ईरान के मिसाइल हमले के बाद बाइडेन का समर्थन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2 अक्टूबर, 2024 को इज़राइल पर किए गए ईरान के मिसाइल हमले के बाद एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका इज़राइल के साथ खड़ा है और उसे हर संभव समर्थन देगा। यह घोषणा उस समय आई जब ईरान ने लगभग 200 मिसाइलें इज़राइल पर दागी थी। हालांकि, इज़राइली सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ और मिसाइलें निष्क्रिय कर दी गईं।
अमेरिका और इज़राइल की सामरिक साझेदारी
राष्ट्रपति बाइडेन ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी सेना ने इज़राइल की रक्षा में सक्रिय योगदान दिया और इस हमले को निष्क्रिय करने में सहायता की। उनकी इस घोषणा से यह स्पष्ट हो गया कि अमेरिका और इज़राइल के बीच गहरी सामरिक साझेदारी है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच गहन योजना और चर्चा के परिणामस्वरूप इस हमले को नाकाम किया जा सका।
राष्ट्रपति की स्थिति कक्ष में गतिविधियां
राष्ट्रपति बाइडेन ने हमले के दिन सुबह से लेकर दोपहर तक स्थिति कक्ष में अपना समय बिताया और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ गहन विचार-विमर्श किया। इस दौरान, अमेरिकी और इज़राइली अधिकारियों के बीच निरंतर संपर्क बना रहा। बाइडेन ने यह सुनिश्चित किया कि सभी आवश्यक तैयारियां और प्रतिक्रिया तंत्र सक्रिय रहें।
कमला हैरिस की प्रतिक्रिया
उपाध्यक्ष और राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ईरान को 'मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने वाला खतरनाक तत्व' करार दिया और बताया कि यह केवल इज़राइल ही नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए भी खतरा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अमेरिका अपने बलों और हितों की रक्षा के लिए किसी भी आवश्यक कार्रवाई करने में कभी नहीं हिचकेगा।
डोनाल्ड ट्रम्प की आलोचना
इसी बीच, रिपब्लिकन राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने बाइडेन प्रशासन को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया। ट्रम्प ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में ईरान पूरी तरह नियंत्रण में था और मौजूदा प्रशासन की नीतियों के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने भी इस व्यापक संघर्ष पर चिंता जताई और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के पालन और नागरिक हताहतों से बचने का आग्रह किया। तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने यात्रा कर रहे भारतीयों के लिए सुरक्षा सलाह जारी की है, जिसमें सावधानी बरतने और सुरक्षा शेल्टरों के पास रहने की सलाह दी गई है।
जैसा कि स्थिति अभी भी विषम है, अमेरिकी और इज़राइली सरकारें और सैन्य बल सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं और आने वाले समय में इस चुनौती का सामना करने के लिए तत्पर हैं। बाइडेन का यह बयान और समर्थन न केवल इज़राइल के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि वे अपने भागीदारों के साथ मजबूती से खड़े हैं।