उत्तराखंड में 25 जून को दस्तक देगा मानसून, कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

उत्तराखंड में मानसून की दस्तक : तेजी से बढ़ती बारिश

उत्तराखंड के लोगों के लिए राहत की खबर है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने साफ-साफ कहा है कि राज्य में इस बार मानसून 25 जून 2025 को जिलेगा। डीहरादून मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने हाल ही में यह जानकारी दी। इस बार केरल में मानसून 24 मई को ही पहुंच गया था, जो पिछले लगभग 15 साल में सबसे जल्दी था। मानसून केरल पहुंचते ही पूरे उत्तर भारत में लोग बारिश का इंतजार करने लगे थे।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 जून से ही उत्तराखंड में तेज बारिश और बादलों का खेल शुरू हो जाएगा। शुरुआत में हल्की से मध्यम बारिश कई जिलों में महसूस की जाएगी, लेकिन 25 जून के आसपास मानसून के पूरी तरह से प्रवेश करते ही बारिश का रफ्तार और बढ़ेगा। पहाड़ी इलाकों में जाते-जाते ये बारिश कई जगहों पर भारी भी पड़ सकती है। किसानों, पर्यटकों और आम लोगों के लिए ये बदलाव काफी मायने रखता है। पर्वतीय क्षेत्रों में मानसून का समय सड़क बंद होने, भूस्खलन और बिजली कटौती का भी है। ऐसे में प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ चुका है।

मौसम विभाग के अलर्ट और मानसून की रफ्तार

मौसम विभाग के अलर्ट और मानसून की रफ्तार

मौसम विभाग की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मानसून की रफ्तार इस बार काफी तेज रही। हालांकि बीच में करीब 18 दिनों का ब्रेक आया—but इसके बाद मानसून बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल व लद्दाख आदि राज्यों में जोर पकड़ने लगा। उत्तराखंड में भी इसका असर जल्द दिखने लगेगा। इससे पहले, मध्य मई में ही राज्य के कई हिस्सों में प्री-मानसून की गर्जना और हल्की बारिश का दौर शुरू हो गया था। इसे देखते हुए विभाग ने 22 जून से अलर्ट जारी किया है। पहाड़ी जिलों—जैसे कि नैनीताल, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली—में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

देशभर की बात करें तो झारखंड में 20 जून को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। पुराने अनुभव बताते हैं कि मानसून की चाल जितनी तेजी से उत्तर की ओर बढ़ती है, उतनी ही बारिष के तेवर नाटकीय हो जाते हैं। पूर्वोत्तर भारत—विशेषकर असम, मेघालय, अरुणाचल—में मानसून पहले ही पहुंच चुका है और यहां 20 जून से 26 जून तक जमकर बारिश होने की संभावना है। सड़क यातायात, खेतीबाड़ी और पर्वतीय इलाकों की यात्रा करने वालों के लिए मौसम संबंधी अपडेट पर नजर बनाए रखना फायदेमंद रहेगा।

उत्तराखंड में इस साल मानसून का समय कई ग्रामीणों के लिए उम्मीद का संदेश लेकर आया है। खेतों की प्यास बुझाने से लेकर पेयजल संकट तक को मानसून की हवाएं राहत देने वाली हैं। लेकिन हर बार की तरह, भूस्खलन और बाढ़ का डर भी सिर उठा सकता है। इसलिए प्रशासन और आम लोगों को दोनों ही तरफ सावधान रहने की जरूरत है।

अवनि बिश्वास

अवनि बिश्वास

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

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