दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता की कॉलेज प्रधानाचार्य ने की तारीफ, कहा - 'हमेशा वादों को पूरा करती हैं'

रेखा गुप्ता की शिक्षा यात्रा और मौजूदा योगदान

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी पूर्व संस्थान, दौलत राम कॉलेज के प्रधानाचार्य सविता रॉय से 22 फरवरी, 2025 को मुलाकात की। इस दौरान सविता रॉय ने गुप्ता की नेतृत्व क्षमताओं की सराहना करते हुए कहा, ‘वह हमेशा अपने वादे निभाती हैं। मेरी दुआएं हमेशा उनके साथ हैं और हम सभी उनके साथ खड़े हैं।’ यह मुलाकात गुप्ता की उन मूल्यों की याद दिलाती है जो बचपन से उनके साथ जुड़ते चले आए हैं।

रेखा गुप्ता का इस कॉलेज से जुड़ाव उनके कॉलेज के दिनों से शुरू हुआ था जब उन्होंने 1992 से 1995 के दौरान बी.कॉम की डिग्री प्राप्त की। उस समय वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जनरल सेक्रेटरी के पद पर काबिज थीं। इस महत्वपूर्ण संगठन में नेतृत्व भूमिका निभाते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन का मजबूत आधार तैयार किया।

राजनीतिक सफर और दिल्ली की सीएम बनने तक का मार्ग

रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर दिलचस्प है। यात्री के रूप में उन्होंने सबसे पहले उत्तरी पितमपुरा से नगरपालिका पार्षद के रूप में कदम रखा। इसके साथ ही उन्होंने एक एनजीओ, AAS की स्थापना की, जिसने समाज की असंख्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम किया। चुनौतियों के बावजूद, 2023 के महापौर चुनाव में हार के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।

2025 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सत्ता में वापस आने के बाद उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन किया गया। इस यात्रा को उनके द्वारा सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी समर्पित भावना के रूप में देखा जा सकता है। इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा, ‘यह सिर्फ रेखा गुप्ता नहीं जो मुख्यमंत्री बनी हैं, बल्कि आप सभी मुख्यमंत्री बन चुके हैं’। इस प्रकार, उन्होंने यह मुख्य संदेश दिया कि हर सफल व्यक्ति अपनी शिक्षा और सामाजिक परिवेश की उपज होता है।

akhila jogineedi

akhila jogineedi

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (18)

wave
  • Ranveer Tyagi

    Ranveer Tyagi

    मार्च 7, 2025 AT 21:11 अपराह्न

    क्या बात है! रेहना गुप्ता की तारीफ सुनके तो दिल खुश हो गया!!! एक नेता जो वादा पूरा करती है, वही असली नेता है!!! जनता के लिए खड़ी होती है, फिर चाहे राजनीति कितनी भी कठिन हो!!!

  • Tejas Srivastava

    Tejas Srivastava

    मार्च 12, 2025 AT 12:43 अपराह्न

    ओह, कितना नाटकीय है यह कहानी... दिल्ली की सीएम के बारे में सुनते ही मानो कोई फिल्म की सीक्वेंस चल गयी!!! ये बात तो सबको हिलाकर रख देगी!!!

