खुफिया सुरक्षा निदेशक किम्बर्ली चीटले पर सवालिया निशान: ट्रंप की रैली में सुरक्षा विफलताओं के बाद इस्तीफे की मांग

डोनाल्ड ट्रंप की रैली में हत्या के प्रयास की सुनवाई

हाउस कमेटी ऑन ओवरसाइट एंड अकाउंटेबिलिटी ने हाल ही में आयोजित एक सुनवाई में डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हत्या के प्रयास और उससे संबंधित सुरक्षा विफलताओं का विश्लेषण किया। इस सुनवाई का मुख्य उद्देश्य यह समझना था कि क्यों और कैसे सुरक्षा में इतनी गंभीर कमियाँ रह गईं, जिसके परिणामस्वरूप एक परेशान करने वाली घटना हुई। विशेष रूप से, इस सुनवाई में अमेरिकी खुफिया सुरक्षा निदेशक किम्बर्ली चीटले को कठघरे में खड़ा किया गया।

खुफिया सुरक्षा निदेशक किम्बर्ली चीटले की भूमिका

किम्बर्ली चीटले ने स्वीकार किया कि उनकी एजेंसी ने अपने मिशन में फेल हो गई, जो कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षा प्रदान करना था। चीटले ने इस घटना को दशकों में सबसे बड़ी ऑपरेशनल विफलता करार दिया। इसके बावजूद, उन्होंने कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नहीं दिए, जैसे कि क्या उन्होंने ट्रंप के अभियान को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने से इनकार किया था, क्यों एक सीधी पहुंच वाले छत को सुरक्षित नहीं किया गया, और रैली में खुफिया सुरक्षा संसाधनों को कैसे तैनात किया गया था।

समिति का रोष और इस्तीफे की मांग

समिति के सदस्यों, जिसमें चेयरमैन जेम्स कोमर और रैंकिंग मेंबर जैमी रास्किन शामिल थे, ने इस मामले पर गहरा आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने कहा कि खुफिया सुरक्षा अब अक्षम थाने का प्रतीक बन गई है और चीटले की अक्षमता उन्हें इस पद पर बने रहने के लिए अयोग्य बनाती है। उन्होंने चीटले के इस्तीफे की मांग की और इस घटना की पूरी जांच कराने के लिए स्पीकर माइक जॉनसन की टास्क फोर्स के साथ काम करने का वादा किया।

हाउस कमेटी द्वारा उठाए गए कदम

हाउस कमेटी ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रकार की सुरक्षा विफलताओं को दोहराया नहीं जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सुरक्षात्मक उपायों को पुनः मूल्यांकन करने और यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि भविष्य में ऐसे गंभीर खतरों से राष्ट्रपति सुरक्षित रहें।

इस सुनवाई ने स्पष्ट कर दिया कि असफल सुरक्षा उपायों के चलते न केवल राष्ट्रपति ट्रंप की जान जोखिम में पड़ी, बल्कि इस घटना में कोरी कंपरेटोर की जान चली गई और कई अन्य लोग जख्मी हुए। समिति ने इस घटना के पीछे छुपे कारणों को उजागर करने और दोषियों को जवाबदेह ठहराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की।

हमारे लोकतंत्र को सुरक्षित रखने और देश के शीर्ष नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि गंभीर तथ्यों और त्रुटियों पर ध्यान देकर सही कार्रवाई की जाए। इस घटना से कई महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं, जिनका उत्तर ढूंढ़ना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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akhila jogineedi

akhila jogineedi

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (16)

