। एक बार पेमेंट सफल होने के बाद फीस रिफंड नहीं होती।
- कन्फर्मेशन पेज: सबमिट के बाद एप्लिकेशन समरी डाउनलोड/सेव करें। ईमेल पर एक्नॉलेजमेंट भी आता है—उसे संभालकर रखें।
जरूरी डॉक्यूमेंट्स की चेकलिस्ट:
- हालिया पासपोर्ट साइज फोटो (बिना कैप/सनग्लास), साफ बैकग्राउंड बेहतर रहता है।
- ब्लैक/ब्लू इंक से किया हुआ सिग्नेचर का स्कैन।
- ग्रेजुएशन/समकक्ष डिग्री की जानकारी—यूनिवर्सिटी, वर्ष, प्रतिशत/CGPA।
- आरक्षण कैटेगरी का वैध प्रमाणपत्र (OBC-NCL/EWS/SC/ST/PwD), जो कटऑफ-डेट के बाद का और फॉर्मेट-समेत हो।
- वर्क एक्सपीरियंस का सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट (ऑफर लेटर/अपॉइंटमेंट लेटर/सेलरी स्लिप्स), अगर दावा कर रहे हैं।
सामान्य गलतियां जिनसे बचना चाहिए:
- नाम/जन्मतिथि आधार/पासपोर्ट से अलग लिख देना—आईडी मैच न होने पर एग्जाम हॉल में दिक्कत हो सकती है।
- गलत कैटेगरी चुनना—बाद में बदलाव नहीं मिलता।
- फोटो/सिग्नेचर की गलत स्पेसिफिकेशन—एडमिट कार्ड पर धुंधली इमेज आती है और केंद्र पर रोक लग सकती है।
- टेस्ट सिटी की प्राथमिकता जल्दबाजी में भरना—शहर दूर पड़ जाए तो यात्रा-लॉजिस्टिक्स बिगड़ते हैं।
- डेडलाइन के दिन पेमेंट करना—पेमेंट फेल होने पर समय नहीं बचेगा।
करेक्शन विंडो पर ध्यान दें: पिछले वर्षों में सीमित समय के लिए फोटो/सिग्नेचर और कभी-कभी टेस्ट सिटी बदलने का मौका मिला है। यह पॉलिसी साल-दर-साल बदल भी सकती है, इसलिए आधिकारिक नोटिस पर नजर रखें।
एडमिट कार्ड में क्या देखें: आपका नाम, फोटो, सिग्नेचर, एप्लिकेशन नंबर, परीक्षा शहर/केंद्र, स्लॉट टाइम, और रिपोर्टिंग/लास्ट एंट्री टाइम। कोई भी गलती दिखे तो तुरंत हेल्पडेस्क से संपर्क करें (ईमेल/फोन डीटेल्स आधिकारिक साइट पर मिलेंगे)।
टेस्ट डे गाइडलाइन: मूल फोटो आईडी (आधार/पासपोर्ट/वोटर आईडी/ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक), एडमिट कार्ड का प्रिंट, और केंद्र द्वारा बताए गए अनुमत सामान ही साथ ले जाएं। घड़ी/कैलकुलेटर/इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स आमतौर पर प्रतिबंधित होते हैं। केंद्र पर बायोमेट्रिक/फोटो कैप्चर, जियो-टैगिंग और सिक्योरिटी चेक सामान्य प्रैक्टिस है—समय से पहले पहुंचें।

एग्जाम पैटर्न, स्कोरिंग, कट-ऑफ और सेलेक्शन
फॉर्मैट सीधा है, रिगर हाई: कुल 120 मिनट, तीन सेक्शन, हर सेक्शन के लिए फिक्स 40 मिनट। सेक्शन बदलने की अनुमति तभी मिलती है जब उस सेक्शन का समय खत्म हो। यह टाइम-बाउंड स्ट्रक्चर स्पीड और डिसिप्लिन दोनों की परीक्षा लेता है।
सेक्शनल ब्रेकअप:
- VARC (रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन और वर्बल एबिलिटी)
- DILR (डेटा इंटरप्रिटेशन और लॉजिकल रीजनिंग)
- QA (क्वांटिटेटिव एबिलिटी)
प्रश्नों की कुल संख्या हर साल थोड़ी-सी बदल सकती है। पिछले कुछ वर्षों में MCQ के साथ नॉन-MCQ (TITA—टाइप इन द आंसर) प्रश्न भी आते रहे हैं। सामान्यतः MCQ में निगेटिव मार्किंग और TITA में नहीं—अंतिम नियम ऑफिशियल इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में कन्फर्म होंगे।