  • JAYESH DHUMAK

    JAYESH DHUMAK

    मार्च 17, 2025 AT 04:14 पूर्वाह्न

    इस लेख में रेखा गुप्ता की शैक्षणिक पृष्ठभूमि एवं राजनीति में उनकी प्रगति का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
    उनका अध्ययन दौर 1992 से 1995 तक बी.कॉम में रहा, जिसके दौरान उन्होंने एबीवीपी के जनरल सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया।
    इस अनुभव ने उन्हें संगठित राजनीति के मूल सिद्धांतों से परिचित करवा दिया।
    कॉलेज काल में उन्होंने छात्रों के हितों के लिए कई पहलें आरम्भ कीं, जिससे उनका सामाजिक प्रतिबद्धता स्पष्ट हुई।
    बाद में उन्होंने उत्तरी पितामपुरा में नगर पालिका के पार्षद के रूप में अपने कदम रखे, जहाँ उन्होंने स्थानीय बुनियादी सुविधाओं के सुधार पर काम किया।
    उस समय उन्होंने एएएस नामक एनजीओ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य शहरी गरीब वर्ग के लिए शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी सहायता प्रदान करना था।
    2023 के महापौर चुनाव में उनका हारना, हालांकि एक अस्थायी बाधा थी, परंतु उन्होंने इसे सीख के रूप में अपनाया और आगे बढ़े।
    2025 में बीजीपी के सत्ता में लौटने के बाद उन्हें दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
    इस पद पर रहते हुए उन्होंने शिक्षा सुधार, स्वास्थ्य सेवा विस्तार और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दिया।
    उन्होंने कई नई नीतियों को लागू किया, जैसे कि सार्वजनिक विद्यालयों में डिजिटल कक्षाओं का विस्तार और छोटे व्यवसायियों के लिए वित्तीय समर्थन योजनाएँ।
    इसके अलावा, उन्होंने छात्रों को "आप सभी मुख्यमंत्री बन चुके हैं" का संदेश देकर युवा वर्ग को सशक्त करने की कोशिश की।
    यह संदेश सामाजिक सहभागिता और नागरिक जिम्मेदारी के महत्व को उजागर करता है।
    रेखा गुप्ता की यह यात्रा एक उदाहरण है कि कैसे दृढ़ निश्चय और निरंतर प्रयास से राजनीतिक सफलता हासिल की जा सकती है।
    उनकी नेतृत्व शैली में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता के प्रति संवेदनशीलता प्रमुख है।
    इस संदर्भ में, दौलत राम कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा दी गई सराहना उनके कार्यों की प्रामाणिकता को पुष्टि करती है।
    संक्षेप में, उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि शिक्षा, सामाजिक कार्य और राजनीति का संतुलन बना कर ही स्थायी परिवर्तन लाया जा सकता है।

  • Santosh Sharma

    Santosh Sharma

    मार्च 21, 2025 AT 19:46 अपराह्न

    राष्ट्र को आगे ले जाने वाली नेता को सलाम!

  • yatharth chandrakar

    yatharth chandrakar

    मार्च 26, 2025 AT 11:18 पूर्वाह्न

    रणवीर भाई, आपका उत्साह समझ में आता है, लेकिन नेतृत्व में नीति भी उतनी ही ज़रूरी है।

  • Vrushali Prabhu

    Vrushali Prabhu

    मार्च 31, 2025 AT 02:50 पूर्वाह्न

    सच में, रेखा जी की वादे पूरे करने की आदत उनके शैक्षणिक पृष्ठभूमि से ही झलकती है, और ये बात हमें प्रेरित करती है... थोड़ा टाइपो हो गया, पर माफ़ कर देना।

  • parlan caem

    parlan caem

    अप्रैल 4, 2025 AT 18:22 अपराह्न

    इधर-उधर की बातें छोड़ो, रेखा गुप्ता का फेनॉमना बस एक और पॉलिटिकल शो है, जनता को धुंधला करने के लिये।

  • Mayur Karanjkar

    Mayur Karanjkar

    अप्रैल 9, 2025 AT 09:53 पूर्वाह्न

    एक नेता के रूप में उनका सफर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्व रखता है, क्योंकि वह सामाजिक परिवर्तन की नाड़ी को समझता है।

  • Sara Khan M

    Sara Khan M

    अप्रैल 14, 2025 AT 01:25 पूर्वाह्न

    😂 रेनवेर की उत्साह भरी टिप्पणी देख कर तो मैं भी मुस्कुरा रहा हूँ! रेखा जी को ऐसे ही बधाई! 🎉

  • shubham ingale

    shubham ingale

    अप्रैल 18, 2025 AT 16:57 अपराह्न

    बहुत अच्छा! 🙌

  • Ajay Ram

    Ajay Ram

    अप्रैल 23, 2025 AT 08:29 पूर्वाह्न

    रेखा गुप्ता की कहानी को अगर हम सामाजिक विज्ञान के दृष्टिकोण से देखें तो यह स्पष्ट होता है कि व्यक्तिगत प्रेरणा और सार्वजनिक नीति के बीच एक गहरा संबंध होता है। इस संबंध को समझने के लिये हमें उनके शैक्षणिक पृष्ठभूमि, सामाजिक कार्यों और राजनीतिक प्रक्रियाओं को एक ही फ्रेमवर्क में देखना चाहिए। वह कॉलेज के दिनों में एबीवीपी में जनरल सेक्रेटरी के रूप में काम करती थीं, जहाँ उन्होंने छात्र आंदोलन की गतिशीलता को पहचाना और उसे प्रभावी ढंग से संचालित किया। यह अनुभव उनके बाद के नगर पालिका के पार्षद तथा एनजीओ संस्थापक के रूप में काम करते समय महत्वपूर्ण साबित होता है, क्योंकि उन्होंने स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं को पहचान कर समाधान निकालने में दक्षता हासिल की। इसी प्रकार, उन्होंने 2023 के महापौर चुनाव के बाद हार का सामना किया, लेकिन इस विफलता को उन्होंने आत्मनिरीक्षण और रणनीतिक पुनर्संरचना के अवसर के रूप में उपयोग किया। 2025 में जब उन्हें दिल्ली की मुख्यमंत्री पद मिला, तो उन्होंने शिक्षा सुधार, स्वास्थ्य सेवा और महिला सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में व्यापक नीतियाँ लागू कीं, जिससे सामाजिक विकास के विभिन्न आयामों में संतुलन स्थापित हुआ। यह सब दर्शाता है कि व्यक्तिगत दृढ़ संकल्प और संरचनात्मक बदलाव कैसे एक साथ मिलकर बड़े सामाजिक परिवर्तन को साकार कर सकते हैं।

