सेबी ने निवेशकों को दी राहत: नामांकन विवरणों के बिना एफडी खाते नहीं होंगे फ्रीज

सेबी ने निवेशकों की सुविधा के लिए बनाए नए नियम

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पिछले दिनों एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसका सीधा लाभ देश के निवेशकों को मिलेगा। पहले यदि निवेशक अपने डिमैट खाते या म्यूचुअल फंड फोलियो में नामांकन विवरण प्रस्तुत करने में असफल होते थे, तो उनके अकाउंट फ्रीज हो जाते थे। इससे निवेशकों को अपने निवेशों में बाधाओं का सामना करना पड़ता था और वे फंड को निकाल नहीं पाते थे।

सेबी के नए निर्देशों के अनुसार अब निवेशक बिना किसी चिंता के अपने निवेश जारी रख सकते हैं, भले ही उन्होंने अभी तक नामांकन विवरण ना जोड़े हों। यह कदम न केवल निवेशकों के अनुभव को सुगम बनाएगा, बल्कि बाजार में सहभागियों के बीच अवरोधों को भी कम करेगा। यह निर्णय सेबी द्वारा निवेशकों और अन्य बाजार सहभागियों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर लिया गया है।

नामांकन विवरणों को जमा करने की नई अंतिम तिथि

नामांकन विवरणों को जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर अब 30 जून, 2024 कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि निवेशकों के पास अब अधिक समय है अपने खाते में नामांकन जोड़ने के लिए। लेकिन अगर इस नए अंतिम तिथि तक भी निवेशक अपने नामांकन विवरण नहीं जोड़ते हैं, तो उनके खाते फ्रीज कर दिए जाएंगे। ऐसी स्थिति में निवेशक फंड्स निकालने या सुरक्षा स्थानांतरित करने में सक्षम नहीं होंगे।

फिजिकल सिक्योरिटी होल्डर्स के लिए एक राहत की बात यह है कि वे नामांकन विवरण प्रदान किए बिना भी डिविडेंड, ब्याज, या रिडेम्पशन भुगतान प्राप्त कर सकेंगे।

निवेशकों को नामांकन विवरण जोड़ने का प्रोत्साहन

यद्यपि सेबी ने नियमों में ढील दी है, फिर भी निवेशकों को नामांकन विवरण जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि निवेशकों की मृत्यु के बाद उनकी सुरक्षा आसानी से उनके आश्रितों को हस्तांतरित हो सके। नामांकन न होने की स्थिति में, कानूनी औपचारिकताएं बड़ी जटिलताओं को जन्म दे सकती हैं।

निवेशकों को मिलेंगे नियमित अनुस्मारक

निवेशकों को मिलेंगे नियमित अनुस्मारक

डिपॉजिटरी प्रतिभागी और म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों को हर दो सप्ताह में अनुस्मारक भेजेंगी ताकि वे अपने नामांकन विवरण अपडेट कर सकें। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि सभी निवेशक समय पर आवश्यक कदम उठा सकें और बाद में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

सेबी का यह कदम स्पष्ट रूप से निवेशकों के लिए सहायक है और इससे यह सुनिश्चित होगा कि बाजार में लेन-देन सुचारू रूप से चलते रहें। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और समय पर अपने खातों में आवश्यक अद्यतन करें। यह उनके निवेश खाते की सुरक्षा और उनके परिवार के भविष्य की सुरक्षा के लिए एक कुंजी साबित होगा।

akhila jogineedi

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मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (9)

wave
  • Priyanka Ambardar

    Priyanka Ambardar

    जून 12, 2024 AT 18:48 अपराह्न

    सेबी ने आखिरकार हमारे निवेशकों की पीड़ा को समझा है, अब नामांकन न करने पर खाते फ्रीज नहीं होंगे! यह कदम वास्तव में भारत के लोगों के लिए बड़ा सम्मान है 😊
    ऐसे नियमों से बाजार में भरोसा बढ़ेगा और हम सबको फायदा होगा।

