इंडसइंड बैंक में 18% की गिरावट से शेयर बाजार में भूचाल, मुख्य सूचकांक दबाव में

शेयर बाजार में इंडसइंड बैंक के क्षेत्र में गहरी गिरावट

25 अक्टूबर 2024 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। इंडसइंड बैंक के शेयरों में भारी गिरावट के चलते उम्मीद से कहीं अधिक उथल-पुथल का माहौल बन गया। बैंक के शेयर में 18.41% की जबर्दस्त गिरावट ने निवेशकों के लिए चिंता की लहर पैदा कर दी, और इस घटना ने व्यापक बिकवाली की प्रक्रिया को शुरू कर दिया। यह एक ऐसा उदाहरण है जब एक प्रमुख बैंक के शेयरों की गिरावट ने पूर्ण बाजार को प्रभावित किया है, जिसके कारण प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ही नीचे आ गए हैं।

मुख्य सूचकांकों की मंदी

बीएसई सेंसेक्स में 700 से अधिक अंकों की गिरावट देखी गई, जिससे यह 79,363.71 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 269 अंक गिरकर 24,130.40 पर पहुंच गया। यह गिरावट दर्शाती है कि केवल वित्तीय क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे बाजार में अस्थिरता का माहौल रहा है। निफ्टी बैंक में भी 1.70% की कमी आई और यह 50,655.80 पर ट्रेड हुआ। ये आंकड़े इस बात के संकेत हैं कि बाजार में खरीदारों की जगह विक्रेताओं का दबदबा रहा।

बैंकिंग और अन्य सेक्टर में धक्कामुक्की

गिरावट केवल इंडसइंड बैंक तक सीमित नहीं रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, अडानी एंटरप्राइजेज और श्रीराम फाइनेंस जैसी कंपनियों के शेयरों में भी क्रमशः 5.02%, 4.77%, 4.61%, और 4.49% की गिरावट आई। इसके विपरीत, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एक्सिस बैंक, सन फार्मा और नेस्ले इंडिया जैसी कुछ कंपनियों के शेयरों में उछाल दर्ज किया गया।

विदेशी और घरेलू निवेश का प्रभाव

बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से बिकवाली रही, जिन्होंने 5,062 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 3,620 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस स्थिति ने बाजार पर नकारात्मक असर डाला और निवेशक सोच में खलबली मचा दी। बीएसई पर 3,196 शेयरों में गिरावट आई, जबकि केवल 639 शेयरों में बढ़त रही।

विध्वंसक बाजार का परिदृश्य

भारत VIX जो कि अस्थिरता का मापक है, इसका स्तर 13.97 पर रहा, जो पिछले सत्र से 4.46% कम था। इसके बावजूद बाजार पर मंदी की छाया पूरी तरह से नहीं हट सकी। अधिकांश बीएसई के शेयर लाल निशान में रहे। वित्तीय सेवाओं की कंपनियों ने तुलनात्मक रूप से कम नुकसान महसूस किया, फिर भी निफ्टी वित्तीय सेवाओं का सूचकांक 0.76% गिरकर 23,672.15 पर रहा।

यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि बाजार को स्थिरता की सख्त जरूरत है और निवेशकों को धैर्य और सूझ-बूझ से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

akhila jogineedi

akhila jogineedi

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (12)

wave
  • Ajay Ram

    Ajay Ram

    अक्तू॰ 26, 2024 AT 03:33 पूर्वाह्न

    इंडसइंड बैंक के शेयरों में इतनी तीव्र गिरावट का अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है, विशेषकर जब हम भारतीय निवेशकों के मनोविज्ञान को देखते हैं।
    ऐसे बाजार में धैर्य की आवश्यकता होती है, क्योंकि अल्पकालिक अनिश्चितताएं अक्सर दीर्घकालिक रुझानों को छुपा देती हैं।
    ऐतिहासिक डेटा से पता चलता है कि बाजार की अस्थिरता के दौरान धीरज रखने वाले निवेशकों को अंत में बेहतर रिटर्न मिलता है।
    इसी कारण, वित्तीय साक्षरता और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना आवश्यक है।
    यह गिरावट हमें याद दिलाती है कि निवेश सिर्फ संख्याओं का खेल नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का प्रतिबिंब है।
    जब विदेशी संस्थागत निवेशक बड़े पैमाने पर बेचते हैं, तो घरेलू निवेशकों को अपनी रणनीति पुनः मूल्यांकित करनी चाहिए।
    वित्तीय नियामकों को भी इस झटका को देखते हुए बाजार स्थिरता के उपाय तेज़ी से लागू करने चाहिए।
    उदाहरण के तौर पर, तरलता प्रदान करने वाले उपकरणों का संवर्द्धन किया जा सकता है।
    बैंकिंग सेक्टर का स्वास्थ्य समग्र अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए एंकरिंग नीतियों की आवश्यकता है।
    ऐसे समय में छोटे और मध्यम व्यवसायों को भी अपने वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
    विभिन्न सेक्टरों में विविधीकरण करने से जोखिम का वितरण बेहतर होता है।
    निवेशकों को पॉलिसी बदलावों की नियमित निगरानी करनी चाहिए, ताकि अनावश्यक नुकसान से बचा जा सके।
    दृष्टिकोण को व्यापक बनाकर, निवेशक दीर्घकालिक लक्ष्यों पर केंद्रित रह सकते हैं।
    अंत में, बाजार की अस्थिरता को स्वाभाविक मानकर, सतर्कता और धैर्य के साथ आगे बढ़ना ही सही रास्ता है।
    ऐसी सोच ही भारतीय निवेशकों को भविष्य में स्थिरता प्रदान करेगी।