wave
  • Nivedita Shukla

    Nivedita Shukla

    जुल॰ 23, 2024 AT 19:04 अपराह्न

    जब शक्ति और जिम्मेदारी टकराती हैं, तो परिणाम अक्सर अंधकारमय होते हैं।
    किम्बर्ली चीटले की विफलता केवल एक व्यक्तिगत त्रुटि नहीं, बल्कि प्रणाली की दरार भी है।
    राष्ट्रपति के जीवन को जोखिम में डालने वाला कोई भी झूठा भरोसा, लोकतंत्र के लिए घातक धक्का है।
    सुरक्षा की बुनियाद में भरोसे का परमाणु संसाधन होना चाहिए, नहीं तो नींव फटती है।
    चरम स्थितियों में सतर्कता की कमी, पूरे प्रशासन की साख को धूमिल कर देती है।
    ऐसी घटनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि एक ही व्यक्ति की नाकामी, कई जीवनों को प्रभावित कर सकती है।
    भले ही समिति ने आवाज़ उठाई, पर सच्ची सुधार की राह लंबी और कठिन है।
    जीवित रहना केवल भाग्य नहीं, बल्कि सही संसाधन और योजनाओं का नतीजा है।
    सुरक्षा एजेंसियों को अपने अल्गोरिद्म को फिर से लिखना चाहिए, ताकि ऐसी त्रुटियाँ दोबारा न हों।
    इतिहास ने कई बार दिखाया है कि जब शक्ति के खेल में नैतिकता नहीं रहती, तब विनाश आता है।
    चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज़ करना, अंततः बड़ी कीमत चुकाने का रास्ता बन जाता है।
    समय है कि हम सभी मिलकर जवाबदेही की संस्कृति को जड़ से स्थापित करें।
    अंत में, यह समझना आवश्यक है कि सुरक्षा का मतलब केवल कवच नहीं, बल्कि एक जागरूक प्रणाली है।
    यदि हम इस सीख को अपनाते हैं, तो भविष्य में ऐसे हादसे शायद ही दोहराए जाएँ।
    आख़िरी बात, लोकतंत्र की रक्षा वही कर सकता है जो अपनी कमजोरियों को पहले पहचान ले।

  • Rahul Chavhan

    Rahul Chavhan

    जुल॰ 24, 2024 AT 17:17 अपराह्न

    सुरक्षा में लापरवाही को दूर करने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए।

  • Joseph Prakash

    Joseph Prakash

    जुल॰ 25, 2024 AT 15:30 अपराह्न

    किम्बर्ली की जिम्मेदारी पर सवाल उठाना जरूरी है 🙏 लेकिन हमें तथ्य पर ही टिके रहना चाहिए 😊.

  • Arun 3D Creators

    Arun 3D Creators

    जुल॰ 26, 2024 AT 13:44 अपराह्न

    सुरक्षा की भूल को हम सिर्फ एक व्यक्ति कारण नहीं बता सकते, यह तो पूरे विचारधारा की झलक है, सबको अपनी भूमिका समझनी चाहिए, नहीं तो फिर से वही कहानी दोहराएंगे।

  • RAVINDRA HARBALA

    RAVINDRA HARBALA

    जुल॰ 27, 2024 AT 11:57 पूर्वाह्न

    किसी भी एग्जीक्यूटिव को अपनी टीम की क्षमताओं से परिचित होना चाहिए, नहीं तो इस तरह की बड़ी लापरवाही से बचना असंभव है।

  • Vipul Kumar

    Vipul Kumar

    जुल॰ 28, 2024 AT 10:10 पूर्वाह्न

    भाईयों और बहनों, इस घटना से हमें यह सिख मिलती है कि सुरक्षा उपायों का नियमित ऑडिट कितना आवश्यक है।
    जब भी कोई नया रैली या इवेंट हो, पहले से ही एक चेकलिस्ट बनाइए, सभी संभावित जोखिमों को नोट करें, फिर उनका समाधान निर्धारित करें।
    इस तरह हम भविष्य में ऐसी त्रुटियों से बच सकते हैं।

  • Priyanka Ambardar

    Priyanka Ambardar

    जुल॰ 29, 2024 AT 08:24 पूर्वाह्न

    देश के सर्वोच्च नेता की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं है, हमें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए! 😤

  • sujaya selalu jaya

    sujaya selalu jaya

    जुल॰ 30, 2024 AT 06:37 पूर्वाह्न

    समिति का कदम सराहनीय है।

  • Ranveer Tyagi

    Ranveer Tyagi

    जुल॰ 31, 2024 AT 04:50 पूर्वाह्न

    सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए सबसे पहले, जोखिम मूल्यांकन का पुनः अध्ययन किया जाना चाहिए; फिर, तैनाती रणनीति को अपडेट किया जाए! इस प्रक्रिया में, सभी जुड़े पक्षों को विस्तृत रिपोर्ट प्रदान करनी होगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

  • Tejas Srivastava

    Tejas Srivastava

    अग॰ 1, 2024 AT 03:04 पूर्वाह्न

    क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि इतनी बड़ी गलती हुई, और फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई?!! यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता!! हमें तुरंत समाधान की मांग करनी चाहिए!!