नॉर्मलाइजेशन और पर्सेंटाइल: तीन शिफ्ट होने की वजह से स्कोर नॉर्मलाइज होते हैं ताकि किसी स्लॉट का फायदा/नुकसान न रहे। पहले रॉ स्कोर को स्केल्ड स्कोर में बदला जाता है, फिर पर्सेंटाइल निकाला जाता है—सेक्शनल और ओवरऑल, दोनों के लिए। रिजल्ट में स्केल्ड स्कोर और पर्सेंटाइल अलग-अलग दिखते हैं।
PWD उम्मीदवारों के लिए प्रावधान: नियमों के मुताबिक प्रति सेक्शन अतिरिक्त समय और स्क्राइब की सुविधा (जरूरत और स्वीकृति के आधार पर) दी जाती है। संबंधित सर्टिफिकेट/घोषणाएं फॉर्म के साथ और बाद में केंद्र पर प्रस्तुत करनी होती हैं।
कट-ऑफ्स कैसे दिखते हैं: हर IIM अपनी कट-ऑफ अलग तय करता है—सेक्शनल और ओवरऑल, दोनों। पिछले रुझानों में टॉप IIMs (A, B, C) के लिए ओवरऑल पर्सेंटाइल अक्सर बहुत ऊंचा रहता है, जबकि नए IIMs/अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में यह थोड़ा नीचे रहता है। कैटेगरी के अनुसार कट-ऑफ अलग-अलग होते हैं। फाइनल कॉल सिर्फ पर्सेंटाइल पर नहीं, पूरे प्रोफाइल पर निर्भर करती है।
शॉर्टलिस्टिंग और सेलेक्शन प्रोसेस: CAT स्कोर के बाद कई IIMs WAT (राइटिंग एबिलिटी टेस्ट)/PI (पर्सनल इंटरव्यू) कराते हैं। कुछ संस्थान GD या केस-डिस्कशन भी करवाते हैं। वेटेज आमतौर पर इस तरह बंटता है—CAT स्कोर, सेक्शनल बैलेंस, 10वीं/12वीं/ग्रेजुएशन के अंक, वर्क एक्सपीरियंस की गुणवत्ता/अवधि, और अकादमिक विविधता (नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड को भी स्पेस मिलता है)। हर IIM अपना मैट्रिक्स और वेटेज पब्लिश करता है—उसी को निर्णायक मानें।
फीस और अप्लिकेशन के बारे में एक अहम बात: CAT रजिस्ट्रेशन फीस एक ही बार देनी होती है, भले आप कितने भी IIM प्रोग्राम्स चुनें। यह फीस नॉन-रिफंडेबल है। IIMs की अपनी-अपनी इंस्टीट्यूट-लेवल फीस/डॉक्यूमेंटेशन आगे चलकर अलग से होती है—वह CAT फीस से अलग है।
तैयारी की टाइमलाइन (चार महीने का मॉडल प्लान):
- माह 1: बेसिक क्लियर करें—नंबर्स, अल्जebra, अंकों का खेल, रीडिंग हैबिट बनाएं। हर सेक्शन के फाउंडेशन टॉपिक्स की शॉर्ट नोट्स तैयार करें।
- माह 2: सेक्शनल टेस्ट्स शुरू करें—हफ्ते में 2-3 मॉक, पोस्ट-मॉक एनालिसिस पर ज्यादा समय दें। DILR के सेट-सेलेक्शन की आदत डालें।
- माह 3: फुल-लेंथ मॉक बढ़ाकर हफ्ते में 3-4 करें। VARC में RC-डायवर्सिटी (साइंस, इकोनॉमिक्स, फिलॉसफी) पढ़ें। QA में स्ट्रॉन्ग-टॉपिक्स को रिविज़न लूप में रखें।
- माह 4: टाइम मैनेजमेंट फिक्स करें—प्रत्येक सेक्शन के लिए इन-सेक्शन मिनी-प्लान बनाएं। वीक एरियाज पर टार्गेटेड ड्रिल्स, और एग्जाम-डे स्ट्रेटेजी को लॉक करें।
मॉक टेस्ट की भूमिका: ऑफिशियल मॉक आमतौर पर परीक्षा से कुछ हफ्ते पहले पोर्टल पर आता है। उससे इंटरफेस, ऑन-स्क्रीन कैलकुलेटर, सेक्शन-टेम्पलेट, और नेविगेशन के नियम समझ में आते हैं। थर्ड-पार्टी मॉक से वैरायटी मिलती है, पर ओवर-टेस्टिंग से थकान न बढ़ाएं। हर मॉक के बाद 2–3 घंटे सिर्फ एनालिसिस को दें—यही असली अपस्किलिंग है।
