उत्तराखंड के चमोली में भारी बारिश के बाद दबे वाहन, IMD ने चेतावनी जारी की

चमोली में भारी बारिश का कहर

उत्तराखंड का चमोली जिला एक बार फिर भारी बारिश के कारण उत्पन्न हुई आपदा का सामना कर रहा है। 20 सितंबर 2021 को हुई इस घटना ने पूरे क्षेत्र में भय का माहौल पैदा कर दिया। अचानक हुई तेज बारिश ने एक गाँव को मलबे में तब्दील कर दिया, जिससे लगभग एक दर्जन वाहन उसमें दब गए। इस घटना में एक महिला को भी चोटें आईं, जिससे स्थानीय रहें काफी चिंतित हो गए।

बारिश के इस प्रकोप ने केवल वाहनों को ही प्रभावित नहीं किया, बल्कि इसने स्थानीय संरचना और परिवहन व्यवस्था को भी हिला कर रख दिया। लोगों का जीना मुश्किल हो गया और यातायात में काफी रूकावटें पैदा हुईं।

आईएमडी की चेतावनी और प्रशासन की तत्परता

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने पहले से ही इस बात की चेतावनी दी थी कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की संभावना है। मौसमी चेतावनी को देखते हुए, प्रशासन ने आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों को मुस्तैद कर दिया था, ताकि समय रहते मलबा साफ किया जा सके और निवासियों की सहायता की जा सके।

यह घटना एक बार फिर इस क्षेत्र की कमजोर भौगोलिक स्तिथि को उजागर करती है, विशेषकर मानसून के मौसम में यहाँ पर प्राकृतिक आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। इस क्षेत्र के लोग मौसम की मार से किस तरह निपट सकते हैं, इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

akhila jogineedi

akhila jogineedi

मैं एक पत्रकार हूँ और मेरे लेख विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय समाचारों पर केंद्रित होते हैं। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाओं पर विशेषज्ञता रखती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य जानकारीपूर्ण और सटीक समाचार प्रदान करना है। मैं जयपुर में रहती हूँ और यहाँ की घटनाओं पर भी निगाह रखती हूँ।

टिप्पणि (19)

wave
  • shubham garg

    shubham garg

    अप्रैल 11, 2025 AT 18:43 अपराह्न

    भारी बारिश से बचाव में सबको मिलकर हाथ बँटाना चाहिए!

  • LEO MOTTA ESCRITOR

    LEO MOTTA ESCRITOR

    अप्रैल 17, 2025 AT 13:37 अपराह्न

    हमारी पहाड़ियों ने कई बार सच्ची परीक्षा दी है, लेकिन लोग हमेशा साथ खड़े होते हैं। इस तरह की बाढ़ में एकजुटता ही सबसे बड़ा हथियार है। सरकार ने चेतावनी जारी की थी, फिर भी कई गांवों में तैयारियों की कमी दिखी। लेकिन आशा है कि अगली बार लोग अधिक सतर्क रहेंगे। हमारे छोटे-छोटे कदम बड़े बदलाव ला सकते हैं।

  • Sonia Singh

    Sonia Singh

    अप्रैल 23, 2025 AT 08:30 पूर्वाह्न

    बारिश के बाद की सड़कों की स्थिति देख कर दिल दुखता है, पर दानेदार धैर्य से काम लेना ज़रूरी है। स्थानीय लोग खुद ही मलबा साफ करने में जुटे हैं, यह देख कर उत्साह मिलता है।

  • Ashutosh Bilange

    Ashutosh Bilange

    अप्रैल 29, 2025 AT 03:23 पूर्वाह्न

    अरे बाप रे! चमोली में तो जैसे जमीन भी झुक गई हो! गाडी़याँ दब गईं, और लोग भी घबराए हुए हैं। कौन सोचता था कि बारिश इतना भयानक हो सकता है? अब सबको मिलकर मदद करनी पड़ेगी, नहीं तो और नुकसान होगा।