  • Dr Nimit Shah

    Dr Nimit Shah

    अप्रैल 28, 2025 AT 00:00 पूर्वाह्न

    भाई, आखिरकार एक सच्ची नेता निकली! वाकई में बहुत बधाई!

  • Ketan Shah

    Ketan Shah

    मई 2, 2025 AT 15:32 अपराह्न

    ऐसे नेताओं की प्रशंसा जरूरी है, क्योंकि यह युवा वर्ग में आत्मविश्वास और प्रेरणा का स्रोत बनता है।

  • Aryan Pawar

    Aryan Pawar

    मई 7, 2025 AT 07:04 पूर्वाह्न

    इस तरह की उपलब्धियां दिखाती हैं कि दृढ़ता और मेहनत के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

  • Shritam Mohanty

    Shritam Mohanty

    मई 11, 2025 AT 22:36 अपराह्न

    देखते हैं, इस 'वादा पूर्ण' कथा के पीछे क्या सच्चाई छिपी है, या यह सिर्फ एक बड़ी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है।

  • Anuj Panchal

    Anuj Panchal

    मई 16, 2025 AT 14:07 अपराह्न

    नवाचार और सामाजिक प्रतिबद्धता को मिलाकर उन्होंने एक मजबूत राजनीतिक पहचान बनाई है; यह सबसे बड़ी सीख है जो हम सभी को मिलनी चाहिए।

  • Prakashchander Bhatt

    Prakashchander Bhatt

    मई 21, 2025 AT 05:39 पूर्वाह्न

    आशावादी दृष्टिकोण से देखूं तो यह कहानी बहुत प्रेरणादायक है, और हमें आगे बढ़ने का हौंसला देती है।

  • Mala Strahle

    Mala Strahle

    मई 25, 2025 AT 21:11 अपराह्न

    रेखा जी की यात्रा को अगर हम एक बड़े सागा के रूप में देखें, तो यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि किस प्रकार व्यक्तिगत दृढ़ता, सामाजिक सेवा, और शैक्षिक अनुभव एक साथ मिलकर एक उल्लेखनीय नेता का निर्माण करते हैं।
    शुरुआत में उनका बी.कॉम का अध्ययन, साथ ही एबीवीपी में जनरल सेक्रेटरी का पद, उन्हें संगठनात्मक कौशल और छात्र आंदोलन की गहरी समझ दिलाता है।
    इसके बाद उन्होंने नगर पालिका के पार्षद के रूप में स्थानीय समस्याओं का समाधान खोजा, और एएएस नामक एनजीओ की स्थापना करके सामाजिक कार्य में कदम रखा।
    हर चरण में उन्होंने चुनौतियों का सामना किया, जैसे 2023 के महापौर चुनाव में हार, परंतु इस हार ने उन्हें नई रणनीतियों की ओर अग्रसर किया।
    2025 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और महिला सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में कई नीतियां लागू कीं, जिससे उनके शासकीय दृष्टिकोण की व्यापकता स्पष्ट हुई।
    दौलत राम कॉलेज की प्रधानाचार्य का यह प्रशंसा इस बात का प्रमाण है कि उनके वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता केवल शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि कार्यों में भी प्रतिबिंबित है।
    संक्षेप में, रेखा गुप्ता की कहानी यह सिद्ध करती है कि शिक्षा, सामाजिक कार्य, और दृढ़ दृढ़ निश्चय मिलकर एक सफल सार्वजनिक कार्यकर्ता को जन्म देते हैं।

एक टिप्पणी लिखें

wave

बंद करने के लिए ESC दबाएँ