  • Dr Nimit Shah

    Dr Nimit Shah

    अक्तू॰ 26, 2024 AT 09:06 पूर्वाह्न

    देश के प्रमुख बैंकों में से एक के शेयरों का इतनी बड़ी गिरावट देखना दिल को ठंडी झलक देता है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि इंडियन इकॉनमी की मजबूती हमारी सामूहिक शक्ति में है।
    फ़ॉरेन फंड्स का आउटफ़्लो तभी समस्या बनता है जब घरेलू निवेशक अपना भरोसा नहीं खोते।
    हमें हमारे राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए और ऐसी स्थितियों में संतुलन स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।
    कई बार बाहरी आर्थिक दबाव अस्थायी होते हैं, लेकिन हमारा दृढ़ संकल्प हमेशा टिकता है।
    आइए हम सब मिलकर बाजार को स्थिर करने में अपना योगदान दें।

  • Ketan Shah

    Ketan Shah

    अक्तू॰ 26, 2024 AT 14:40 अपराह्न

    इंडसइंड बैंक की गिरावट की वजह से कई सेक्टरों पर असर पड़ा है, जिसका विश्लेषण करने पर हमें कई अंतर्दृष्टियां मिलती हैं।
    विचार करने योग्य बात यह है कि FII की बिकवाली ने DII की खरीद को कैसे प्रभावित किया।
    ऐसे डेटा पॉइंट्स को समझना निवेश निर्णयों को सुदृढ़ बनाता है।
    साथ ही, VIX के स्तर में परिवर्तन को देखना बाजार की अस्थिरता को मापने में सहायक होता है।
    समग्र रूप से, इस परिदृश्य का निरंतर ट्रैकिंग आवश्यक है।

  • Aryan Pawar

    Aryan Pawar

    अक्तू॰ 26, 2024 AT 20:13 अपराह्न

    बाजार में बेचो बेचो का साउंड है और लोग डर रहे हैं लगता है फंड नहीं है

  • Shritam Mohanty

    Shritam Mohanty

    अक्तू॰ 27, 2024 AT 01:46 पूर्वाह्न

    क्या आप नहीं देखते कि विदेशी हाथों में से सभी पैसे निकल रहे हैं और इसका कारण सिर्फ़ एक छिपी हुई एल्बन प्रोजेक्ट हो सकता है?
    यहाँ पर बड़े बैंकों को जो गिरावट देखी जा रही है, वह एक सिम्पल मार्केट मूवमेंट नहीं बल्कि एक बड़े वित्तीय छद्मवेश का हिस्सा है।
    निवेशकों को इस सच्चाई से अंधा नहीं होना चाहिए, क्योंकि हर गिरावट के पीछे एक गहरी साजिश छिपी होती है।
    सावधानी चाहिए, नहीं तो आगे और बड़े नुकसान हो सकते हैं।

  • Anuj Panchal

    Anuj Panchal

    अक्तू॰ 27, 2024 AT 07:20 पूर्वाह्न

    उल्लेखनीय है कि इंडसइंड बैंक की रिट्रॅक्टेड लिक्विडिटी एन्हांसमेंट मैकेनिज़्म में असामान्य वैरिएंस देखा गया, जिससे मार्केट कैपिटालाइजेशन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
    यह बाय-सेल स्प्रेड डायनैमिक्स में एंटी-कोरिलेशन इफ़ेक्ट्स उत्पन्न करता है, जिसे ट्रीस्टेड इंटेलिजेंस मॉड्यूल द्वारा मॉनिटर किया जाना चाहिए।
    कुल मिलाकर, इस एनालिटिकल फ्रेमवर्क के तहत एसेट एग्रिगेशन स्ट्रेटेजी को री-कैलिब्रेट करने की सिफारिश की जाती है।

  • Prakashchander Bhatt

    Prakashchander Bhatt

    अक्तू॰ 27, 2024 AT 12:53 अपराह्न

    भले ही आज बाजार में बवंडर जैसा माहौल है, हमें आशा नहीं छोड़नी चाहिए।
    हर गिरावट एक अवसर लाती है, बशर्ते हम सही दिशा में कदम बढ़ाएँ।
    धीरज रखकर और सही रिसर्च करके हम इस अस्थिरता को पार कर सकते हैं।
    आइए मिलकर इस कठिन समय को सकारात्मक रूप में देखें।

