कोलकाता डॉक्‍टर रेप-मर्डर केस पर नाबन्ना मार्च: पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल कर जत्थाघरों को तितर-बितर किया

नाबन्ना मार्च: कोलकाता में बड़ी विरोध रैली

27 अगस्त, 2024 की तारीख को कोलकाता में एक बड़ी विरोध रैली 'नाबन्ना अभियान' का आयोजन हुआ। इस रैली का आयोजन छात्रों के संगठन 'पश्चिम बंग चट्टो समाज' ने किया था। इस रैली का उद्देश्य था आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ आवाज उठाना। घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया था, और लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में लोगों की भागीदारी

पुलिस की अनुमति न मिलने के बावजूद, बड़ी संख्या में लोग कॉलेज स्क्वायर में एकत्रित हुए और मार्च की शुरुआत हुई। इस रैली में भाग लेने के लिए न केवल छात्र बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भी जुड़े। मार्च का अंतिम लक्ष्य था राज्य सचिवालय, नाबन्ना तक पहुंचना। विरोध को व्यवस्थित और संगठित रूप से करने के लिए आयोजनकर्ताओं ने योजना बनाई थी, जिससे किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।

हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस विरोध को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए थे। राज्य सचिवालय के प्रमुख मार्गों को बैरिकेड लगाकर अवरोधित कर दिया गया था और हजारों पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।

पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई

जैसे-जैसे विरोधकर्ता हावड़ा ब्रिज की ओर बढ़े, पुलिस ने बल प्रयोग किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसके कारण प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए। कई लोगों को चोटें भी आईं और कुछ को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने राष्ट्रव्यापी ध्यान आकर्षित करने वाले इस घटना में 94 लोगों को गिरफ्तार किया।

इस बीच, पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स' फ्रंट ने स्पष्ट किया कि उन्होंने इस रैली को आयोजित नहीं किया था और वे इसमें भाग नहीं लेंगे। उनका कहना था कि उनका उद्देश्य शांति पूर्ण रूप से इस मामले में न्याय की मांग करना है और वे किसी भी हिंसक प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।

प्रभाव और प्रतिक्रियाएं

इस विरोध प्रदर्शन ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया। यहां तक कि कुछ पहले से ममता बनर्जी के समर्थक रहे प्रसिद्ध हस्तियों ने भी इस रैली में हिस्सा लिया और डॉक्‍टर रेप-मर्डर केस को गलत तरीके से संभालने के सरकार के रवैये की आलोचना की।

इस घटना ने पूरे राज्य में अराजकता और तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। लोगों में आक्रोश और नाराजगी है और वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दी जाए। राज्य सरकार और पुलिस की कार्रवाइयों की भी आलोचना हो रही है कि वो इस संवेदनशील मुद्दे पर सही तरह से प्रतिक्रिया देने में विफल रहे हैं।

निष्कर्ष

यह विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि राज्य के लोग अब सहनशीलता की सीमा पार कर चुके हैं और अब जब भी अन्याय होता है, वे उठ खड़े होने को तैयार हैं। यह संवेदनशील मामले ने यह भी साबित कर दिया कि न्याय की मांग के लिए लोग एकजुट हो सकते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार इस मुद्दे को संभालने के लिए क्या कदम उठाती है और क्या दोषियों को उचित सजा मिल पाती है या नहीं।

अवनि बिश्वास

अवनि बिश्वास

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

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