फ्रांस में हिंसा के बीच बाईं विंग गठबंधन के चुनावी जीत का दौर

फ्रांस में राजनीतिक बदलाव और हिंसा का दौर

फ्रांस में हाल ही में हुए स्नैप चुनावों ने राजनीति को फिर से गर्म कर दिया है। चुनावों की रात को हिंसात्मक रूप से बदलते देखा गया क्योंकि बाईं विंग के लोकप्रिय मोर्चा, जिसे जीन-लुक मेलन्चॉन ने नेतृत्व दिया, ने सबसे अधिक संसदीय सीटें जीतीं। इस जीत ने मरीन ले पेन की नेशनल रैली के लिए एक झटका साबित हुआ।

यह गठबंधन फ्रांस की सोशलिस्ट पार्टी, फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी, इकोलॉजिस्ट्स और फ्रांस अन्बॉउड को मिलाकर बना है। गठबंधन ने बहुमत की सीटें हासिल करते हुए विजय प्राप्त की, जिससे पेरिस में जश्न और अशांति दोनों देखने को मिली। प्रधानमंत्री गेब्रियल अटाल ने इन बदलते राजनीतिक परिदृश्यों के बीच अपना इस्तीफा दे दिया।

गठबंधन की नीतियां और उनकी सामाजिक प्रभाव

गठबंधन की नीतियां और उनकी सामाजिक प्रभाव

इस गठबंधन का प्लेटफॉर्म कई प्रमुख नीतियों पर केंद्रित है, जिनमें मैक्रॉन की पेंशन सुधारों को पलटना, सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष करनी, सार्वजनिक क्षेत्र की मजदूरी बढ़ाने, संपत्ति कर को पुनः स्थापित करने और फ्रांस के न्यूनतम वेतन में वृद्धि करना शामिल है। इन नीतियों का लक्ष्य आर्थिक वितरण में संतुलन लाने और समाज के निचले तबके को प्राथमिकता देने पर केंद्रित है।

इन चुनावी परिणामों ने फ्रांस की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दिया है। हालांकि नेशनल रैली ने भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की थी, लेकिन वे बहुमत हासिल करने में सफल नहीं हो सके।

राष्ट्रपति का अगला कदम

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा है कि वे दूसरे दौर के संसदीय चुनावों के पूर्वानुमानित परिणामों की घोषणा के बाद ही नई सरकार के संबंध में निर्णय लेंगे। लेकिन, यह स्पष्ट है कि इन परिणामों ने देश की राजनीति में एक नई दिशा शुरू की है।

हिंसा और विरोध प्रदर्शन

हिंसा और विरोध प्रदर्शन

चुनावी परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद, देश भर में व्यापक रूप से विरोध और हिंसा फैल गई। मुखौटा पहने प्रदर्शनकारी सड़कों पर दौड़ते हुए, फ्लेयर फेंकते और उपद्रव मचाते देखे गए। नेशनल रैली के समर्थन में शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। दंगा पुलिस को भीड़ को संभालने के लिए तैनात किया गया, जबकि आंसू गैस का इस्तेमान भी किया गया।

हालांकि अशांति थी, फिर भी बाईं विंग गठबंधन के समर्थक पेरिस के प्लेस दे ला रिपब्लिक में एकत्रित हुए और जीत का जश्न मनाया। इससे यह स्पष्ट होता है कि देश में काफी समर्थन है जो मैक्रॉन की सेंटरिस्ट ब्लॉक के दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद गठबंधन के लिए भी है।

फ्रांस के राजनीतिक भविष्य को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं। सरकार और राजनीतिक दल आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे, यह देखने योग्य होगा।

akhila jogineedi

akhila jogineedi

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

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