  • sujaya selalu jaya

    sujaya selalu jaya

    जून 12, 2024 AT 19:22 अपराह्न

    धन्यवाद, यह जानकारी उपयोगी है।

  • Ranveer Tyagi

    Ranveer Tyagi

    जून 12, 2024 AT 19:55 अपराह्न

    सेबी द्वारा जारी किया गया नया निर्देश वास्तव में निवेशकों के लिए एक बड़ा राहत चक्रव्यूह है, क्योंकि अब नामांकन विवरणों की कमी के कारण खाते फ्रीज नहीं होंगे।
    इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बाजार में तरलता बनाए रखना और निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा को मजबूत करना है।
    पहले जब कोई निवेशक अपना KYC या नामांकन फ़ॉर्म नहीं भर पाता था, तो उसके डिमैट या म्यूचुअल फंड खाते को मौसम की तरह ठंडा किया जाता था, जिससे फंड निकालना लगभग असंभव हो जाता था।
    अब सेबी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक 30 जून, 2024 तक नामांकन जोड़ नहीं लिया जाता, तब तक खाते पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा, लेकिन उस तारीख के बाद अगर प्रक्रियाबद्ध नहीं किया गया तो फ्रीज की कार्रवाई की जाएगी।
    इसलिए हर निवेशक को चाहिए कि वह तुरंत अपने डीमैट अकाउंट, म्यूचल फंड पोर्टफोलियो और अन्य संबंधित खाते की जाँच करे और जहाँ भी विवरण गुम है, वहाँ अपडेट करे।
    डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स और म्यूचल फंड कंपनियां अब हर दो हफ्ते में रिमाइंडर भेजेंगी, जिससे आप भूल न जाएँ और समय पर कार्रवाई कर सकें।
    ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि फिजिकल सिक्योरिटी होल्डर्स को अब भी बिना नामांकन के डिविडेंड, ब्याज या रिडेम्पशन भुगतान मिलते रहेंगे, लेकिन आगे के प्रशासनिक कार्य में बाधा आ सकती है।
    यदि आप नामांकन नहीं जोड़ते हैं और भविष्य में आपका खाता फ्रीज हो जाता है, तो आपके एस्टेट की ट्रांसफ़र प्रक्रिया काफी जटिल और महंगी हो सकती है, विशेषकर यदि आपके आश्रितों को कानूनी दस्तावेज़ों की जरूरत पड़े।
    इस कारण से सेबी की टीम ने लगातार एनालिटिक्स के माध्यम से इस नीति की प्रभावशीलता पर नज़र रखी है और निवेशकों को समय पर सूचित करने का प्रण किया है।
    आप अपने ब्रोकर्स या रजिस्ट्रार से सीधे संपर्क करके नामांकन फॉर्म का डिजिटल या फिजिकल कॉपी प्राप्त कर सकते हैं, जो आम तौर पर ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होता है।
    फॉर्म भरते समय सुनिश्चित करें कि सभी व्यक्तिगत विवरण सही हों, जैसे PAN, Aadhar, पता और बैंक अकाउंट जानकारी, ताकि बाद में कोई अड़चन न आए।
    यदि आप विदेश में हैं या NRI हैं, तो भी आपको समान प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा, केवल कुछ अतिरिक्त दस्तावेज़ों की जरूरत होगी।
    सेबी ने इस नीति को लागू करने से पहले कई हितधारकों से फीडबैक लिया था, और कई छोटे निवेशक समूहों की आवाज़ को विशेष महत्व दिया गया था।
    यह कदम बाजार में निवेशकों के विश्वास को बहाल करने में मदद करेगा, जिससे दीर्घकालिक पूँजी प्रवाह बेहतर होगा।
    आखिरकार, निवेशकों को यह याद रखना चाहिए कि नियमों का पालन न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को बढ़ाता है, बल्कि समग्र आर्थिक स्थिरता में भी योगदान देता है।
    तो अब देर न करें, अपना नामांकन अपडेट करें और अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग करें।

  • Tejas Srivastava

    Tejas Srivastava

    जून 12, 2024 AT 20:28 अपराह्न

    वाकई में, यह बदलाव बाजार की धड़कन को तेज़ कर देगा!!
    सेबी की फैसला को देखकर दिल उत्साहित हो गया है!!!
    आशा है कि सभी खिलाड़ी इस मौके का पूरा लाभ उठाएँगे।

  • JAYESH DHUMAK

    JAYESH DHUMAK

    जून 12, 2024 AT 21:02 अपराह्न

    सेबी द्वारा प्रस्तुत नई कार्यविधि न केवल नियामक ढांचे को सुदृढ़ करती है, बल्कि निवेशकों के हितों की सुरक्षा हेतु एक बुनियादी स्तम्भ स्थापित करती है। इस नीति के अंतर्गत, यदि नामांकन विवरण नहीं जोड़े गए, तो भी खाते को फ्रीज नहीं किया जाएगा, जो पहले की तुलना में काफी सहजता प्रदान करता है। हालांकि, यह शर्त कि 30 जून, 2024 तक विवरण प्रस्तुत न करने पर बाद में फ्रीज हो सकता है, निवेशकों को समय सीमा का पालन करने के लिए प्रेरित करती है। इस संदर्भ में, प्रत्येक इकाई को अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट या म्यूचुअल फंड कंपनी से नियमित रिमाइंडर प्राप्त होगा, जिससे विस्मृति की संभावना न्यूनतम रहेगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे PAN, आधार और बैंक विवरण को सत्यापित कर नवीनतम रूप से अपडेट रखें। यह न केवल भविष्य में कानूनी जटिलताओं से बचाव करेगा, बल्कि आश्रितों को सहजता से सुरक्षा हस्तांतरित करने में भी मदद करेगा। अंत में, इस नीति के कार्यान्वयन से बाजार की तरलता और निवेशकों के विश्वास दोनों में वृद्धि अपेक्षित है। समग्र रूप से, यह एक सकारात्मक कदम है जो वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को बढ़ावा देता है।

  • Santosh Sharma

    Santosh Sharma

    जून 12, 2024 AT 21:35 अपराह्न

    सेबी की यह पहल निवेशकों को सक्रिय रूप से अपने खाते सुरक्षित रखने के लिए प्रेरित करती है। कृपया समय पर नामांकन विवरण अपडेट करें और अपने वित्तीय भविष्य को सुदृढ़ बनाएं।

  • yatharth chandrakar

    yatharth chandrakar

    जून 12, 2024 AT 22:08 अपराह्न

    आपकी बात बिल्कुल सही है, नियम को अपनाना ही सुरक्षा की कुंजी है।
    जिन्हें अभी तक सुविधा नहीं मिली, उन्हें तुरंत इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए।
    इस तरह हम सभी एक मजबूत निवेश माहौल का निर्माण कर सकते हैं।

  • Vrushali Prabhu

    Vrushali Prabhu

    जून 12, 2024 AT 22:42 अपराह्न

    सेबी का नया नियम वाकई में एक बड्ढा बदलाव है, बि‍ल्कुल सही कहते हो आप!
    अब हम सबको फ्री नहीं रहेगा डर, क्यूंकि नामांकन न होने पे भी अक्‍टे फ्रीज नहीं होगा।

  • parlan caem

    parlan caem

    जून 12, 2024 AT 23:15 अपराह्न

    सेबी की ये नई नीति बस एक और घोटाला है।

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