  • Kaushal Skngh

    Kaushal Skngh

    मई 4, 2025 AT 22:17 अपराह्न

    पिछले साल भी ऐसी ही बाढ़ आई थी, पर सरकार ने जल्दी से कोई समाधान नहीं निकाला। शायद अब भी वही चक्र दोहराया जा रहा है।

  • Harshit Gupta

    Harshit Gupta

    मई 10, 2025 AT 17:10 अपराह्न

    इंडिया की पहाड़ियों को सरकार को पहले से ही मजबूत बुनियादी ढाँचा देना चाहिए! बार-बार ऐसी बेमेल स्थितियाँ देख कर निराशा हो रही है। हमें अपने प्रदेश की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए, नहीं तो हमारी शान पर वार होगा।

  • HarDeep Randhawa

    HarDeep Randhawa

    मई 16, 2025 AT 12:03 अपराह्न

    चलो, देखते हैं, इधर-उधर, क्या हो रहा है, बाढ़ के बाद, लोग कैसे संभाल रहे हैं, क्या बचाव टीम पहुंची है, कौनसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, सब मिलकर एक समाधान निकालना पड़ेगा।

  • Nivedita Shukla

    Nivedita Shukla

    मई 22, 2025 AT 06:57 पूर्वाह्न

    चमोली की इस बाढ़ ने हमें फिर से याद दिला दिया कि प्रकृति का हक़ नहीं उठाया जा सकता। भारी बारिश के बाद अचानक उभरी हुई जलधारा ने गांव के कई हिस्सों को पूरी तरह से डूबा दिया। इस त्रासदी में न सिर्फ वाहन दबे, बल्कि कई परिवारों की रोज़मर्रा की ज़िंदगियाँ भी बिखर गईं। जिस तरह से स्थानीय लोग मिलजुल कर मलबा हटाने में जुटे, वही सच्ची भावना को दर्शाता है। वास्तव में, ऐसी आपदा में सरकारी कार्यवाही की गति अक्सर कमज़ोर दिखती है, लेकिन जनता की आत्मनिर्भरता हमें आशा देती है। आईएमडी की पूर्व चेतावनी के बावजूद कुछ लोग सतही तौर पर तैयार नहीं हो पाए। भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए परिपूर्ण चेतावनी प्रणाली और तेज़ आपातकालीन उपाय आवश्यक हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को देखते हुए, हमें अपने बुनियादी ढाँचे को भी मौसमी बदलावों के अनुसार ढालना होगा। पहाड़ी इलाकों में सड़कें और पुल अक्सर कमजोर होते हैं, इसलिए इनकी मजबूती पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही, स्थानीय स्तर पर पहले से ही बचाव प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएँ, जिससे लोग खुद को सुरक्षित रख सकें। इसके अलावा, बाढ़ के बाद रोग नियंत्रण में भी ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि पानी में फूले हुए बैक्टीरिया कई स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। यह स्पष्ट है कि केवल सरकार ही नहीं, बल्कि NGOs और सामुदायिक समूहों को भी मिलकर काम करना चाहिए। हम सबको इस बात का एहसास होना चाहिए कि प्रकृति हमें चेतावनी देती रहती है, और हमें उसका सम्मान करना चाहिए। यदि हम समय पर उपाय नहीं करेंगे, तो भविष्य में ऐसी बाढ़ के परिणाम और भी भयानक हो सकते हैं। अंत में, मैं सभी प्रभावित लोगों को जल्द स्वस्थ्य पुनर्प्राप्ति की शुभकामनाएँ देता हूँ, और आशा करता हूँ कि यह घटना हमें सतर्क रखेगी।

  • Rahul Chavhan

    Rahul Chavhan

    मई 28, 2025 AT 01:50 पूर्वाह्न

    बारिश के बाद की स्थिति देखकर लगता है कि समय पर संरचनात्मक सुधारों की कमी है। हम सभी को मिलकर स्थानीय प्रशासन से बेहतर रोड मैप की माँग करनी चाहिए।