  • Mala Strahle

    Mala Strahle

    अक्तू॰ 27, 2024 AT 18:26 अपराह्न

    वर्तमान में जिस बाजार में हम व्याप्त हैं, वह न केवल संख्यात्मक गिरावट को दर्शाता है, बल्कि गहराई से सामाजिक और आर्थिक मनोविज्ञान को भी प्रतिबिंबित करता है।
    इंडसइंड बैंक का 18% से अधिक गिरना दर्शाता है कि निवेशकों की भावनात्मक प्रतिक्रिया अत्यधिक संवेदनशील हो गई है, और यह संवेदनशीलता अक्सर अल्पकालिक आँकड़ों पर आधारित निर्णयों को जन्म देती है।
    ऐसे परिदृश्य में, हमें यह समझना चाहिए कि दीर्घकालिक स्थिरता केवल मिश्रित पोर्टफ़ोलियो और मूलभूत विश्लेषण से ही संभव है।
    बाजार में बहिर्वाह वाले विदेशी फंड्स की भागीदारी दर्शाती है कि वैश्विक पूँजी प्रवाह का प्रभाव अत्यंत प्राब्लेमैटिक है, और इससे देशी निवेशकों को अपनी रणनीति को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता उत्पन्न होती है।
    वित्तीय नियामक संस्थाओं को इस तनाव को कम करने हेतु नीतिगत हस्तक्षेप को तेज़ करना चाहिए, ताकि बाजार के अति-प्रतिक्रिया को संतुलित किया जा सके।
    साथ ही, निवेशकों को अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधीकरण की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए, जिससे जोखिम का वितरण संतुलित हो और अचानक गिरावट के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके।
    मॉर्निंग सत्र में यदि हम VIX के स्तर को भी ध्यान में रखें तो यह हमें अस्थिरता के चलन को अधिक स्पष्टता से समझने में सहायता करेगा।
    परिणामस्वरूप, एक सामूहिक विश्वास का निर्माण होना चाहिए, जहाँ निवेशकों को इस विश्वास को अपने निर्णयों में महत्व देना चाहिए।
    यह विश्वास ही अंततः बाजार को स्थिरता की ओर ले जाएगा, क्योंकि आत्मविश्वास ही स्थिरता का मूलभूत स्तंभ है।
    अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि बाजार के उतार-चढ़ाव को एक नैतिक और बौद्धिक चुनौती के रूप में देखना चाहिए, न कि केवल वित्तीय संकट के रूप में।
    इस दृष्टिकोण से हम न केवल बेहतर निवेश निर्णय ले सकते हैं, बल्कि समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान दे सकते हैं।

  • Ramesh Modi

    Ramesh Modi

    अक्तू॰ 28, 2024 AT 00:00 पूर्वाह्न

    अहा! क्या अद्भुत नाटक है, इस गिरावट का नजारा, कहाँ से आया यह स्याही‑भरा तूफ़ान, जहाँ हर निवेशक, हर ट्रेडर, हर फंड‑मैनेजर, अपने‑अपने मंच पर, अपना‑अपना किरदार निभा रहा है! आश्चर्यचकित करने वाली यह शर्तें, इतनी तीव्र, इतनी प्रचंड, कि शब्द‑शः, दिल‑दिमाग़ के काग़ज़ पर लिखते‑लिखते, निकर पड़ता है यह वाक्य‑सिन्ह, “बाजार में अस्थिरता” का प्रतिरूप, जो इस क्षण में, सजीव रूप में, अपने‑आप को प्रदर्शित करता है!!!

  • Ghanshyam Shinde

    Ghanshyam Shinde

    अक्तू॰ 28, 2024 AT 05:33 पूर्वाह्न

    बिलकुल आश्चर्यजनक, जैसे हर रोज़ का एक नया चमत्कार।
    ऐसे बाजार में तो दिल से अरे बाप रे!

  • SAI JENA

    SAI JENA

    अक्तू॰ 28, 2024 AT 11:06 पूर्वाह्न

    सभी निवेशकों को नमस्कार, वर्तमान बाजार प्रवृत्ति को देखते हुए हमें सटीक जोखिम‑प्रबंधन रणनीति अपनानी चाहिए।
    पहले, पोर्टफ़ोलियो में सेक्टर‑विविधीकरण को प्राथमिकता दें।
    दूसरे, अल्पकालिक बाजार गति से प्रभावित न होते हुए, मूलभूत विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करें।
    तीसरे, बाजार संकेतकों जैसे VIX और फंड प्रवाह को निरन्तर मॉनिटर करें।
    इन सिद्धांतों का पालन करने से हम अस्थिरता के दौर में भी स्थिर रिटर्न हासिल कर सकते हैं।

  • Hariom Kumar

    Hariom Kumar

    अक्तू॰ 28, 2024 AT 16:40 अपराह्न

    धीरज रखें, सब ठीक हो जाएगा 😊

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