मई के महीने में झुंझुनू का बदला मौसम
राजस्थान के झुंझुनू जिले में अक्सर मई का महीना तपिश से भर जाता है। आमतौर पर यहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक तो पहुंच ही जाता है, रात की हल्की राहत भी 31 डिग्री के आस-पास सिमटी रहती है। लेकिन इस बार मौसम ने करवट ली है। तेज़ हवाओं के साथ आई अचानक बारिश ने जहां लोगों के पसीने छुड़ा रहे गर्म मौसम की धार को कुछ देर के लिए धीमा किया, वहीं किसानों की चिंताएं भी कुछ वक्त के लिए कम कर दीं।
तेज़ हवाओं की रफ़्तार 8 मील प्रति घंटे तक रही, जिसने मैदान और गलियों में धूल को तो उड़ाया मगर लोगों के चेहरों पर थोड़ी राहत भी बिखेर दी। मौसम की ये राहत भले ही अस्थायी रही, लेकिन जिन लोगों ने कई हफ्तों से झुलसा देने वाली गर्मी झेली थी, उनके लिए यह किसी इनाम से कम नहीं थी।

किसानों की उम्मीदें और बारिश का असर
झुंझुनू के खेतों में खड़ी फसलें इस मौसम बदलाव की सबसे बड़ी गवाह बनीं। लगातार बढ़ते तापमान से जहां फसलों पर दबाव पड़ता है, वहीं बारिश की बूंदों और ठंडी हवाओं ने जड़ों को नया जीवन दे दिया। कई किसान बताते हैं कि पिछले कुछ सीजन से शरीर पर तो गर्मी सह लेते हैं, लेकिन फसलों का झुलसना आंखों से देखा नहीं जाता। इस बार जैसे ही बारिश के छींटे पड़े, घरों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने राहत की सांस ली।
मौसम विभाग ने भी साफ किया है कि यह बदलाव ज्यादा दिन टिकेगा नहीं। आसमान फिर से साफ होगा और तापमान में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। तो राहत कुछ घंटे या एक-दो दिन की ही रही, मगर Jhunjhunu में रहने वालों ने प्रकृति के इस छोटे बदलाव को खुलकर जिया। कई लोगों ने तो मौसम में बदलाव के बीच शाम को घर की छत या गली में बैठकर ताजगी का आनंद लिया।
ऐसे मौसम के उतार-चढ़ाव झुंझुनू में आम नहीं हैं, इसलिए हर साल की तरह इस बार भी गर्मी से जूझ रहे लोगों ने बरसात और तेज़ हवाओं का स्वागत खुले दिल से किया है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि बरसात का ऐसा सुख फिर कब नसीब होगा, क्योंकि मौसम विभाग के मुताबिक जल्दी ही गर्म हवाएं लौटने वाली हैं।