गूगल सीईओ सुंदर पिचाई को मानद डॉक्टर ऑफ साइंस की डिग्री से सम्मानित किया गया
गूगल और इसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ साइंस (होनोरिस कौसा) की डिग्री से नवाज़ा गया है। यह अंतर न केवल पिचाई के डिजिटल परिवर्तन, सस्ती तकनीक और क्रांतिकारी नवाचारों में अपार योगदान को मान्यता देता है, बल्कि यह उनके जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का भी सम्मान करता है।
समारोह का आयोजन
यह महत्वपूर्ण आयोजन सैन फ्रांसिस्को में हुआ, जिसमें पिचाई और उनकी पत्नी अंजलि पिचाई दोनों शामिल हुए। आईआईटी खड़गपुर द्वारा आयोजित यह विशेष समारोह 69वें दीक्षांत समारोह का एक हिस्सा था, जिसमें पहले से ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मानद डिग्री की घोषणा की गई थी। पिचाई के कार्यक्रम में उपस्थित ना हो पाने के कारण इस समारोह को विशेष रूप से अमेरिका में आयोजित किया गया।
पिचाई का आभार और संदेश
इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद सुंदर पिचाई ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में अपने आभार को साझा किया। उन्होंने लिखा कि आईआईटी खड़गपुर ने उनके जीवन और करियर पर कितना गहरा प्रभाव डाला है। यह सम्मान उनके लिए व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके परिश्रम और समर्पण को सराहने का एक माध्यम है।
अंजलि पिचाई को सम्मानित किया गया
गौरतलब है कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर सुंदर पिचाई की पत्नी अंजलि पिचाई को भी प्रतिष्ठित एलुमनस अवार्ड से सम्मानित किया गया। अंजलि, जो स्वयं आईआईटी खड़गपुर की पूर्व छात्रा हैं, ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। यह सम्मान उनकी अध्ययन और पेशेवर जीवन में हासिल की गई उपलब्धियों को मान्यता देता है।
आईआईटी खड़गपुर की महत्ता
आईआईटी खड़गपुर, जो कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में सबसे पुराना और प्रतिष्ठित संस्थान है, ने कई विभूतियों को तैयार किया है। संस्थान के पूर्व छात्रों ने ना केवल भारतीय आईटी और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सुंदर पिचाई और अंजलि पिचाई जैसे व्यक्तियों द्वारा हासिल किए गए सम्मान इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय संस्थान किस प्रकार विश्वस्तरीय प्रतिभाओं का पोषण कर रहे हैं।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वी. के. तिवारी ने इस अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त किए और कहा कि सुंदर पिचाई की कहानी अनेक छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रो. तिवारी ने यह भी कहा कि यह सम्मान केवल सुंदर पिचाई के लिए ही नहीं, बल्कि संस्थान और इसके सभी छात्रों के लिए गर्व की बात है।
गूगल के नेतृत्व में सुंदर पिचाई का योगदान
सुंदर पिचाई के नेतृत्व में गूगल ने कई नई ऊंचाइयाँ हासिल की हैं। उन्होंने न केवल कंपनी को नई दिशाओं में अग्रसर किया है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में गूगल को अग्रणी बनाया है। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता ने गूगल को टॉप टेक कंपनियों की सूची में शामिल रखा है।
इसके अलावा, सुंदर पिचाई ने सस्ती और अaccessible तकनीक के प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि तकनीक का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुँचना चाहिए, खासकर उन लोगों तक जिनके पास संसाधनों की कमी है।