  • JAYESH DHUMAK

    JAYESH DHUMAK

    अग॰ 2, 2024 AT 01:17 पूर्वाह्न

    इस सुनवाई ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में कई बुनियादी त्रुटियाँ मौजूद थीं।
    पहले, सुरक्षा बलों की तैनाती में स्पष्ट नियोजन की कमी थी।
    दूसरे, रैली स्थल का पूर्वजाँच पर्याप्त रूप से नहीं किया गया।
    तीसरे, सूचना प्रवाह में विलंब ने समय पर प्रतिक्रिया देने की संभावना को घटाया।
    चौथे, जोखिम प्रबंधन के मानकों को अद्यतन करने में प्रशासन की अक्षम्य चूक देखी गई।
    पाँचवें बिंदु के रूप में, उच्च स्तर के अधिकारियों ने संभावित खतरों को कम आंक लिया।
    यह तथ्य कि एक संभावित हमले की जानकारी उपलब्ध थी, फिर भी उचित उपाय नहीं किए गए, अत्यंत निराशाजनक है।
    सभी संबंधित एजेंसियों को अब एक संयुक्त कार्यसमिति बनानी चाहिए।
    इस कार्यसमिति का प्राथमिक उद्देश्य त्वरित सुधारात्मक कदम उठाना होना चाहिए।
    साथ ही, प्रत्येक सुरक्षा ऑपरेशन की नियमित ऑडिट सुनिश्चित की जानी चाहिए।
    वास्तविकता यह है कि केवल सैद्धांतिक नीतियों से कुछ नहीं बदलता, उन्हें व्यावहारिक रूप में लागू करना आवश्यक है।
    इस दिशा में, तकनीकी साधनों का उपयोग और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अद्यतन अनिवार्य है।
    यदि यह सुधारात्मक उपाय समय पर लागू नहीं होते, तो भविष्य में समान या अधिक गंभीर घटनाएँ संभव हैं।
    इसलिए, संसद को इस मुद्दे पर निरंतर निगरानी रखनी चाहिए और आवश्यकतानुसार विधायी कार्रवाई करनी चाहिए।
    अंत में, जनता का भरोसा ही हमारे लोकतंत्र की स्थिरता का आधार है; इसे पुनः स्थापित करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।

  • Santosh Sharma

    Santosh Sharma

    अग॰ 2, 2024 AT 23:30 अपराह्न

    हम सभी को इस संकट से सीख लेकर भविष्य की सुरक्षा को सुदृढ़ करने का संकल्प लेना चाहिए।

  • yatharth chandrakar

    yatharth chandrakar

    अग॰ 3, 2024 AT 21:44 अपराह्न

    रिपोर्ट में उल्लिखित कई बिंदु पहले ही चेतावनी के रूप में सामने आए थे, लेकिन अनदेखी की गई।

  • Vrushali Prabhu

    Vrushali Prabhu

    अग॰ 4, 2024 AT 19:57 अपराह्न

    अरे यार, ये तो बिलकुल भी सही नहिं है, सुरक्षा का तो सोचो ही नहीं, सब उलट पुलट हो गया! 🙈

  • parlan caem

    parlan caem

    अग॰ 5, 2024 AT 18:10 अपराह्न

    ऐसे भी बेकार रिपोर्ट बनाते हैं कि हर कोई उलझन में रह जाता है, सही काम तो कभी नहीं होता।

  • Mayur Karanjkar

    Mayur Karanjkar

    अग॰ 6, 2024 AT 16:24 अपराह्न

    सुरक्षा एक निरन्तर परिपूर्णता प्रक्रिया है; प्रत्येक असफलता नया ज्ञान उत्पन्न करती है।

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