VARC स्ट्रेटेजी: रोज़ाना 45–60 मिनट रीडिंग—एडिटोरियल, लॉन्ग-फॉर्म आर्टिकल्स, और डेंस टेक्स्ट। पैरा-समरी/पैरा-जम्बल के लिए एलिमिनेशन की आदत डालें। सवालों में ‘ओपिनियन बनाम फैक्ट’ और ‘स्कोप’ पकड़ना सीखें।
DILR स्ट्रेटेजी: पहला जादू सेट-सेलेक्शन है। 8 सेट में से 2–3 सही सेट खोलकर 10–12 सवाल सटीक करने की क्षमता बनाएं। डायग्रामिंग, नोटेशन, और इन्फरेंस की ट्रेनिंग जरूरी है।
QA स्ट्रेटेजी: एरिथमेटिक और अल्जebra का बेस इतना मजबूत करें कि मीडियम-डिफिकल्टी सवाल ऑटोमैटिक हो जाएं। नंबर सिस्टम/ज्योमेट्री को रिविज़न में रखें। टेबल्स, फ्रैक्शन-डेसिमल कन्वर्ज़न, और अनुपात-प्रतिशत की स्पीड गेम-चेंजर है।
सेक्शनल टाइमिंग का टेम्पलेट (उदाहरण): शुरुआती 5 मिनट—स्कैन और पहले राउंड के ‘सिटर’ सवाल; अगले 25 मिनट—मेन अटैक; आखिरी 10 मिनट—रिविज़न और पेंडिंग TITA/कन्फ्यूज्ड MCQ। अपने हिसाब से ट्यून करें और मॉक में टेस्ट करें।
टेस्ट-सिटी और ट्रैवल प्लान: शहर चुनते समय यात्रा-समय और सुबह/दोपहर/शाम स्लॉट की अपनी बॉडी क्लॉक देखें। सुबह की शिफ्ट के लिए पिछले सप्ताह से ही स्लीप-शेड्यूल एडजस्ट करें। दूर-दराज केंद्र होने पर एक दिन पहले पहुंचना सुरक्षित है।
आरक्षण और सीटिंग: सरकारी नीति के मुताबिक OBC-NCL, SC, ST, EWS और PwD कैटेगरी के लिए सीट-आरक्षण लागू होता है। डॉक्यूमेंट की वैधता/फॉर्मेट पर खास ध्यान दें—पुराने/गलत फॉर्मेट पर दावे खारिज हो जाते हैं। IIMs आगे चलकर कैटेगरी-वेरिफिकेशन करते हैं; कोई विसंगति मिलते ही ऑफर रद्द हो सकता है।
वर्क एक्सपीरियंस का असर: इंटरव्यू राउंड में क्वालिटी एक्सपीरियंस, रोल/रिस्पॉन्सिबिलिटी, और स्टेबिलिटी मायने रखती है। अनुभव सालों की गिनती से ज्यादा, आपने क्या सीखा और कैसे लागू किया—यह पूछ लिया जाता है।
इंटरव्यू की तैयारी: अकाउंटिंग/इकोनॉमिक्स/कंटेम्पररी बिजनेस इश्यूज़ पर बेसिक रीडिंग रखें। अपना रेज़्यूमे तथ्यात्मक और साफ रखें—जो लिखा है, वही पूछ लिया जाएगा।
ट्रेंड्स जो मदद करते हैं:
- पिछले सालों में DILR की वैरायटी और अनप्रेडिक्टेबिलिटी बढ़ी है—फोकस स्किल-बिल्डिंग पर रखें, शॉर्टकट्स पर नहीं।
- VARC में लेखक का टोन/इंटेंट पकड़ना स्कोर उठाता है—ज्यादा पढ़ना ही इलाज है।
- QA में हल्के लेकिन लंबे सवाल टाइम खा जाते हैं—एग्जाम में ‘लीविंग स्किल’ भी उतनी ही जरूरी है।
फॉर्म भरने के बाद क्या करें: एप्लिकेशन समरी सेव रखें, एडमिट कार्ड आने तक ईमेल/एसएमएस पर नजर रखें, और एक ड्राई-रन प्लान बनाएं—केंद्र तक पहुंचने में कितना समय लगेगा, रास्ता कौन-सा लेंगे, बैकअप क्या है।
हेल्पडेस्क और अपडेट्स: आधिकारिक वेबसाइट (iimcat.ac.in) पर नोटिफिकेशन सेक्शन/FAQs में हर बदलाव अपडेट होता है—शेड्यूल, सिटी लिस्ट, एडमिट कार्ड, और मॉक टेस्ट तक। किसी भी भ्रम में वहीं दी जानकारी को फाइनल माने।
आखिरी बात—CAT तैयारी मैराथन है, स्प्रिंट नहीं। समय पर फॉर्म, साफ डॉक्यूमेंट, नियमित मॉक, और सटीक एनालिसिस—यही चार स्तंभ हैं। बाकी दिन 30 नवंबर को तय करेगा। तैयारी शुरू है तो रफ्तार बनाए रखें; नहीं शुरू की है तो आज ही पहला घंटा पढ़ाई को दे दें—यही सबसे बड़ा मोड़ होता है।