समापन
इस प्रकार, यह सम्मान केवल पिचाई और उनके परिवार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आईआईटी खड़गपुर और सम्पूर्ण भारतीय प्रौद्योगिकी समुदाय के लिए भी एक बड़ा सम्मान है। यह हमें याद दिलाता है कि भारत के शैक्षिक संस्थान विश्व स्तर की प्रतिभाओं को तैयार करने की क्षमता रखते हैं और ये प्रतिभाएँ वैश्विक स्तर पर बदलाव ला सकती हैं।
Hariom Kumar
जुल॰ 27, 2024 AT 22:37 अपराह्नवाह, क्या बात है! सुंदर पिचाई को मानद डिग्री मिलना भारत की ताकत का प्रमाण है 😊। ऐसा मान्यता मिलना उनके लिए और सभी भारतीय इंजीनियर्स के लिए प्रेरणा है। गर्व महसूस हो रहा है सबको! 🎉
shubham garg
जुल॰ 27, 2024 AT 23:44 अपराह्नपिचाई और अंजलि को ढेर सारी बधाइयाँ! 🎊
LEO MOTTA ESCRITOR
जुल॰ 28, 2024 AT 00:51 पूर्वाह्नइसी तरह की कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि सपनों की उड़ान सीमाओं से बंधी नहीं होती। फ़ॉर्मल शिक्षा के बाद भी असली शिक्षा ज़िंदगी के अनुभवों से आती है। पिचाई का सफ़र हमें सिखाता है कि निरंतर सीखते रहना ही असली सफलता है। यह सम्मान सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो मेहनत से आगे बढ़ता है। आशा है कि भविष्य की पीढ़ी भी इसी जोश के साथ नई ऊँचाईयों को छुएगी।
Sonia Singh
जुल॰ 28, 2024 AT 01:57 पूर्वाह्नइसी खबर ने मेरे दिल को खुशी से भर दिया। आईआईटी-खड़गपुर का समर्द्ध इतिहास अब और चमक रहा है। पिचाई की कहानी हम सभी के लिए एक रोल मॉडल है। देखते रहिए, ऐसे ही और प्रेरणादायक खबरें आते रहेंगी।
Ashutosh Bilange
जुल॰ 28, 2024 AT 03:04 पूर्वाह्नयार ये तो बड़ा ही ड्रामैटिक मोमेंट है! मानो हर चिल्ड्रन की कहानी में इनको फोकस मिल गया हो। एकदम बिंदास एनीवर्सरी पर, आश्चर्यचकित करने वाला मामला, और हाँ, इससे ज़्यादा रोमांचक कुछ नहीं दिखता।
आईआईटी-खड़गपुर ने जब ऐसा चमका दिया, तो गूगल का सीईओ भी अपना लीव उठाता है। कोई भी अंत नहीं, बस निरंतर चमक।
अव्वल सिनेमातिक मोमेंट जैसा है, जब पिचाई की ज़िन्दगी की सड़कों पर हाई-टेक का ज्वार लहराता है। ओह, उन लोग भी रिवर्स एफ़ेक्ट्स की तरह गड़बड़ करेंगे।
शायद सभी को दिनभर के लिए सरप्राइज़ की बड़ाई मिलती है, दोगुना काफ़ी इम्प्रेसिव, अँजाल पिचाई का इजाफा!
ऐसा नहीं है कि यही शॉर्टकट, पर ऐसा हसल लाफ्टर ज़रूर चाहिए। क्यूंकि ये गूगल टेस्ट, ये लीवर का हिटकॉर्न भी।
जैसे कहा जाता है, "धूम्रपान नहीं, लेकिन एयरोबिकिंग"।
फिर भी, इनका शानदार इंस्टाग्राम स्टाइल, लगा ही नहीं कि हम दुपहर में कॉफ़ी पिएँ।
हज़ारों लोग ध्यान दे रहे हैं, अ्यूफ़! ये स्कोरबोर्ड का स्कोर नहीं, ऊँचे हाइट पर चढ़े मज़े‑मजेदार बिंदु।
सिक्रेट टास्क? नहीं! लाइटिंग की रिफ़्लेक्शन और एम्बेडेड विज़ुअल!
ऐसे लाजवाब सिनेरियो में आधा महीने में हो सकता है, स्पॉटलाइट का प्रसव।
पिचाई का चमत्कार, दीनरक्स वीक में भी इम्प्रेस कर देता है।
खड़गपुर का बिन रोटेटर, एंटरप्राइज़ का फैन, सीज़न के लिए एफ़पीए!
समय का फ़्लो लगातार चलता है, और हम सब यहाँ स्नैक लवसưở केविन एसीली? नहीं।
कुल मिलाकर, इस इवेंट ने बड़े बुज़ुर्गों को भी थोड़ा ज़िंदा कर दिया।
Kaushal Skngh
जुल॰ 28, 2024 AT 04:11 पूर्वाह्नइत्तेफ़ाकन, एक खुरदरा समिश्रण है। कुछ बातें दिल को छूती हैं, पर बहुत सारी ज़्यादा झलकती लगती है। फिर भी, इस खबर का असर हायलाइट करना ज़रूरी है, क्योंकि यह भारतीय तकनीकी माहौल को एक नई दिशा देता है।