एफडी खाते (Fixed Deposit) — क्या, क्यों और कैसे?

क्या आप अपने पैसों को सुरक्षित रखना चाहते हैं और बैंक से निश्चित ब्याज कमाना चाहते हैं? एफडी (Fixed Deposit) सबसे आसान और सुरक्षित विकल्पों में से एक है। इसमें आप एक तय समय के लिए राशि जमा करते हैं और बैंक या पोस्ट ऑफिस निश्चित ब्याज देता है। समय पूरा होने पर मूल राशि के साथ ब्याज भी मिलता है।

एफडी किस तरह काम करता है?

एफडी में आप अवधि (जैसे 7 दिन से 10 साल या उससे अधिक) चुनते हैं। बैंक हर साल तय प्रतिशत में ब्याज देता है। कुछ FDs कंपाउंडिंग के आधार पर काम करते हैं — साल में साल, तिमाही या मासिक कंपाउंडिंग। कुछ FDs मच्योरिटी पर ब्याज देते हैं। कंपाउंडिंग जितनी ज़्यादा बार होगी, कुल रिटर्न उतना बेहतर मिलता है।

दरें बैंक और पोस्ट ऑफिस, NBFC व सावेतिया योजनाओं में अलग होती हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए अक्सर 0.5% से 1% अधिक दरें मिलती हैं। टैक्स सेविंग FD में 5 साल का लॉक‑इन होता है और टैक्स लाभ मिलता है (ध्यान दें कि लॉक‑इन अवधि के दौरान पैसा नहीं निकाला जा सकता)।

किसमें निवेश करना बेहतर — बैंक, पोस्ट ऑफिस या NBFC?

बैंक FD सुरक्षित और आसान हैं, ऑनलाइन खोलने की सुविधा मिलती है। पोस्ट ऑफिस FD ग्रामीण व कम सुविधाओं वाले इलाकों में भरोसेमंद विकल्प है और समान दरें भी देते हैं। NBFC अक्सर थोड़ी अधिक ब्याज दर दे सकते हैं, पर क्रेडिट‑रिस्क अच्छे से जांच लें।

एफडी चुनते समय इन बातों पर ध्यान दें: ब्याज दर (fixed vs promotional), कंपाउंडिंग फ्रीक्वेंसी, प्री‑मैच्योर डेपॉज़िट पर पेनल्टी, और टैक्स व TDS नियम। उदाहरण के लिए, बैंक अक्सर 40,000 रुपए या उससे अधिक वार्षिक ब्याज पर TDS काटते हैं, पर आप फॉर्म 15G/15H देकर रोक सकते हैं अगर आपकी आय टैक्स के दायरे से कम है।

फायदे साफ हैं — जोखिम कम, निश्चित रिटर्न और आसान समझने वाली योजना। नुकसान भी हैं — बैलेंस जल्दी निकालना महंगा पड़ सकता है और मुद्रास्फीति से वास्तविक रिटर्न गिर सकता है।

एफडी खोलने और मैनेज करने के आसान टिप्स

1) लेंडर की दरें और कंपाउंडिंग जाँचें — छोटी अवधि की FD पर भी मिलती‑जुलती दरें बदलती रहती हैं।

2) Laddering करें — अलग‑अलग म्याच्योरिटी वाली एफडी बनाकर आपको नियमित पैसे मिलते रहेंगे और ब्याज दर चेंज होने पर लाभ भी मिल सकता है।

3) वरिष्ठ नागरिक हैं तो स्पेशल रेट देखें; कुछ बैंक अतिरिक्त सुविधाएँ देते हैं।

4) नामांकन कराएं और KYC डॉक्यूमेंट तैयार रखें — PAN, आधार, पता और आधार‑लिंक बैंक खाते से आसान प्रोसेस होगा।

5) टैक्स प्लानिंग: लॉन्ग‑टर्म के लिए टैक्स‑सेविंग FD या PPF/बॉन्ड के विकल्प भी देखें।

अगर आप एफडी से जुड़ी ताज़ा खबरें, ब्याज दर अपडेट या बैंक ऑफर्स देखना चाहते हैं, तो इस टैग पेज पर संबंधित लेख पढ़ते रहें। सवाल है? नीचे कमेंट करें — मैं मदद कर दूँगा।

सेबी ने निवेशकों को दी राहत: नामांकन विवरणों के बिना एफडी खाते नहीं होंगे फ्रीज

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पहले, यदि निवेशक अपने नामांकन विवरण प्रदान करने में असफल होते थे, तो उनके डिमैट खाते और म्यूचुअल फंड फोलियो फ्रीज हो जाते थे। अब सेबी ने इस नियम को शिथिल कर दिया है। नामांकन विवरणों को जमा करने की अंतिम तिथि अब 30 जून, 2024 है।