भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी
भारतीय इक्विटी सूचकांक में शुक्रवार, 22 अक्टूबर 2024 को बड़ी गिरावट देखी गई, जिसके कारण निवेशकों के मन में चिंता का माहौल सा बना रहा। बाजार चढ़ाव से नीचे आते हुए सप्ताह के अंत में कमजोरी के साथ बंद हुई। दिन की शुरुआत में निफ्टी की स्थिति कमजोर बनी रही और यह 24,500 के स्तर से नीचे फिसल गया, जबकि सेंसेक्स में 931 अंकों की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, कुछ देर बाद आंकड़ों में सुधार देखी गई जिसने निवेशकों के बीच कुछ राहत प्रदान की। सेंसेक्स 73.48 अंक यानी कि 0.09% के घाटे के साथ 81,151.27 पर बंद हुआ और निफ्टी 112.50 अंक यानी कि 0.45% की गिरावट के साथ 24,741.50 पर बंद हुआ।
वैश्विक आर्थिक प्रभाव
एशियाई शेयरों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई, अमेरिकी डॉलर के उच्चतम स्तर पर एका एक पहूंचने के कारण। बाजार में अमेरिकी चुनाव के पहले चौकसी के रूप में निवेशकों की बढ़ती सावधानी देखी गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती को लेकर एक संतुलन रखने की रणनीति से डॉलर ने अपनी ऊँचाई को पकड़े रखा। यह स्थिति लगभग ढाई महीने में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
शेयर बाजार का प्रदर्शन
सुबह के समय, निफ्टी फ्यूचर्स 24,806 के स्तर के आस-पास ट्रेड कर रहे थे, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि भारतीय बाजार की व्यापकता में एक स्थिर शुरुआत हो सकती है। लेकिन परिणाम इसके विपरीत दिखा, जब सभी सेक्टरों में गिरावट देखी गई। ऑटो सेक्टर का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रही, जिसने 0.42% की बढ़त के साथ अच्छा परिणाम प्रस्तुत किया। निफ्टी ऑटो 25,251.85 के स्तर पर बंद हुआ।
कुछ प्रमुख नुकसान में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, बीपीसीएल, इंडसइंड बैंक, और बजाज फिनसर्व शामिल थे। वहीं, सकारात्मक प्रदर्शन में एचडीएफसी बैंक, बजाज ऑटो, एशियन पेंट्स, एमएंडएम, और ईशर मोटर्स शामिल थे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में भी 1.5% की गिरावट देखने को मिली।
बाजार विश्लेषण
अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड की यील्ड में लगभग 12 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी रही और डॉलर इंडेक्स, जो अमेरिकी मुद्रा को उसके छह प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले मापता है, एशियाई स्तर पर 103.96 पर दर्ज किया गया। यह सोमवार को 104.02 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो 1 अगस्त से अब तक का उच्चतम स्तर था। स्वाभाविक रूप से, यह स्थिति निवेशकों की चिंता बढ़ा रही थी क्योंकि यील्ड्स बढने से वित्तीय बाज़ार पर दबाव बढ़ जाता है।
सोने ने थोड़ी राहत ली जब अमेरिकी यील्ड और डॉलर में उछाल देखा गया।
निफ्टी की तकनीकी स्थिति
व्यापारिक नजरियों से निफ्टी 50 अभी भी 20-दिवसीय और 50-दिवसीय ईएमए के नीचे ट्रेड कर रहा है, जो नकारात्मक संकेत है। इन ईएमए के ऊपर बने रहने से बुल्स की स्थिति संभावित हो सकती है, लेकिन तब तक मंदी जारी रहने और सीमित ट्रेडिंग की उम्मीद की जा रही है।
कंपनी विशेष विश्लेषण
विशिष्ट कंपनियों के प्रदर्शन की बात करें तो बजाज ऑटो के भविष्य के विकास की अपेक्षा की जा रही है। यह अनुमान है कि कंपनी 2025-2027 के वित्तीय वर्षों में 8% की वार्षिक बिक्री वृद्धि दर्ज कर सकती है, जोकि नए मॉडलों और अपडेट्स की रीम से संचालित होगी। ईबिटडा मार्जिन भी 2024 में 13.1% से बढ़कर 2027 तक 14% तक पहुंचने की उम्मीद है, और इस दौरान 17% की वार्षिक कमाई विकास दर होने का अनुमान लगाया जा रहा है।