  • Joseph Prakash

    Joseph Prakash

    जून 2, 2025 AT 20:43 अपराह्न

    वाह, क्या बूस्टर है ये मॉनसून! 🌧️🚗 लेकिन ट्रैफ़िक जाम और दबे हुए वाहन देख कर दिल नहीं खा रहा। चलो, मिलकर साफ़ सफ़ाई करें! 😅

  • Arun 3D Creators

    Arun 3D Creators

    जून 8, 2025 AT 15:37 अपराह्न

    बाढ़ ने सबको थका दिया है लेकिन उम्मीद अभी भी जिंदा है

  • RAVINDRA HARBALA

    RAVINDRA HARBALA

    जून 14, 2025 AT 10:30 पूर्वाह्न

    सरकार की एहतियात काफी कमज़र थी, चेतावनी जारी करने के बाद भी जमीन पर कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा लापरवाहपन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

  • Vipul Kumar

    Vipul Kumar

    जून 20, 2025 AT 05:23 पूर्वाह्न

    सबको याद रखना चाहिए कि ऐसी आपदाओं में पड़ोसियों की मदद ही सबसे बड़ी ताकत है। अगर आप किसी को देखो तो तुरंत सहायता करो, यही समाज का असली रूप है।

  • Priyanka Ambardar

    Priyanka Ambardar

    जून 26, 2025 AT 00:17 पूर्वाह्न

    हमारी शान को बचाने के लिये तुरंत कदम उठाओ! 🌄🚨

  • sujaya selalu jaya

    sujaya selalu jaya

    जुल॰ 1, 2025 AT 19:10 अपराह्न

    प्रकृति की शक्ति को समझना और उसके अनुसार जीवन शैली बदलना आवश्यक है।

  • Ranveer Tyagi

    Ranveer Tyagi

    जुल॰ 7, 2025 AT 14:04 अपराह्न

    ध्यान देने योग्य बात यह है, कि बाढ़ के बाद जल गुणवत्ता की जाँच करना अत्यंत ज़रूरी है!!! स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र को तुरंत नमूने लेकर परीक्षण करवाना चाहिए!!! साथ ही, निकटवर्ती क्षेत्रों में अस्थायी शरणस्थल स्थापित करना चाहिए, ताकि बेघर लोगों को राहत मिल सके!!!

  • Tejas Srivastava

    Tejas Srivastava

    जुल॰ 13, 2025 AT 08:57 पूर्वाह्न

    बिलकुल सही कहा, लेकिन सिर्फ बातों से काम नहीं बनेगा। जमीन पर कार्रवाई देखी जानी चाहिए!!!

  • JAYESH DHUMAK

    JAYESH DHUMAK

    जुल॰ 19, 2025 AT 03:50 पूर्वाह्न

    वास्तव में, बाढ़ के बाद जलस्रोतों की प्रदूषण संभावनाओं को कम करने के लिए एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है। इस रणनीति में जल परीक्षण के साथ-साथ जल शोधन इकाइयों की त्वरित स्थापना शामिल होनी चाहिए। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को सशक्त करना चाहिए, ताकि जलजनित रोगों का त्वरित उपचार संभव हो सके। अंत में, स्थानीय प्रशासन को समुदाय के साथ मिलकर पुनर्वास योजनाओं को तैयार करना चाहिए, जिसमें शैक्षणिक एवं आर्थिक पुनरुद्धार पर भी ध्यान देना आवश्यक है।

  • Santosh Sharma

    Santosh Sharma

    जुल॰ 22, 2025 AT 18:43 अपराह्न

    चलो, सब मिलकर इस चुनौती को पार करें और भविष्य में ऐसी आपदाओं के लिए बेहतर तैयारी करें।

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