बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया – भारत की वकालत का मुख्य निकाय
जब बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया, सभी भारतीय वकीलों की पंजीकरण, पेशेवर आचारसंहिता और शैक्षणिक मानकों का प्रबंधन करने वाला राष्ट्रीय संस्थान, BCI की बात आती है, तो समझना आसान हो जाता है कि यह संस्था देश की न्यायपालिका के साथ कैसे जड़ें बाँधती है। बार काउंसिल का मुख्य काम है हर वर्ष बार एग्जाम कराना, सफल उम्मीदवारों को एंगेजमेंट सर्टिफिकेट देना और उनके अधिकारों की रक्षा करना। इस प्रक्रिया में वकील, कानूनी पेशे के प्रमुख सदस्य के पेशेवर जीवन का हर पहलू शामिल है – चाहे वह सत्र में दाखिला हो या उच्च अदालत में उपस्थित होना।
साथ ही, कानूनी शिक्षा, एलएलबी, एलएलएम और डिप्लोमा कोर्स जैसी डिग्रियों को नियामक मानकों के अनुसार तैयार करना बार काउंसिल की जिम्मेदारी है। यह संस्था इस बात को सुनिश्चित करती है कि लॉ कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम नवीनतम विधि अधिनियम और केस लॉ से जुड़े हों, ताकि नए वकील ग्रेजुएशन के बाद सीधे कोर्ट रूम में आत्मविश्वास के साथ प्रवेश कर सकें। उदाहरण के तौर पर, बार काउंसिल ने हाल ही में डिजिटल लेन‑देन, साइबर क्राइम और पर्यावरण न्याय से जुड़े नए मॉड्यूल को अनिवार्य किया है, जिससे छात्र वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से पहले से ही परिचित हो जाते हैं।
बार काउंसिल का प्रभाव तभी पूरा दिखता है जब हम देखे कि यह संस्थान न्यायपालिका, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और अधीनस्थ अदालतों का सामूहिक समूह के साथ कैसे सहयोग करता है। न्यायपालिका को योग्य वकीलों की लगातार आपूर्ति चाहिए, जबकि बार काउंसिल को उन वकीलों से फीडबैक मिलता है जो कोर्ट में काम कर रहे हैं। इस दो‑तरफ़ा संबंध से कानूनी प्रक्रियाओं में सुधार आता है—जैसे कि दलीली साक्ष्य के डिजिटलकरण पर नई दिशानिर्देश बनाना या मीनर स्किल्स ट्रेनिंग को अनिवार्य करना। बार काउंसिल के नियम न केवल वकीलों की एथिकल बाध्यताओं को तय करते हैं, बल्कि अदालतों की कार्यक्षमता को भी बढ़ाते हैं।
क्या आप बार काउंसिल की प्रमुख गतिविधियों को समझना चाहते हैं?
अगर आप अभी शुरू कर रहे हैं, तो बार काउंसिल की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘एंट्री टू बार’ गाइड पढ़ना फायदेमंद रहेगा। इसमें एंगेजमेंट की प्रक्रिया, फॉर्मेटिव टेस्ट और साक्षात्कार चरणों की विस्तृत जानकारी है। मध्य‑स्तर के वकीलों के लिए, संस्थान द्वारा आयोजित रिफ्रेशर कोर्स और प्रोफेशनल डेवेलपमेंट वर्कशॉप्स जैसे सत्र आपके करियर को नई दिशा दे सकते हैं। वरिष्ठ वकीलों के लिए, बार काउंसिल अक्सर 'कोड ऑफ़ एथिक' अपडेट और हाई‑कोर्ट‑सुप्रीम कोर्ट के केस विश्लेषण सत्र आयोजित करता है, जिससे उन्हें नवीनतम न्यायिक प्रवृत्तियों से जुड़े रहने का मंच मिलता है।
इन सभी पहलुओं को देखते हुए, नीचे की सूची में हम उन लेखों और रिपोर्टों को एकत्रित कर रहे हैं जो बार काउंसिल की ताज़ा खबरें, एग्जाम टिप्स, कोर्ट में वकीलों के अनुभव और विधि‑संबंधी नई नीतियों को कवर करते हैं। चाहे आप छात्र हों, प्रैक्टिसिंग वकील हों या सिर्फ़ कानूनी प्रणाली में रुचि रखते हों, इस टैग के अंतर्गत मिलने वाली जानकारी आपके सवालों के जवाब देगी और आगे की खोज को आसान बनाएगी। आइए, अब नीचे दिए गए लेखों में गहराई से देखते हैं।
71 वर्षीय वकील ने सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई बीआर गावई पर जूते फेंके, बार काउंसिल ने तुरंत निलंबन
6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर ने सीजेआई बीआर गावई पर जूते फेंके, बार काउंसिल ने तुरंत उन्हें निलंबित किया; घटना धार्मिक भावनाओं और न्यायिक गरिमा के टकराव को उजागर करती है।